भारत ने दी श्रीलंका में बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री

कोलंबो। श्रीलंका के उत्तरी प्रांत में हाल ही में आई बाढ़ के कारण विस्थापन और कठिनाई का सामना कर रहे लोगों की मदद के लिए भारत आगे आया है। मुसीबत के समय पड़ोसी देश के साथ एकजुटता दिखाते हुए कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के करीब 2,100 परिवारों को आवश्यक राहत सामग्री प्रदान की।

Table of Contents

भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा एकजुटता के एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में, कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने हाल ही में आई बाढ़ के कारण विस्थापन और कठिनाई का सामना कर रहे उत्तरी प्रांत के लोगों को राहत सहायता प्रदान की। उच्चायोग की ओर से, जाफना में भारत के महावाणिज्यदूत साई मुरली ने सांसद कादर मस्तान के साथ राहत सामग्री वितरित की।
उच्चायोग ने कहा पेसलाई और वेल्लनकुलम गांवों (मन्नार जिला) और थुनुक्कई और मंथाई पूर्व (मुल्लातिवु जिला) के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लगभग 2,100 परिवारों को आवश्यक सहायता मिली है। राहत पैकेज में चटाई और कंबल शामिल हैं, जो इस कठिन समय के दौरान परिवारों को बहुत जरूरी सहायता प्रदान करेंगे।

बता दें कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति पर चलते हुए किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा से घिरे पड़ोसी देश की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। यही नहीं, भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा आदि विभिन्न क्षेत्रों में श्रीलंका की मदद करता रहा है। पिछले सप्ताह श्रीलंका के कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने भारत सरकार से प्राप्त विशेष वित्तीय सहायता की सराहना की थी। इन छात्रों का चयन भारत सरकार द्वारा जाफना विश्वविद्यालय और इस्टर्न यूनिवर्सिटी में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के 100-100 छात्रों के लिए शुरू की गई विशेष वित्तीय सहायता योजना के लिए हुआ है। भारत श्रीलंकाई छात्रों को सालाना लगभग 710 छात्रवृत्ति स्लॉट प्रदान करता है, जिनमें से 200 से अधिक पूरी तरह से वित्तपोषित हैं, जिनमें पूर्ण ट्यूशन, मासिक भरण-पोषण भत्ता, पुस्तकों और स्टेशनरी के लिए अनुदान, आवास और यात्रा व्यय शामिल हैं।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News