वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेगा भारत का सबसे बड़ा दल
नई दिल्ली। भारत ने 20 से 24 जनवरी तक दावोस में होने वाले विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) 2025 में अपना अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल भेजा है। इस वर्ष के मंच का विषय, ‘बुद्धिमान युग के लिए सहयोग’ है, जिसका उद्देश्य वैश्विक नेताओं को एक साथ लाना है, ताकि तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में वैश्विक चुनौतियों और क्षेत्रीय मुद्दों का समाधान किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में चार अन्य केंद्रीय मंत्री – सी. आर. पाटिल, चिराग पासवान, जयंत चौधरी और के. राम मोहन नायडू – शामिल हैं। ये नेता आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे में निवेश और प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण पर केंद्रित चर्चाओं में शामिल होंगे।
इसके अतिरिक्त, तीन प्रमुख राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे, जिनमें तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं। महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर, टेक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में कई हाई-प्रोफाइल समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। इस अलावा, आंध्र प्रदेश के सीएम नायडू राज्य को एक आकर्षक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करके ‘ब्रांड एपी’ को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार, तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टी. आर. बी. राजा और केरल के उद्योग मंत्री पी. राजीव भी शामिल हैं, जो कई क्षेत्रों में निवेश और सहयोग के लिए अपने विविध अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालेंगे
डब्ल्यूईएफ के मुख्य अर्थशास्त्री के दृष्टिकोण से शुरुआती जानकारी बताती है कि 2025 में वैश्विक आर्थिक स्थिति कमजोर होने की उम्मीद है, लेकिन दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत मजबूत विकास का प्रदर्शन करना जारी रखेगा। यह सकारात्मक दृष्टिकोण डब्ल्यूईएफ 2025 में भारत की रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करता है, क्योंकि देश वैश्विक आर्थिक और तकनीकी उन्नति के प्रमुख चालक के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)