भूटान की धरती पर असम के मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक दौरा: क्षेत्रीय आर्थिक विकास की नई संभावनाएं

रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी

थिम्पू, भूटान: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भूटान के दौरे पर अपने दो दिवसीय कार्यक्रम के तहत भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर महत्वपूर्ण चर्चा की। यह यात्रा विशेष रूप से इस साल भूटान के 117वें राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर हुई, जिसमें मुख्यमंत्री राजकीय अतिथि के रूप में शामिल हुए।

भूटानी विदेश मामलों के मंत्री ल्योनपो डी. एन. धुंग्येल द्वारा पारो हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री सरमा का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस स्वागत के साथ-साथ थिम्पू में पारंपरिक भूटानी नृत्य और असम के प्रसिद्ध बिहू नृत्य की विशेष प्रस्तुति ने इस यात्रा को और भी खास बना दिया। ये सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक जुड़ाव को दर्शाते हैं, बल्कि भारत-भूटान संबंधों की गहराई को भी स्पष्ट करते हैं।

मुख्यमंत्री सरमा ने थिम्पू में आयोजित एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस शिखर सम्मेलन में उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत और भूटान के बीच आगे के सहयोग के लिए नए रास्तों की तलाश की। इस वार्ता में विशेष रूप से बुनियादी ढांचे, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, कौशल विकास और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर बल दिया गया।भूटान की धरती पर असम के मुख्यमंत्री का ऐतिहासिक दौरा

मुख्यमंत्री ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में भूटान के साथ असम के घनिष्ठ भौगोलिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि आगामी गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी, ऊर्जा उत्पादन, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और कौशल विकास में घनिष्ठ सहयोग के कई अवसर मौजूद हैं। यह स्पष्ट है कि असम और भूटान के बीच स्थायी संबंधों को सुधारने के लिए दोनों पक्षों की इच्छा और रचनात्मकता की कोई कमी नहीं है।

सरमा ने चांगलिमथांग स्टेडियम में आयोजित भूटान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भी भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने 117वें राष्ट्रीय दिवस को ‘शाही उत्सव’ का नाम दिया और भूटान नरेश वांगचुक के निमंत्रण के लिए उनका आभार व्यक्त किया। यह समारोह भूटान के सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने के साथ-साथ दोनों देशों के बीच मित्रता को और मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर था।

इस दौरे का महत्व केवल राजनीतिक और आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दो देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूती प्रदान करता है। असम के मुख्यमंत्री की इस यात्रा के दौरान, दोनों देशों के बीच नई संभावनाओं की खोज और साझा विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यह स्पष्ट है कि संपूर्ण दक्षिण एशिया के लिए भारत और भूटान के बीच स्थायी और संवहनीय संबंधों का निर्माण करना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री सरमा के नेतृत्व में असम की सरकार ने भूटान के साथ सहयोग को बढ़ावा देने का प्रण लिया है, जो क्षेत्रीय विकास में एक नया अध्याय जोड़ सकता है। आने वाले समय में, इस यात्रा के परिणामस्वरूप असम और भूटान के बीच विभिन्न परियोजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की नई उड़ान देखने को मिल सकती है।

असम और भूटान के बीच यह सहयोग केवल दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र की स्थिरता और विकास की संभावनाओं में भी इजाफा होगा। ऐसी ही यात्रा और संवाद भारत और भूटान के बीच एक दृढ़ और स्थायी संबंध स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगे। इस चर्चा और उद्यम के जरिए, हम यह आशा कर सकते हैं कि असम और भूटान एक साथ मिलकर आने वाले कल को और भी उज्जवल बना सकेंगे।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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