मानवाधिकारों के संरक्षण में भारत की सक्रिय भूमिका
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नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत ने मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए सदैव सक्रिय भूमिका निभाई है। उन्होंने जिनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के 58वें सत्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए यह बात कही।
विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा भारत का दृष्टिकोण अपने भागीदारों की प्राथमिकताओं के अनुरूप क्षमता निर्माण और मानव संसाधनों तथा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित रहा है। भारत आतंकवाद से निपटने में दृढ़ और समझौता न करने वाला देश है। समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली की स्पष्ट और तत्काल आवश्यकता है।
विदेश मंत्री ने अपने संबोधन की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर शेयर की है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा भारत परिषद के भीतर अपने जुड़ावों में अपने बहुलवादी और प्रगतिशील लोकाचार को लाता है और संवाद एवं समझ को बढ़ावा देता है। घरेलू स्तर पर, लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और समावेशन प्रगति की आधारशिला बना हुआ है।
जयशंकर ने कहा हमने मानवाधिकारों के वैश्विक प्रचार और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाई है। हमारा दृष्टिकोण क्षमता निर्माण और मानव संसाधनों को मजबूत करने पर केंद्रित है। बहुपक्षवाद पहले से कहीं अधिक आवश्यक है, मगर इसे समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)