यूपी- प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर SC में सुनवाई टली, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने दायर की है याचिका – INA
जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. यह याचिका मुस्लिम संगठन ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट एक्ट यानि उपासना स्थल अधिनियम 1991 को लेकर दायर की है. हालांकि समय की कमी के चलते सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई नहीं हो सकी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया है.
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने संभल हिंसा और अजमेर दरगाह पर हिंदुओं के दावे को लेकर यह याचिका दायर की है. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट से जुड़ी यह याचिका हिंदू दावे को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने पहले इस अहम मामले की सुनवाई के लिए हामी भरी थी.
3 जजों की बेंच करेगी याचिका पर सुनवाई
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अनुरोध पर भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई के लिए सहमति दे दी थी. उन्होंने मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ के समक्ष सुनावई करने का आदेश जारी किया था. वहीं, याचिका पर सुनवाई आज होनी थी. लेकिन समय की कमी के कारण सुनवाई नहीं हो सकी.
वहीं, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करने का आदेश दिया. आज जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट राजू रामचंद्रन, एडवोकेट वृंदा ग्रोवर, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड इजाज मकबूल, एडवोकेट शाहिद नदीम, एडवोकेट सैफ जिया, एडवोकेट मुजाहिद अहमद और अन्य लोग अदालत में उपस्थित थे.
SC के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर की थी सुनवाई की मांग
जमीयत उलमा-ए-हिंद ने संभल मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में यह अर्जी दाखिल की है. जमीयत का कहना है कि धार्मिक स्थलों के 1947 के स्वरूप को बनाए रखने की बात करने वाले प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए. इससे पहले जमीयत के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर जल्द सुनवाई की मांग की थी.
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उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई. सर्वे के दौरान उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव और फायरिंग की. जवाब में पुलिस की कार्रवाई और फायरिंग में चार लोगों की जान चली गई. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. साथ ही 10 दिसंबर तक जिले में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. हालांकि, संभल में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं.
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