कैसे बना रितेश अकूत संपत्ति के मालिक ? कही अलाद्दीन का चिराग तो नही लगा हाथ

🔵डेढ दशक पहले स्क्रैप बटोरकर बेचने वाला बना धन्नासेठ 

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🔴टैक्स चोरी व आय से अधिक संपत्ति के मामले बीते गुरुवार को आयकर विभाग की टीम ने की छापेमारी 

कुशीनगर । बेशक ! यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि विगत एक से डेढ़ दशक मे अकूत संपत्ति का मालिक बना रितेश अग्रवाल के हाथो आखिरकार कौन सा अलाद्दीन का चिराग हाथ लग गया, जो स्क्रैप बेचते-बेचते धन्नासेठ बन गया। ऐसी चर्चा है कि रितेश अपने कारोबार के जरिए इन्कम टैक्स चोरी कर काला धन से एक बहुत बडा साम्राज्य खडा किया है जो मेहनतकश आम आदमी के सर चढकर बोल रहा है। 

काबिलेजिक्र है कि जनपद के कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के कठकुईयां निवासी रितेश अग्रवाल की कठकुइयां बाजार मे होलसेल किराना की दुकान है। इसके अलावा रितेश मठिया मोड़ पर जमीन खरीदकर मकान और दुकान बनवाकर उसमें बेकरी की फैक्ट्री संचालित करता है। बताया जाता है कि बेकरी फैक्ट्री मे पांच दर्जन से अधिक मजदूर काम करते हैं। बीते गुरुवार को रितेश की बेकरी फैक्ट्री पर आयकर विभाग की टीम छापेमारी की, जहा टीम को देखकर फैक्ट्री में हडकंप मच गया। टीम तीन दिनो तक लगातार पूछताछ और खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज व बिल-बाउचर सहित अन्य कागजात खंगालने के बाद संदिग्ध दस्तावेजों को अपने कब्जे मे लेकर शनिवार को देर शाम लखनऊ रवाना हो गयी। सूत्र बताते है कि टीम के हाथो  कारोबारी के खिलाफ टैक्स चोरी के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे है। टीम गहनता से तमाम विन्दुओ पर जांच कर रही है। आयकर विभाग के जिम्मेदार लोगो का कहना है कि कारोबारी पर आरोप सिद्ध होने के बाद टैक्स चोरी का निर्धारण कर वसूली के साथ साथ विधिक कार्रवाई की जायेगी। 

🔴होलसेल किराने की दुकान की जांच से खुलेगा काला धन व टैक्स चोरी का राज

जानकारों का कहना है कि आयकर विभाग की टीम जांच के दौरान बडी चूक कर गयी व्यापारी रितेश अग्रवाल के बेकरी फैक्ट्री के साथ साथ होलसेल किराना व्यवसाय की जांच की गयी होती है तो करोडो रुपये की टैक्स चोरी व काला धन से संबंधित मामले का खुलासा हो सकता है। सूत्रो का दावा है कि कारोबारी रितेश द्वारा विगत डेढ दशक में अकूत संपत्ति का मालिक बनने के पीछे होलसेल किराना की दुकान से व्यापक स्तर पर  टैक्स चोरी को बम्ह्अस्त्र के रुप मे प्रयोग किया जाना है। सूत्रो के इस दावे में कितनी सच्चाई है यह आयकर विभाग व ईडी के निष्पक्ष जांच के बाद ही सामने आयेगा लेकिन इस बात से इंकार नही किया जा सकता है कि स्क्रैप बटोरकर बेचने वाला व्यक्ति पहले किराये की दुकान मे किराना का दुकान खोलकर किसी तरह से अपना गुजर बसर शुरू किया फिर दुकान खरीदकर होलसेल किराना व्यवसायी बन गया और कुछ ही वर्षों बाद बेकरी फैक्ट्री स्थापित करने के साथ साथ रियल स्टेट सहित अन्य क्षेत्रों में करोडो रुपये इन्वेस्टमेंट करके अलग-अलग कारोबार का जंजाल फैलाकर धन्नासेठ बन बैठा।

🔴रितेश पर निर्भर है ग्रामीण बैक का संचालन

कठकुइयां बाजार सहित जिले मे इस बात की खूब चर्चा है कि होलसेल किराना व बेकरी कारोबारी रितेश अग्रवाल के अकूत संपत्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस दिन रितेश ग्रामीण बैक में अपने व्यवसाय से अर्जित धन जमा नही करते है उस दिन बैंक की देनदारी सिस्टम फेल हो जाती है मतलब यह कि जिस दिन रितेश कठकुइयां स्थित ग्रामीण बैंक में अपना पैसा जमा करने के लिए नही भेजते है उस दिन बैक कुछ ही देर बाद ग्राहकों को पैसा देने में हाथ खडा कर लेता है। मीडिया इस बात की पुष्टि नही करती है लेकिन इस बात की चर्चा चहुंओर है।

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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