दुनियां – एक डॉक्टर कैसे बन गया सीरिया का राष्ट्रपति? बशर के अकूत खजाने का राज.. – #INA
कभी सीरिया में जिसके परिवार का सिक्का चलता था, जिसके परिवार ने 50 साल से ज्यादा समय तक सीरिया पर राज किया, उसकी सत्ता अब छिन चुकी है. तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति बशर सीरिया छोड़कर भाग चुके है. असद की सत्ता खत्म होने के बाद दमिश्क के प्रेसिडेंशियल पैलेस में विद्रोही घुस गए और जिसके हाथ जो भी लगा उसे लूटकर वो भागने लगा.
तख्तापलट से पहले पूरे सीरिया में बशर के परिवार, उनके रसूख और उनकी दौलत को लेकर चर्चाएं होती रही हैं. दौलत के मामले में अच्छी-अच्छी शख्सियतें बशर से पीछे हैं. बशर की अकूत दौलत को लेकर कई तरह की कहानियां मशहूर हैं.
माना जाता है कि असद के परिवार की कुल संपत्ति 120 बिलियन डॉलर तक हो सकती है. असद का परिवार सीरिया की अर्थव्यवस्था के करीब 60 से 70 फीसद हिस्से को नियंत्रित करता था. असद परिवार के पास रियल एस्टेट, प्राकृतिक संसाधन, कला और आभूषण का विशाल पोर्टफोलियो है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैप्टागॉन नाम की एक गोली ने भी असद के परिवार को खूब मालामाल किया. इस गोली से सिर्फ एक साल में करीब 4 लाख 81 हजार 199 करोड़ रुपये की कमाई हुई.
कोई साधारण गोली नहीं है कैप्टागॉन
असल में यह गोली कोई साधारण गोली नहीं है. बल्कि एक ड्रग है, जिसका इस्तेमाल पहले तो डिप्रेशन के इलाज के तौर पर किया जाता था, लेकिन अब उसे नशे के तौर में सीरिया में लोग इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, सीरिया सरकार ने कई बार इस ड्रग यानी कैप्टागॉन के उत्पादन से असद परिवार के जुड़े होने की खबरों को नकारा है. बशर राष्ट्रपति बनने से पहले सेना में भी रह चुके थे, उन्होंने 1998 में लेबनान फाइल की अगुवाई भी की थी और लेबनान में सत्ता परिवर्तन में बड़ी भूमिका भी निभाई थी.
ब्रिटिश मूल की लड़की से शादी
सीरियाई सेना के कमांडर इन चीफ होने के बावजूद, बशर कभी भी सेना की वर्दी में नहीं दिखे. वो हमेशा ही एक बिजनेसमैन की तरह सूट में दिखते थे. उन्होंने साल 2000 में ब्रिटिश नागरिक अजमा अखरास से शादी की. अपनी पत्नी अजमा से बशर लंदन में उस समय मिले थे, जब वो वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. बाद में उन्होंने उनसे शादी कर ली. बशर की पत्नी अजमा अखरास ने लंदन से कंप्यूटर साइंस और फ्रेंच लिटरेचर में डिग्री हासिल कर रखी है. बशर से शादी से पहले वो इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में काम करती थीं. माना जाता है कि उन्होंने बशर की छवि को एक उदारवादी सुधारक के रूप में आकार देने में अहम भूमिका निभाई. कहा जा रहा है कि विद्रोह शुरू होने के बाद अपने बच्चों के साथ वो लंदन चली गईं.
असद परिवार का सीरिया में प्रभुत्व
कहा जाता है कि सीरिया की सरकार में असद ही नहीं, बल्कि परिवार के कई लोगों का प्रभुत्व था. जानकारी के मुताबिक, बशर का एक इंटरनल सर्किल था, जो सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेता था.
इस सर्किल में उनके परिवार के करीबी सदस्य शामिल थे. पत्नी के अलावा इसमें बशर की मां, भाई, बहन और उसके पति भी शामिल थे. बशर के बारे में माना जाता है कि राजनीति में आने से पहले वो एक गैर-सियासी व्यक्ति थे, संयोग से उन्हें अपने परिवार की राजनीतिक विरासत संभालनी पड़ी.
शांत स्वभाव के थे बशर
बशर बचपन से ही शांत स्वभाव के थे, जिनकी राजनीति और सेना में रुचि नहीं थी. असद ने दमिश्क यूनिवर्सिटी से मेडिसिन में स्नातक की पढ़ाई की थी और सेना में डॉक्टर थे. इसके अलावा असद ने लंदन में एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में भी काम किया था. बशर के पिता उनके बड़े भाई बासेल को भविष्य में सीरिया के राष्ट्रपति बनाना चाहते थे, लेकिन कार दुर्घटना में उनकी मौत के बाद सीरियाई सेना ने उन्हें लंदन से वापस सीरिया बुला लिया. इसके बाद बशर के पिता ने उन्हें असद वंश का वारिस बनाने का फैसला कर लिया.
2011 में शुरू हुआ विरोध
साल 2000 में बशर ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और नया राजनीतिक सुर अपनाया. राष्ट्रपति रहते हुए 2011 में बशर का सीरिया में ही विरोध इतना बढ़ गया कि सेना को उसे कुचलना पड़ा. तब से बशर की छवि एक तानाशाह की बन गई और उनके विरोधियों की संख्या लगातार बढ़ती रही. फिर सीरिया में गृहयुद्ध की शुरुआत भी हो गई. अपने खिलाफ विद्रोह को बशर हमेशा ही विदेशी साजिश कहते रहे. इस बीच उन्होंने रूस और ईरान से नजदीकियां बढ़ाईं, लेकिन आखिरकार उन्हें विद्रोहियों के आगे घुटने टेकने पड़े.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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