Political -'जो होगा उसकी जिम्मेदारी मेरी…' 2002 में गोधरा तक जाने के लिए नरेंद्र मोदी ने कैसे उठाया जोखिम, निखिल कामत के पॉडकास्ट में सुनाया पूरा किस्सा – #INA
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2002 में गोधरा में हुई घटना को देखकर उन्हें बहुत दुख हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी भावनाओं से ऊपर उठकर काम करना ही सही समझा, क्योंकि वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। निखिल कामत के साथ एक पॉडकास्ट में मोदी ने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने 2008 में गुजरात में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के दौरान गोधरा पहुंचने का जोखिम उठाया था, साथ ही अस्पतालों का दौरा भी किया था। Zerodha के कोफाउंडर के साथ उनका ये पॉडकास्ट शुक्रवार को पब्लिश किया गया।
मोदी ने 27 फरवरी 2002 की घटना के बारे में बताया कि जब उन्हें गोधरा ले जाने के लिए केवल एक इंजन वाला हेलीकॉप्टर उपलब्ध था और सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसा न करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा, “मैं कोई VIP नहीं हूं, मैं एक आम आदमी हूं…मैंने कहा कि मैं लिखकर दे दूंगा कि जो भी होगा, उसकी जिम्मेदारी मेरी होगी।”
मैंने गोधरा में दर्दनाक तस्वीरें देखीं: मोदी
मोदी ने कहा, “मैं गोधरा पहुंचा और वहां मैंने दर्दनाक तस्वीरें देखीं…बहुत सारी लाशें पड़ी थीं। मैं भी इंसान हूं, मेरे साथ जो होना था, वह हो गया। लेकिन मैं ऐसे पद (मुख्यमंत्री) पर हूं, जहां मुझे अपनी भावनाओं और स्वाभाविक प्रवृत्तियों से ऊपर रहना चाहिए।”
अयोध्या से कारसेवकों और तीर्थयात्रियों को गुजरात ले जा रही साबरमती एक्सप्रेस को गोधरा रेलवे स्टेशन पर आग लगा दी गई, जिसमें 59 लोग मारे गए।
PM मोदी ने कहा, “24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार विधायक बना और 27 फरवरी 2002 को पहली बार विधानसभा में पहुंचा। उसी दिन गोधरा से खबर आई… मैं विधानसभा में था, मैं चिंतित हो गया। मैंने कहा कि मैं गोधरा जाना चाहता हूं।”
PM, CM पद पर भावनाओं से ऊपर रहना होगा
मोदी ने कहा कि वे जिस भी पद पर रहे हैं, पहले सीएम और अब पीएम, उन्हें अपनी भावनाओं से ऊपर रहना होगा।
मोदी ने आगे कहा, “2008 में जब मैं गुजरात का सीएम था, तब पांच जगहों पर सीरियल ब्लास्ट हुए थे। मैं पुलिस कंट्रोल रूम गया, हालांकि मेरे सुरक्षाकर्मियों ने कहा था कि वहां मत जाओ। मैं आकर कार में बैठ गया और कहा कि मैं अस्पतालों में भी जाऊंगा, हालांकि मेरे सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि अस्पताल भी असुरक्षित हैं, क्योंकि अस्पतालों में भी बम विस्फोट हुए थे। मैंने कहा कि जो होगा वो होगा, मैं जाऊंगा। मैं इसे एक जिम्मेदारी के रूप में देखता हूं।”
उन्होंने दिसंबर 2002 में हुए गुजरात चुनावों को अपनी सबसे बड़ी परीक्षा बताया। मोदी ने कहा, “उन चुनावों में, जब नतीजे आ रहे थे, तब मैंने TV नहीं देखा था… दोपहर के समय सीएम हाउस के बाहर मुझे ढोल की आवाजें सुनाई दे रही थीं। मैंने लोगों से कहा था कि दोपहर तक मुझे कोई जानकारी न दें। तब मेरे ऑपरेटर ने मुझे बताया कि मैं दो-तिहाई बहुमत से आगे हूं।”
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