दिल्ली में जहांगीर और गालिब के घर को मिलेगी नई पहचान, जानें विरासत स्थलों को लेकर MCD की पहल #INA
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने राजधानी की विरासत इमारतों और स्थलों के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इन्हें चिह्नित करना शुरू कर दिया है. एक परियोजना के तहत नीली अंडाकार पट्टिकाएं को लगाना शुरू कर दिया है. यह लंदन की प्रतिष्ठित नीली पट्टियों के समान एक ऐतिहासिक मार्कर की तरह है. एमसीडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि 35 साइटों पर काम पूरा हो चुका है. परियोजना के पहले चरण में 55 ऐसी पट्टिकाएं लगाने की तैयारी है.
ऐतिहासिक मील के पत्थर को चिह्नित करने और स्मारक की उत्पत्ति की अवधि दिखाने के लिए पट्टिकाएं लगाई जा रही हैं. इस तरह से लोगों को शहर की गौरवशाली विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकेगी.
ऐसे स्थानों पर अंडाकार पट्टिकाएं लगाई गईं
चांदनी चौक के टाउन हॉल, फतेहपुरी मस्जिद, हरदयाल लाइब्रेरी, कस्तूरबा जनाना अस्पताल, सुनहरी मस्जिद और नमक हरम की हवेली समेत कई ऐसे स्थानों पर अंडाकार पट्टिकाएं लगाई गई हैं. पहले चरण में 55 स्थानों में चांदनी चौक, दरियागंज, कश्मीरी गेट, डिफेंस कॉलोनी और निजामुद्दीन जैसे क्षेत्रों को चुना गया है. ये इमारतें तुगलक काल, लोधी काल, मुगल काल और 20वीं सदी की शुरुआत में तैयार हुईं.
जहांगीर और गालिब के घर को शामिल किया
अंडाकार पट्टियां ऐक्रेलिक राल मिश्रण से बनी हैं. उनकी नीली पृष्ठभूमि पर सफेद परिधि और सुनहरे अक्षर हैं. प्रत्येक पट्टिका पर सुनहरे अक्षरों में “दिल्ली नगर निगम- विरासत भवन” लिखा है. इसके साथ ही नागरिक निकाय का लोगो, साइट का नाम और इसकी उत्पत्ति का साल भी लिखा गया है. एमसीडी अधिकारी के अनुसार, निजामुद्दीन क्षेत्र में जिन इमारतों को पट्टिकाओं से चिह्नित किया जा रहा है, उनमें दरगाह परिसर के स्मारक, प्रवेश द्वार, जमात खाना मस्जिद और मिर्जा जहांगीर और गालिब के घर को शामिल किया गया है. चांदनी चौक के पास की जगहों में टाउन हॉल, भारतीय स्टेट बैंक की इमारत, कटरा नील का गेटवे, कूचा बाग में एमसीडी कार्यालय और ग्रिंडलेज बिल्डिंग को शामिल किया गया है.
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