सेहत – गैस्ट्रो डॉक्टर से जानें इसके गंभीर दुष्प्रभाव

सिरदर्द की दवा के दुष्प्रभाव: सिर दर्द हो या बदन दर्द, जोड़ों का दर्द हो या कमर में दर्द या पीठ में दर्द, लोग अमूमन केमिस्ट के पास चले जाते हैं और उनकी दवा खरीद ले जाते हैं। इसके लिए एक सामान्य दवा है आइबूप्रोफेन। आइबूप्रोफेन दवा का एक साल्ट अकेला है जो भी आता है और पैरासिटामोल के साथ भी आता है। इसे अलग-अलग निवेशकों से बाजार में बेचा जाता है। लोग खुद भी इसे खरीद कर ले लेते हैं। लेकिन अगर आप इस दवा का अधिक मात्रा में सेवन करेंगे तो यह आपके पेट के सभी पोषक तत्वों को ख़त्म कर देगा। यदि मामला बढ़ गया तो यह घाव और अल्सर में भी बढ़ेगा। इस भयंकर प्रभाव के बारे में न्यूज 18 ने सर गंगाराम हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पेनक्रिएटिक बिलिएरी साइंसेज के कंसल्टेंट डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी से बात की.

ऐसे आंदोल को लगता है क्रशने

डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि हमारी पेंटिंग को कुदरत ने बेहद कलाकारी से बनाया है। हम जब भी खाते हैं तो इनके साथ लोहा, मरकरी, लेड, कार्बन, मैगनीज, गिन्जम जैसी भारी वस्तुएं भी चलायी जाती हैं। अगर यह अंत में चला जाए तो अंत को जबरदस्त मजा आता है लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा भागने के लिए न्यूयॉर्क पर म्यूकस का स्टोर रखा रहता है। यह होने वाले म्यूकस से किसी भी भारी चीज को सीधे तब तक संपर्क नहीं किया जा सकता जब तक यह एब्जॉर्ब न हो जाए। म्यूज़ियम के उपनगर म्यूज़िन नाम का चिपचिपा पदार्थ होता है जो इन अवशेषों को अपने आप में लपेट लेता है। प्रोस्टाग्लैंडीन दिन-रात काम करता है म्यूकस और म्यूसिन को मजबूत बनाने के लिए। इस तरह के लक्षणिव मैकेनिज्म के कारण ही हमारी खुली जगहों में इतनी खतरनाक चीजें पाई जाती हैं और कुछ भी नहीं होता है। लेकिन आइबूप्रोफेन दवा आंत्र की क्रॉइनल म्यूकस को डैमेज करने लगती है। जब म्यूकस फ़्राईफ़ लगता है तो बाद की दीवार में खोँच होने लगती है जिससे घाव हो जाता है और यह ठीक होने में समय लगता है। यदि आपको कभी-कभार आइबूप्रोफेन टैबलेट प्रभावी है तो यह कुछ दिन बाद फिर से ठीक हो जाता है लेकिन लगातार खाने से मामूली नुकसान होने लगता है।

इको गार्ड देर से लगता है

डॉ. श्रीहरि ने बताया कि म्यूकस की रक्षा के लिए जो प्रोस्टाग्लैंडीन नाम का रसायन रसायन है, यह जिस रास्ते से है आइबूप्रोफेन के प्रभाव से वह दूर होना बंद हो जाता है। है. एक तरह से यह हमारे पेट के लिए एंटीऑक्सीडेंट गार्ड का काम करता है लेकिन औषधि के प्रभाव से अल्ट्रासाउंड गार्ड खराब होने लगता है। इससे अंतिम दीवार का ढाँचा बना रहता है। अगर कोई इस औषधि का सेवन करे तो बाद में घाव हो जाता है। इससे लगातार पेट में दर्द, सिर में दर्द जैसी समस्या होती रहेगी। डॉ. श्री हरि कहते हैं कि यदि आप आइबूप्रोफेन दवा एक सप्ताह तक खा लें तो पेट में दर्द लगातार होने लगता है। अगर और ज़्यादा दिन बचा तो पेट में एसिड ज़्यादा हो गया। और अधिकांश दिनों तक पेट में एसिड बनने से पेट में अल्सर भी हो सकता है। फिर भी पेट ही नहीं कई अन्य अंग भी प्रभावित हुए।

कैसे होता है इस दवा का असर

डॉ. श्रीहरि अनिखिंडी ने बताया कि जब स्टॉल का रंग काला होना चाहिए तो इसका मतलब यह है कि लाइनिंग से खून निकल रहा है। कुछ लोगों में दवा के असर के कारण आंत के अंदर सूडो में ब्रेन (स्यूडोमेम्ब्रानस)नाम की एक चीज बन जाती है जो कि लिबरल में भी विभेदित हो सकती है। हालाँकि यह बहुत ही गंभीर मामले होते हैं। आमतौर पर अगर आप लगातार कई दिनों से आइबूप्रोफेन की गोली ले रहे हैं और पेट में दर्द हो रहा है तो इसे तुरंत बंद कर दें। अगर पेट में दर्द के साथ-साथ खून भी आ रहा है तो इसका मतलब यह है कि इस दवा का असर दिखना शुरू हो गया है।

फिर किस तरह लें यह टैबलेट

डॉ. श्रीहरि ने बताया कि जो औषधियां बनती हैं उनका उपयोग परेशानी में न हो। जब भी सिर या शरीर में दर्द होता है तो इस औषधि का सेवन करना चाहिए लेकिन किसी भी हाल में 5-7 दिन से अधिक समय तक इस औषधि का सेवन न करें। अगर आपको इसकी जरूरत महसूस हो तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर आपके शरीर के कंडीशन को देखते हुए इस दवा को कब और कितनी देर में लें, इसकी सलाह देंगे। अपने मन से नहीं लें. आइबूप्रोफेन की जगह पर कई नॉन-स्टेरॉयडल एंटीफ्लेमेट्री दवा (एनएसएआईडी) दी जाती है जिसका पेट पर बहुत कम दुष्प्रभाव होता है।


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