समुद्री धरोहर के संरक्षण के लिए भारत उठाएगा कदम, इंडिया मरीन हेरिटेज कॉन्क्लेव 2024 में हुए कई अहम फैसले #INA

नई दिल्ली में आयोजित ‘इंडिया मरीन हेरिटेज कॉन्क्लेव 2024’ (IMHC 2024) ने भारत की समुद्री धरोहर को वैश्विक स्तर पर संरक्षित करने और उसे आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया. इस उद्घाटन सत्र में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की समुद्री शक्ति और उसके वैश्विक कनेक्टर के रूप में भूमिका पर प्रकाश डाला.

भारत आज समुद्री क्षेत्र में उभरती हुई शक्ति

उप राष्ट्रपति ने कहा, “भारत आज समुद्री क्षेत्र में उभरती हुई शक्ति के रूप में सामने आ रहा है और हम अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के जरिए क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित कर रहे हैं.” उन्होंने भारत की समुद्री धरोहर के संरक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 2047 तक वैश्विक समुद्री हब बनाने की योजना की बात की. उन्होंने कहा, “समुद्री ढांचे को 21वीं सदी के अनुरूप सुदृढ़ करना हमारे विकास की दिशा में अहम कदम है.”

हमारा समुद्री धरोहर हमारे भविष्य के लिए प्रेरणा का स्रोत

इस कॉन्क्लेव में भारत के समुद्री धरोहर को सांस्कृतिक पर्यटन और कौशल विकास से जोड़ने की दिशा में भी चर्चा की गई. केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने कहा, “हमारा समुद्री धरोहर हमारे भविष्य के लिए प्रेरणा का स्रोत है और लोथल में राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.” इस आयोजन में विभिन्न राज्यों के मंत्री, समुद्री विशेषज्ञ और प्रमुख सोचवाले शामिल हुए, जिन्होंने भारत की समुद्री धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने और उसे संरक्षित करने की दिशा में अपनी योजनाओं का खाका प्रस्तुत किया.


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