Tach – विमानों में लग जाए ये तकनीक, तो क्रैश होने पर भी बच जाएंगे सारे यात्री, नहीं जाएगी किसी की भी जान

वैसे तो हवाई जहाज का सफर दुनिया का सबसे तेज और सुरक्षित सफर माना जाता है, क्योंकि ट्रेन, बस या कार की बजाय हवाई जहाज बहुत कम प्रतिशत में दुर्घटना का शिकार होते हैं. लेकिन यह भी सच है कि अगर क्रैश हुआ तो फिर बचने वालों की संख्या भी न के बराबर होती है. लगभग सभी सवारियां अपनी जान गंवा बैठा हैं. अहमदाबाद में हाल ही में हुए हवाई जहाज क्रैश के बाद यात्रियों के मन में अब एक डर बैठ है. डर के साथ-साथ एक सवाल भी है कि आखिर ऐसा हवाई जहाज क्यों नहीं बनाया जाता, जिसमें क्रैश होने की स्थिति में जान जाने का जोखिम न हो.
यह सुनने में थोड़ा फिल्मी लग सकता है, लेकिन इसके पीछे एक सीरियस आइडिया है. इस सिस्टम में विमान का यात्री वाला हिस्सा (जिसे केबिन कहा जाता है) एक तरह से अलग यूनिट के रूप में डिज़ाइन किया गया है. अगर उड़ान के दौरान कोई बड़ा खतरा पैदा होता है, जैसे इंजन बंद हो जाना, मिसाइल से हमला होना, या किसी तरह का तकनीकी फेलियर, तो यह केबिन मुख्य विमान (जहां इंजन और कॉकपिट होता है) से अलग हो जाएगा. अलग होते ही इसमें लगे बड़े-बड़े पैराशूट खुल जाएंगे, जो केबिन को धीरे-धीरे ज़मीन या पानी पर सुरक्षित लैंडिंग में मदद करेंगे.
क्या किसी विमान में लगा है ये सिस्टम?
कैसे काम करेगा ये सिस्टम
क्या हैं चुनौतियां?
यह सुनने में काफी अच्छा लग रहा है, और संभव है कि जल्द ही इस पर तेजी से काम भी शुरू हो सकता है. लेकिन यह तकनीक अपने आप में चुनौतीपूर्ण है. एक तो इतनी ऊंचाई और तेज रफ्तार पर उड़ते हुए विमान से किसी हिस्से को अलग करना काफी मुश्किल काम है. फिर, इसमें लगने वाला पैराशूट सिस्टम और अलग करने की तकनीक विमान का वजन बढ़ा देगी, जिससे उसका ईंधन ज्यादा खर्च होगा. इसके अलावा, इतनी भारी तकनीक जोड़ने से विमान की कीमत और उसकी मेंटेनेंस का खर्च भी बढ़ जाएगा. अंतरराष्ट्रीय उड्डयन संस्थाएं जैसे FAA और EASA किसी भी नई तकनीक को मंजूरी देने से पहले बेहद सख्ती से जांच करती हैं.
क्या इस खबर पर भरोसा करें?
वैसे उस पोस्ट में कहा गया है कि एक यूक्रेनी इंजीनियर व्लादिमीर तातारेंको (Vladimir Tatarenko) ने इस डिटैचेबल केबिन सिस्टम की अवधारणा पेश की है. तातारेंको ने लगभग तीन साल तक इस प्रोजेक्ट पर काम किया, और 2016 में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनका डिज़ाइन चर्चा में आया. यदि यूक्रेन की तीन बड़ी कंपनियों की बात करें तो उनमें Antonov, Motor Sich, और Kharkiv Aviation Institute शामिल हैं. खारकीव एविएशन इंस्टीट्यूट एक शैक्षणिक और शोध संस्थान है, जो विमानन तकनीकों पर काम करता है. हो सकता है कि इस तरह का प्रोटोटाइप उनके किसी प्रोजेक्ट का हिस्सा हो, लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है.
पूरे विमान को नीचे ला सकता है पैराशूट
क्या AI करेगा खतरा भांपने में मदद
भविष्य में विमानन क्षेत्र में कई तकनीकी सुधार आ सकते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI सिस्टम विमान की स्थिति पर नज़र रखकर संभावित खतरों का पहले से पता लगा सकते हैं. ऑटोनॉमस फ्लाइट सिस्टम, जो बिना पायलट के काम कर सकते हैं, मानवीय गलती की संभावना को कम कर सकते हैं. नई और मजबूत सामग्री जैसे ग्राफीन, विमान को और अधिक टिकाऊ बना सकती हैं. और सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम उड़ान को और भी सटीक और सुरक्षित बना सकते हैं.
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