Nation- मिल्कीपुर उपचुनाव में फिर वही संयोग, 17 साल पहले भी दांव पर लगी थी एक सांसद के बेटे की किस्मत- #NA
मिल्कीपुर उपचुनाव.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की लड़ाई बीजेपी बनाम सपा की है. दलित सुरक्षित मिल्कीपुर सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद चुनाव लड़ रहे हैं जबकि बीजेपी से चंद्रभान पासवान मैदान में हैं. मिल्कीपुर में 17 साल पहले भी एक सांसद के बेटे की किस्मत उपचुनाव में दांव पर लगी थी और फिर से वैसा ही संयोग बन गया है. सांसद अवधेश प्रसाद को अपने बेटे अजीत को जिताने के लिए मशक्कत करनी पड़ी रही है.
मिल्कीपुर उपचुनाव की सियासी तपिश के बीच अयोध्या में दलित युवती की नृसंस हत्या के मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. युवती की हत्या पर बोलते हुए सपा सांसद अवधेश प्रसाद फफक-फफककर रोने लगे और कहा, अगर दलित बेटी को न्याय नहीं मिला तो मैं अपने सांसद के पद से इस्तीफा दे दूंगा. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे सांसद की नौटंकी करार दिया. उन्होंने कहा, जब जांच खत्म होगी और जब सच सामने आएगा तो इसमें भी किसी समाजवादी पार्टी के आदमी का ही हाथ होगा.
मिल्कीपुर उपचुनाव के नतीजे का भले ही सत्ता पर कोई असर न पड़े लेकिन सियासी परसेप्शन बनाने वाला माना जा रहा है. इसीलिए बीजेपी और सपा छोटे से छोटे समीकरण को साधने में जुटी हैं, ताकि उपचुनाव के जीत की इबारत लिख सकें. इसी मद्देनजर अवधेश प्रसाद दलित बेटी की हत्या को सियासी मुद्दा बनाने की कवायद करते नजर आए. इसके लिए उन्हें आंसू बहाना तक पड़ गया है, देखना है कि मिल्कीपुर के वोटर्स का दिल पसीजता है कि नहीं?
मिल्कीपुर में बना 17 पहले का संयोग
मिल्कीपुर सीट 2012 से पहले सामान्य हुआ करती थी. 2008 में परिसीमन के बाद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई. सामान्य सीट रहते हुए मित्रसेन यादव की कर्मभूमि मिल्कीपुर सीट हुआ करती थी. मित्रसेन 2004 में लोकसभा सांसद थे और उनके बेटे आनंद सेन ने सपा से इस्तीफा देकर बसपा का दामन थाम लिया था. 2004 के मिल्कीपुर उपचुनाव में आनंद सेन बसपा के टिकट किस्मत आजमाने उतरे थे लेकिन जीत नहीं सके. हालांकि, 2002 और 2007 में आनंद सेन चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन सपा से इस्तीफा देकर बसपा से लड़ना महंगा पड़ गया था.
17 साल के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर फिर से वैसा ही सियासी संयोग बना है. अवधेश प्रसाद फैजाबाद से सांसद बने हैं, जिसके बाद उन्होंने विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. अब मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद उपचुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी से चंद्रभान के उतरने से मुकाबला रोचक हो गया है. मित्रसेन यादव के बेटे जब उपचुनाव में नहीं जीत सके और अब अवधेश प्रसाद के लिए अपने बेटे अजीत प्रसाद को जिताने का जिम्मा है, जिसके लिए हर एक सियासी दांव चल रहे हैं लेकिन मुकाबला काफी कड़ा हो गया है.
मिल्कीपुर सीट का सियासी समीकरण
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर करीब 3.23 लाख मतदाता हैं. यहां का जातीय समीकरण को देखें तो सबसे ज्यादा दलित मतदाता हैं, जिनकी संख्या एक लाख से भी ज्यादा है. इसमें करीब 60 हजार सिर्फ पासी समाज का वोट है. वहीं, 65 हजार यादव मतदाता हैं. ब्राह्मण 50 हजार, मुस्लिम 35 हजार, ठाकुर 25 हजार, गैर-पासी दलित 50 हजार, मौर्य 8 हजार, चौरासिया 15 हजार, पाल 8 हजार, वैश्य 12 हजार के करीब हैं. इसके अलावा 30 हजार अन्य जातियों के वोट हैं. इस तरह दलित वोटर्स काफी अहम हैं लेकिन जीत की ताकत यहां पर गैर दलित वोटों के पास है.
दलित वोटों के लिए असल लड़ाई
मिल्कीपुर सीट का जातीय समीकरण देखें तो सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. इसके बाद पासी और ब्राह्मण समाज का वोट है. पासी वोटों के समीकरण को देखते हुए सपा और बीजेपी ने दोनों ही पासी समाज से प्रत्याशी उतारे हैं. इस तरह मिल्कीपुर सीट पर पासी बनाम पासी की लड़ाई बन गई है. दोनों ही नेताओं की नजर पासी वोटों को अपने साथ साधने की है, जिसके लिए सियासी दांव चले जा रहे हैं.
मिल्कीपुर सीट पर बसपा के उपचुनाव में न होने से बीजेपी और सपा उसके दलित वोट बैंक को हर हाल में अपने साथ में जोड़ना चाहती है. इस बार उपचुनाव में बसपा ही नहीं कांग्रेस भी मैदान में नहीं है, जिसके चलते मिल्कीपुर का मुकाबला सीधे सपा और बीजेपी के बीच है. इस बीच अयोध्या में दलित युवती की हत्या के मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. अवधेश प्रसाद के आंसू वाली फोटे की तस्वीर लगाई गई है और सपा के लोग बीजेपी सरकार में दलितों के असुरक्षा का मामला बना रहे हैं.
पुलिस ने दलित समाज की लापता युवती का शनिवार को निर्वस्त्र शव बरामद किया, जिसकी बेरहमी से हत्या कर आंखें निकाल ली गई थीं और शरीर पर कई जख्म थे. पुलिस ने युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या किए जाने की अंदेशा जताई है. इसे लेकर अवधेश प्रसाद ने रोते हुए कहा कि लोकसभा में पीएम मोदी के सामने यह मुद्दा उठाएंगे और अपनी सदस्यता से इस्तीफा भी दे देंगे. अवधेश प्रसाद के आंसुओं पर बीजेपी कह रही है कि मिल्कीपुर में उनके बेटे चुनाव हार रहे हैं इसलिए वो नौटंकी कर रहे हैं.
मिल्कीपुर उपचुनाव में फिर वही संयोग, 17 साल पहले भी दांव पर लगी थी एक सांसद के बेटे की किस्मत
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,