बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय -सह- स्मृति स्तूप का उद्घाटन शीघ्र, फिनिशिंग कार्य अंतिम चरण में : सचिव
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार

मुख्यमंत्री के सचिव -सह – भवन निर्माण विभाग के सचिव ने किया बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय -सह- स्मृति स्तूप निर्माण कार्य का निरीक्षण
वैशाली/ हाजीपुर, 6 मार्च। वैशाली में ऐतिहासिक अभिषेक पुष्करणी सरोवर एवं पौराणिक मड स्तूप के निकट 72 एकड़ भूखंड पर भगवान बुद्ध के स्मृति अवशेषों को सुरक्षित एवं आम जनों के दर्शन हेतु रखने के लिए बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। फिनिशिंग कार्य अंतिम चरण में है। शीघ्र ही इसका उद्घाटन होगा।
आज मुख्यमंत्री के सचिव सह सचिव, भवन निर्माण विभाग श्री कुमार रवि ने निर्माण कार्य की प्रगति का निरीक्षण करने वैशाली पहुंचे। इस अवसर पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव श्री प्रणव कुमार, संग्रहालय निदेशालय की निदेशक श्रीमती रचना पाटिल ,वैशाली के जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा, बोधगया महाबोधि मंदिर प्रबंध समिति के सचिव डॉ. महाश्वेता महारथी के साथ भवन निर्माण विभाग के कई वरीय पदाधिकारी और अभियंता मौजूद रहे।
निरीक्षण के दौरान सचिव ने संग्रहालय परिसर का भ्रमण कर हर चीज की जानकारी ली और अंतिम चरण में चल रहे कार्यों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
सचिव ने स्तूप में चल रहे फिनिशिंग कार्य का जायजा लिया और कार्यरत एजेंसी को कार्य को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा की फिनिशिंग कार्य पूरा होने के बाद स्तूप भव्य और आकर्षक दिखेगा। यहां के संग्रहालय में प्रदर्श अधिष्ठापन के कार्य में भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने परिसर भ्रमण के दौरान कई स्थानों पर छोटे-छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए, ताकि परिसर और सुंदर और मनमोहक दिखे। इस दौरान संग्रहालय परिसर को मड स्तूप से भी जोड़ने की चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण पूरा हो जाने के बाद वैशाली में पर्यटन का नया केंद्र विकसित होगा।
इसके उपरांत सचिव द्वारा परिसर में ड्रेनेज सिस्टम, साइनेज बोर्ड लगाने, लाइब्रेरी, मेडिटेशन हॉल, गेस्ट हाउस, ओपन एयर थिएटर, कैंटीन, परिसर में आगंतुकों को घूमने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल, स्मृति स्तूप उद्घाटन एवं उससे जुड़ी जरूरी तैयारियां को लेकर भी चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का शीघ्र ही उद्घाटन किया जाएगा। इसके अलावा स्तूप परिसर के मेंटेनेंस आदि को लेकर भी उन्होंने पदाधिकारी को निर्देश दिए। विदित है कि वैशाली में 550.48 करोड़ की लागत से 72.53 एकड़ भूखंड पर बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है।
वर्तमान में फिनिशिंग तथा साफ सफाई का कार्य तेजी से चल रहा है। मूर्ति का काम उड़ीसा के कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। स्तूप को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए राजस्थान से गुलाबी पत्थर मंगवाए गए।
इसमें 38500 पत्थर लगाए गए हैं। यह संरचना पूरी तरह पत्थरों से निर्मित है। पत्थरों को लगाने के लिए सीमेंट या किसी चिपकाने वाला पदार्थ या अन्य चीजों का प्रयोग नहीं किया गया है।
आने वाले समय में स्तूप का भव्य वास्तुकला विश्व पटल पर अपना विशिष्ट पहचान बनाएगा।
यहां आने वाले पर्यटक भगवान बुद्ध के जीवन दर्शन का अद्भुत चित्रण एवं स्मृति चिन्हों का अवलोकन कर सकेंगे।
परिसर में लगभग 4300
वर्ग मीटर के भूखंड पर स्तूप का निर्माण किया गया है। स्तूप की कुल ऊंचाई 33 मीटर, आंतरिक व्यास 38 मीटर तथा बाहरी व्यास 50 मीटर है।
स्तूप के आधार तल पर 2000 श्रद्धालुओं को एक साथ बैठकर ध्यान करने हेतु एक विशाल हॉल का निर्माण किया गया है।
भगवान बुद्ध से जुड़ी स्मृतियों को रखने हेतु संग्रहालय में भगवान बुद्ध से संबंधित प्रदर्श तथा कलाकृतियों का अधिष्ठापन किया जा रहा है।
परिसर में पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी काम हुआ है। यहां बड़े पैमाने पर भी वृक्षारोपण कर हरियाली विकसित की गई है। कुल हरियाली क्षेत्र 271689 वर्गमीटर है।
सोलर सिस्टम के माध्यम से बिजली आपूर्ति हेतु सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं। इसके साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया गया है।
स्तूप का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष को यहां रखा जाएगा, जो अभी पटना संग्रहालय में रखा हुआ है।
बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप बन जाने के बाद वैशाली बौद्ध सर्किट और विश्व के पर्यटन मानचित्र पर स्थापित हो जाएगा।