World News: पुतिन की लिस्ट में कई और ‘यूक्रेन’, सकते में पूरा यूरोप, परमाणु युद्ध का बढ़ा संकट – INA NEWS

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के खत्म होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. जंग की आग के और बढ़ने के आसार लग रहे हैं. एक रिपोर्ट के इस खुलासे से पूरे यूरोप में हड़कंप मच गया है कि राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन
यूक्रेन के खात्मे के बाद रूस का विस्तार करने के अपने कदम को आगे बढ़ा सकते हैं. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि यूरोपीय देश इमरजेंसी मीटिंग कर रहे हैं.
यूरोपीय देश मीटिंग के जरिए रूस के मंसूबे को रोकने के लिए तैयारी में लगे हुए हैं. यूरोप में खतरा इतना बढ़ गया है कि अगर नाटो और रूस में टकराव होता है तो क्षेत्र में परमाणु युद्ध शुरू हो सकता है. आखिर कौन से वो नए टारगेट हैं, जहां रूस हमला करने की तैयारी में लगा हुआ है. खुलासे के बाद पूरे यूरोप में हड़कंप सा मच गया है.
पुतिन के तेवर के आगे दबाव में यूरोप
सिर्फ यूक्रेन ही नहीं. मॉस्को की लिस्ट में अभी कई और देश हैं. जो पुतिन के टारगेट पर हैं. जब से यूरोपीय देशों को पुतिन के विस्तारवादी प्लान की जानकारी मिली है, तब से यूरोप में लगातार दबाव की स्थिति देखी जा रही है. यूरोपीय देश इमरजेंसी मीटिंग कर रहे हैं. न्यूक्लियर शील्ड बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं. कई देशों में सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. ऐसे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को साथ मिलाने कोशिश की जा रही है.
पुतिन को धमकाकर दबाव बनाने की तैयारी है, लेकिन क्या पुतिन दबाव में आ जाएंगे. सभी के जेहन में ये बड़ा सवाल है क्योंकि जब पुतिन जो बाइडेन की धमकी से नहीं रूके. तो क्या यूरोपीय देशों के सामने झुक जाएंगे. वैसे भी अब तो ट्रंप से भी सीक्रेट डील हो चुकी है.
पुतिन के टारगेट पर कौन से देश
सबसे पहले समझिए कि पुतिन के टारगेट पर कौन से देश हैं. तीनों बाल्टिक देश (एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया) और तीनों नॉर्डिक देश (नॉर्वे, फिनलैंड और स्वीडन) तो निशाने पर हैं ही. साथ ही इसके अलावा रोमानिया और मोल्दोवा फिर जॉर्जिया भी मॉस्को के टारगेट पर हैं
रूस ने हमले के लिए 2 अलग-अलग प्लान भी बना लिए हैं, जिसमें पहला प्लान सीधे आक्रमण का है, जबकि दूसरा प्लान तख्तापलट कराने का. बाल्टिक देशों पर रूस हमला करके कब्जा कर सकता है, जबकि जॉर्जिया, मोल्दोवा और रोमानिया में सत्ता परिवर्तन के जरिए विलय कराने की कोशिश कर सकता है.
ट्रंप के रूख पर टिका भविष्य
यूरोप में पुतिन का ऐसा मिशन पहली बार सामने आया है. यूक्रेन विजय के बाद पुतिन इसी ब्लूप्रिंट पर काम कर रहे हैं. पुतिन का प्लान सामने आने से यूरोपीय देशों की घबराहट बढ़ गई है. इसका असर हुआ है कि आपस में ही दरार पड़ गई है. ऐसे में एकजुट होकर रूस का मुकाबला करने का नाटो की कोशिश दम तोड़ती नजर आ रही है. अब सब कुछ ट्रंप के रूख पर टिक गया है.
दूसरी ओर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्ध से दूर हो चुके हैं. इसके अलावा नाटो से अलग होने की तैयारी भी चल रही है. फ्रांस और ब्रिटेन से अमेरिका का टकराव बढ़ रहा है क्योंकि रूस के रूख पर ट्रंप खामोश हैं.
पुतिन का अगला मिशन क्या होगा. इसका खुलासा नाटो के पूर्व कमांडर सर रिचर्ड शेरिफ ने किया है. उन्होंने कहा कि नाटो को रूस से युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए. जिससे पुतिन को इस बात में कोई संदेह न रहे कि अगर वो बाल्टिक की तरफ देखेंगे तो उन्हें रोकने के लिए यूरोप तैयार है.
पूर्व कमांडर ने एक रिपोर्ट जारी की है जो पश्चिमी देशों के अखबारों में छपी है. उसमें पुतिन के प्लान को बताया गया है. रूसी सेना उसी तरह बाल्टिक देशों और रोमानिया मोल्दोवा में नरसंहार कर सकती है. जैसा उसने यूक्रेन में राजधानी कीव की तरफ बढ़ते वक्त बूचा में किया था. बूचा में रूसी सेना ने बर्बरता की हद पार की थी.
बाल्टिक में युद्धाभ्यास कर रहे नाटो देश
अब उसी तरह का खतरा जताया जा रहा है, जिसमें पूर्वी यूरोप के देशों को मलबे में तब्दील कर दिया जाएगा. ऐसे में वहां के नागरिकों पर बड़ा संकट आ सकता है क्योंकि पुतिन की सेना आगे बढ़ने की तैयारी कर चुकी है.
खतरे का अंदाजा नाटो को हो गया है. इसलिए नाटो के 9 देश बाल्टिक में युद्धाभ्यास कर रहे हैं. ये पहली बार है कि अमेरिका नाटो ड्रिल में शामिल नहीं है, जबकि 9 देशों के 10 हजार सैनिक इस ड्रिल में हिस्सा ले रहे हैं. इसका नाम स्टेडफास्ट डार्ट 2025 है. इसके जरिए नाटो रूस को अपनी ताकत दिखाना चाहता है.
इसके अलावा फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पहले ही कह चुके हैं कि वो यूरोप की सुरक्षा के लिए न्यूक्लियर शील्ड बनाने जा रहे हैं, इसलिए जर्मनी में न्यूक्लियर हथियार शिफ्ट करके बाल्टिक में रूस को काउंटर करने की तैयारी है क्योंकि बाल्टिक के पास रूस का न्यूक्लियर बेस कैलिनिनग्राद मौजूद है. कुल मिलाकर यूरोप में परमाणु युद्ध का खतरा पैदा हो गया है. जबकि इस पर ट्रंप ने बयान दिया है कि यूरोप दुनिया को परमाणु तबाही की ओर ले जा रहा है और अमेरिका इस तबाही को रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहा है.
नाटो में फूट पड़ने के आसार
हांलाकि फ्रांस और ब्रिटेन के आक्रामक तेवर को देखते हुए डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार एलन मस्क ने कहा है कि अमेरिका को नाटो को तुरंत छोड़ देना चाहिए. अमेरिका के रूख को देखते हुए नाटो में ही फूट पड़ने लगी है.
जिसमें जर्मनी की तरफ से बयान आया है. हम न्यूक्लियर शील्ड का समर्थन करते हैं, लेकिन अमेरिका के बिना ऐसा मंजूर नहीं होगा.
इसी को लेकर पोलैंड की तरफ से कहा गया है कि रूस किसी भी यूरोपीय देश पर हमला कर सकता है. अब हम सैन्य मदद के लिए अमेरिका पर निर्भर नहीं रह सकते हैं. इसके अलावा मस्क के स्टारलिंक सेवा रोकने पर भी पोलैंड दूसरे ऑप्शन पर विचार कर रहा है. जिसको लेकर सोशल मीडिया साइट पर मस्क और पोलैंड के विदेश मंत्री सिकोरस्की आपस में भिड़ गए.
उन्होने लिखा, “यूक्रेन में स्टारलिंक की सर्विस के लिए पोलैड हर साल 50 मिलियन डॉलर देता है. अगर स्पेस एक्स एक भरोसेमंद सर्विस प्रोवाइडर नहीं है तो मजबूरन हम दूसरे विकल्प इस्तेमाल कर सकते हैं. जवाब में मस्क ने लिखा है, “चुप रहो छोटे आदमी. तुम इसका खर्च नहीं उठा सकते. स्टारलिंक का कोई विकल्प नहीं हो सकता है.” यानी अब यूक्रेन को लेकर नाटो देशों और अमेरिका में टकराव काफी बढ़ चुका है. इसलिए अमेरिका नाटो से हाथ खींच रहा है. इसी का फायदा उठाकर पुतिन ना सिर्फ यूक्रेन पर कब्जा करेंगे. बल्कि बाल्टिक देशों पर भी आक्रमण कर सकते हैं.
पुतिन की लिस्ट में कई और ‘यूक्रेन’, सकते में पूरा यूरोप, परमाणु युद्ध का बढ़ा संकट
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