सेहत – समुद्र तट पर क्यों चढ़ा है बीपी का मीटर? डॉक्टर से जानें इसकी वजह, नियंत्रण करने में अनावश्यक मदद
सर्दियों में बीपी बढ़ने के कारण: उत्तर भारत में ठंड की शुरुआत हो चुकी है और हिस्सों पर कारोबार हो रहा है। इसकी वजह मैदानी इलाकों में भी ग्रोथ ग्रोथ है। ऐसा लगता है कि पूर्वी सीज़न लोगों के लिए अच्छा है, लेकिन यह सीज़न स्वास्थ्य के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। अंतिम समय में तापमान कम लगता है, जिसका असर हमारे शरीर पर होता है। इस मौसम में कई लोगों का खून बढ़ने लगता है और उनका बीपी नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा क्यों होता है और इसका मौसम से क्या कनेक्शन होता है? इस बारे में डॉक्टर से जान लें हैं.
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनिता अरोड़ा ने News18 को बताया कि अमेरिका के मौसम में तापमान कम हो जाता है और शरीर टेंपरेचर को मेंटेन करने के लिए ब्लड वेसल्स का प्रदर्शन किया जाता है। इससे रक्त प्रवाहित होता है। ब्लड वेसल्स का ब्लड स्ट्रक्चर हो जाता है, तब हार्ट को पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, इससे ब्लड वेसल्स बढ़ने लगते हैं। हाई बीपी के मरीज़ को सबसे ज़्यादा परेशानी होती है। पूर्वी एशिया में लोगों की इलाइची सक्रियता कम हो जाती है, जिसके कारण भी रक्त में वृद्धि हो सकती है। बीपी के लिए सूची जरूरी है।
डॉक्टर ने बताया कि समुद्र में लोगों का खान-पान भी काफी बदल जाता है। इस सीजन में लोग ज्यादातर तला-भुना, पिज्जा और हॉट फूड्स और ड्रिंक्स का सेवन करना पसंद करते हैं। इसके कारण शरीर में पोषक तत्व की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे रक्त की मात्रा बढ़ सकती है। अत्यधिक गर्म पानी और चाय पीने के सेवन से भी रक्तचाप प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा समुद्र तट पर सूरज की रोशनी कम हो जाती है, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। यह कमी ब्लड वेसेल्स के स्तर को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि विटामिन डी की कमी से ब्लड वेसेल्स का प्रसार कम हो सकता है।
अब सवाल है कि हाई बीपी के मरीज़ में ब्लड वॉल्यूम को कैसे नियंत्रित किया जाए? इस पर डॉक्टर वनिता ने बताया कि रक्तचाप को नियंत्रित करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह रक्तचाप को नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। आप घर के अंदर योग, स्क्रीनिंग या अन्य चपलता सक्रियता प्राप्त करें। धूप के बाद सैर कर सकते हैं। इससे ब्लड फ्लो सही बना रहेगा और ब्लड फ्लो कंट्रोल में रहेगा। ससुरंग, या वर्कआउट-फुलके व्यायाम कर सकते हैं। व्यायाम रक्त संचार को बेहतर बनाता है और रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है। ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों के आकार से शरीर का स्तर नियंत्रित रहता है और रक्त वाहिकाएं कम बनी रहती हैं, जिससे रक्त के मिश्रण को फिजियोलॉजी में करने में मदद मिल सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह तो समुद्र तट पर अपने पोर्टफोलियो पर विशेष ध्यान दें। ताला-भुना और शाकाहारी खाना मुख्य न स्थिर। इससे बीपी का बढ़ने का जोखिम कम हो जाएगा। अपने उत्पादों में सबसे ज्यादा फल, हरी औषधि, मूंगफली और मछली का सेवन करें। इससे बी.पी. नियंत्रित रहता है. आंशिक रूप से तनाव की स्थिति में भी रक्त की आपूर्ति को बढ़ाया जा सकता है। इसलिए खुद को शांत और तनावमुक्त रखने के लिए ध्यान, योग या गहरी सांस लेने का अभ्यास करें। इसके अलावा इसमें मौजूद पदार्थ में मौजूद नमक की मात्रा को नियंत्रित किया जाता है और ठंडे के बजाय गर्म पानी से नहाया जाता है। इससे बीपी को कंट्रोल में रखने में मदद मिल सकती है। अगर इन सभी सावधानियों के बावजूद भी बीपी बढ़ रहा है, तो डॉक्टर से मिलकर सलाह लें और दवा के समय पर लें।
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पहले प्रकाशित : 5 दिसंबर, 2024, 12:39 IST
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