बेंगलुरु भगदड़- RCB मार्केटिंग हेड की याचिका पर सुनवाई आज:हाईकोर्ट में कहा- गिरफ्तारी अवैध, सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने CM सिद्धारमैया के कहने पर ऐसा किया- INA NEWS

कर्नाटक हाईकोर्ट आज RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले की याचिका पर सुनवाई करेगा। निखिल को 6 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। सोसले की याचिका में उनकी गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल उठाया गया है। साथ ही आरोप लगाया गया कि पुलिस की कार्रवाई राजनीतिक निर्देशों से प्रभावित थी। निखिल के वकील ने कोर्ट ने बताया सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने उन्हें सीएम सिद्धारमैया के कहने पर अरेस्ट किया था। 9 जून की सुनवाई में कोर्ट ने निखिल को अंतरिम राहत नहीं दी थी। जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार ने कहा कि निखिल सोसले से जुड़ी याचिका पर सुबह 10.30 बजे अलग से सुनवाई की जाएगी। याचिका में सवाल- क्या पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार था सोसले के वकील संदेश चौटा ने 9 जून की सुनवाई में कोर्ट में सवाल किया कि क्या पुलिस अधिकारियों के पास सोसले को गिरफ्तार करने का अधिकार था। निखिल की गिरफ्तारी सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) ने की थी, न कि मामले की जांच कर रही पुलिस ने। चौटा ने आरोप लगाया कि यह गिरफ्तारी किसी जांच के लिए नहीं, बल्कि इसलिए हुई क्योंकि मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए थे। डीके बसु के फैसले का हवाला देते हुए, चौटा ने कहा कि किसी को बिना बताए नहीं उठा सकते। पीड़ित के अधिकारों का उल्लंघन किया गया। कर्नाटक सरकार ने 5 जून को खुद ही अदालत में कहा था कि जांच सीआईडी को सौंप दी गई है, इससे सीसीबी के अधिकार क्षेत्र पर संदेह होता है। जब मामला CID को सौंप दिया था, तो सीसीबी कैसे तस्वीर में आ गई? सरकार का पक्ष- रेस्टॉरेंट में नहीं बैठे थे, एयरपोर्ट पर थे सुनवाई के दौरान जस्टिस कृष्णा ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री ने खुले तौर पर कहा था कि गिरफ्तारियां की जाएंगी, तो एडवोकेट जनरल ने कहा कि उन्हें रिकॉर्ड चेक करना होगा। सरकार के पक्ष लेते हुए शेट्टी ने कहा कि अधिकारी सिर्फ अपना काम कर रहे थे। ऐसा नहीं है कि निखिल किसी रेस्टॉरेंट में लंच कर रहे थे। वे सुबह 5 बजे एयरपोर्ट जा रहे थे, उन्हें क्या करना चाहिए? एजी ने कहा- सोसले की रिमांड पहले ही हो चुकी थी, जिससे अंतरिम राहत की जरूरत नहीं थी।एडवोकेट जनरल शशिकिरण शेट्टी ने दलीलों पर जवाब देने के लिए समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट के अर्नब गोस्वामी केस का भी जिक्र किया सुनवाई के दौरान जस्टिस कृष्णा ने अर्नब गोस्वामी केस में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया।जज ने कहा कि अगर प्राइमाफेसी मटैरियल मौजूद नहीं है, तो अंतरिम जमानत दी जा सकती है। जज ने कहा- “सीआईडी को एक पल के लिए भूल जाइए। कब्बन पार्क पुलिस ने मामला अशोक नगर पुलिस को सौंप दिया, जिसने फिर सीसीबी से गिरफ्तारी का अनुरोध किया। मुद्दा यह है कि एक बार मामला सीआईडी को सौंप दिए जाने के बाद, क्या किसी और के पास अधिकार था?”
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