Tach – कैसे बनते हैं युद्ध यूज होने वाले Drones? जानें स्टेप बाय स्टेप पूरा प्रॉसेस – news18 Hindi

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India-Pakistan Latest Update: भारत और पाकिस्तान के बीच बढे तनाव में जिस हथियार का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हुआ, वह ड्रोन है. क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान जिन ड्रोन्स का इस्तेमाल भारत में बम गिराने के…और पढ़ें
जानिये कैसे बनाए जाते हैं ड्रोन
How to Make Drone: भारत और पाकिस्तान के बीच अभी तनाव का माहौल है और सीज फायर होने के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. सीज फायर के कुछ घंटों में पाकिस्तान ने दोबारा हमले शुरू कर दिए, जिसका भारत ने मुंह तोड जवाब दिया उनके हर हमले को नाकाम कर दिया. इस पूरे तनाव के दौरान भारत और पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा ड्रोन्स का इस्तेमाल किया है. क्या आप जानते हैं कि ड्रोन को कैसे तैयार किया जाता है?
दरअसल, जंग में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन (Unmanned Aerial Vehicles- UAV) को बनाना इतना मुश्किल भी नहीं है. आप लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर इसे तैयार कर सकते हैं. आइये आपको यहां बताते हैं कि इसे कैसे तैयार किया जाता है.
पहले तय करें कैसा चाहिए :
पहले तो ये तय करें कि आपको कैसा ड्रोन चाहिए.ड्रोन कई तरह के होते हैं, जैसे कि कुछ ड्रोन को कैमरा के साथ बनाया जाता है जो निगरानी करने के लिए होते हैं. वहीं कुछ ड्रोन हमला करने के लिए बनाए जाते हैं. इनके काम के साथ इन्हें बनाने की प्रक्रिया भी अलग हो जाती है और उनके काम के आधार पर ही ये तय होता है कि उनका वजन और साइज कितना होगा. तो आपको सबसे पहले ये तय करना होगा कि आप कैसा ड्रोन बनाना चाहते हैं. ड्रोन बनाने से पहले एक 3D मॉडल बनाया जाता है.
मटीरियल का चुनाव
आप जब ये तय कर लें कि आपको किस तरह का ड्रोन चाहिए और 3डी मॉडल भी बना लिया है तो अब उसे बनाने के लिए मटीरियल की लिस्ट बना लें. इसमें कार्बन फाइबर, एल्यूमिनियम या कंपोजिट मैटेरियल यूज किया जाता है. इसके लिए हाई-क्वालिटी इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल होता है. सेंसर, कैमरा, GPS मॉड्यूल, मोटर, बैटरी, प्रोपेलर, कंट्रोल और कम्युनिकेशन के लिए आप डिवाइस और टूल्स की लिस्ट बना लें. अगर युद्ध में इस्तेमाल होने वाला ड्रोन बनाना चाहते हैं इस लिस्ट में हथियार का इस्तेमाल भी करें.इस बात को याद रखें कि हथियार या बम लगाने के लिए स्पेशल माउंट जोड़ा जाता है.
सॉफ्टवेयर जोड़ें
ड्रोन बनाने से पहले ये भी तय करना होता है कि आप इसे रात में इस्तेमाल करने वाले हैं या दिन में. अगर रात के लिए बना रहे हैं तो उसके लिए इसमें थर्मल इमेजिंग, नाइट विजन और हाई-रेज्योल्यूशन वाले कैमरों लगाने होंगे. आप इसको रिमोट से कंट्रोल कर सकें, उसके लिए और ऑटोपायलट जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. आप और हाईटेक ड्रोन बनाना चाहते हैं तो इसमें AI का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. सैटेलाइट और रेडियो कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी जोड़कर आप ड्रोन से कनेक्टेड रह सकते हैं और लोकेशन को बेहतर ट्रैक करने के लिए तैयार कर सकते हैं. आप ड्रोन में लिथियम-आयन बैटरी यूज करेंगे या जेट इंजन, ये उसके साइज पर निर्भर करता है.
ये सारी तैयारियां करने के बाद हर मौसम के लिहाज से उसकी टेस्टिंग की जाती है. टेस्टिंग सफल हुई तो ये भी देखना होगा कि इसके सॉफ्टवेयर को हैक न किया जा सके. इसके बाद ही ड्रोन का उत्पादन शुरू होता है. इतने चरणों से गुजरने के बाद ड्रोन को युद्ध मैदान में उतारा जाता है.
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