अररिया जिले में गरीब लाभुक को योजना का लाभ देने के नाम पर पदाधिकारी करते हैं शोषण: सरफराज आलम
मिंटू राय संवाददाता अररिया

अररिया- एक ओर जहां बिहार में निश्चित रूप से न्याय के साथ हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। वहीं अररिया जिला में विकास की तेज गति को कहीं न कहीं यहां के पदाधिकारी बाधक बने हुए है। जिला में गरीब और जरूरतमन विभिन्न योजना के लाभुक को लाभ दिलाने के नाम पर उनका आर्थिक शोषण यहां पदस्थापित पदाधिकारी खुलेआम कर रहे है। ये बातें बिहार सरकार के पूर्व भूमि सुधार और राजस्व मंत्री एवं पूर्व सांसद सरफराज आलम ने अररिया स्थित अपने आवास पर पत्रकार सम्मेलन में ये बात कही। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि पदाधिकारी मालिक और जनता नौकर बना हुआ है। अफसर शाही चरम सीमा पर है। बगैर अवैध नजराना दिए किसी भी कार्यालय में कोई काम नहीं होता है, प्रखंड स्तरीय सभी कार्यालय बिचौलिया के द्वारा संचालित होता है।
बिचौलिया और पदाधिकारी का मनोबल चरम पर है।
ऐसा लगता हैं कि इनपर किसी का अंकुश ही नहीं उन्होंने कहा हमाम में सभी नंगे है मैं किसकी बात करूं. सरफराज आलम ने कहा कि सरकार दर्जनों लाभकारी योजना चला रही है लेकिन जो वास्तविक लाभुक है उन तक योजना का लाभ पहुंच ही नहीं पाता है. पदाधिकारी की मनमानी और बिचौलिया के कारण सरकार की विभिन्न योजना से लाभुक वंचित हो जाते है इसलिए ऐसे बिचौलिया और भ्रष्ट पदाधिकारी को चिन्हित कर उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए उन्होंने कहा जिला में डीएम काफी ईमानदार और मेहनती है ऐसे में जिला पदाधिकारी से भी सरफराज आलम ने भ्रष्ट पदाधिकारी और बिचौलिया को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
सरफराज आलम ने कहा कि जोकीहाट प्रखंड कार्यालय में कार्यपालक सहायक मुकेश कुमार के खाते से तीस लाख का ट्रांजेक्शन एक गंभीर मामला है उन्होंने जिला पदाधिकारी से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि जोकीहाट प्रखंड कार्यालय में आवास लाभुक से पंद्रह पंद्रह सौ रूपये की मांग खुएआम की जा रही है, ऐसे लोगों के कारण ही सरकार की छवि धूमिल होती है।