बेतिया में रात्रि गस्ती का निरीक्षण: डीआईजी एवं एसपी ने कई थानों का रात्रि गस्ती का किया निरीक्षण।
संवाददाता-राजेन्द्र कुमार, बेतिया।
रात को चंपारण रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) एवं पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने संयुक्त रूप से बेतिया जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में गश्ती दलों का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण रात्रि गस्ती की कार्यप्रणाली और पुलिस द्वारा नागरिकों के सुरक्षा प्रबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ।
इस विशेष निरीक्षण के दौरान डीआईजी और एसपी ने गस्ती पार्टी तथा इमरजेंसी रिस्पांस समन्वय केंद्र (ERSS) में लगे वायरलेस सेट को जांचा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पुलिस द्वारा सूचना का आदान-प्रदान सुचारु रूप से हो रहा है। अधिकारियों ने पुलिस कर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश दिए, जिसके अंतर्गत यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि कोई भी गस्ती दल लापरवाही न बरते और समुचित तरीके से अपनी ड्यूटी निभाए।
गश्ती के दौरान एक गस्ती दल लापरवाह पाया गया, जिसे बाद में सख्त कार्रवाई करते हुए वेतन रोकने की सजा दी गई। जबकि दूसरी ओर, एक गस्ती दल को उनकी कार्यप्रणाली में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कृत किया गया। यह अधिकारियों की ओर से पुलिस कर्मियों को प्रोत्साहित करने का एक विचारशील कदम था, जो उन्हें अपनी सेवाओं में और अधिक समर्पित होने के लिए प्रेरित करेगा।
इसी बीच, थानाध्यक्षों के प्रति हल्की नाराजगी भी प्रकट की गई। दो थानाध्यक्षों से रात्रि गस्ती में लापरवाही होने के कारण स्पष्टीकरण मांगा गया। यह पुलिस के भीतर एक पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देने की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दर्शाता है कि उच्च अधिकारी न केवल गश्ती दलों की गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं, बल्कि उन्हें यह भी समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनके कार्यों का उनके द्वारा दिए जा रहे सेवाओं पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
इस निरीक्षण का उद्देश्य केवल गश्ती दलों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करना ही नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी था कि पुलिस विभाग में अनुशासन और जवाबदेही को बनाए रखा जाए। यह पुलिस विभाग में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है, जिसके अंतर्गत पुलिस वाले न केवल अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, बल्कि उन्हें अपनी भूमिका के प्रति भी सजग बनाया जा रहा है।
सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह निरीक्षण महत्वपूर्ण है। बिहार में अपराधों की गतिविधियों के बढ़ने और जनता के बीच सुरक्षा की भावना में कमी आने के साथ, इस प्रकार के निरीक्षण से पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय समुदाय के लोग इस प्रकार की पहलों का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके जीवन में सुरक्षा और स्थिरता लाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
कुल मिलाकर, 16 दिसंबर की रात का यह निरीक्षण मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था की प्रभावशीलता को आंकने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। पुलिस विभाग की गतिविधियाँ और उनके कार्यों पर इस तरह की नज़र रखने से न केवल पुलिस की पारदर्शिता बढ़ती है, बल्कि ये भी सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का समर्पणपूर्वक निर्वहन कर रहा है। बेतिया पुलिस का यह कदम अन्य पुलिस थानों के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिससे पुलिस सेवा में सुधार की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।