चुनाव हारे केजरीवाल ने पंजाब के AAP विधायक दिल्ली बुलाए:CM मान ने कैबिनेट मीटिंग टाली; कांग्रेस का दावा- 30 MLA हमारे संपर्क में- INA NEWS

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सत्ता से बाहर हुई आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों की मीटिंग बुला ली है। यह मीटिंग दिल्ली में कल (11 फरवरी) सुबह 11 बजे कपूरथला भवन में होगी। इसमें CM भगवंत मान के साथ उनके सारे मंत्री भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि इसी वजह से पंजाब सरकार की 10 फरवरी यानी आज होने वाली कैबिनेट मीटिंग भी टाल दी गई। रविवार देर शाम इसकी सूचना जारी की गई। अब यह मीटिंग 13 फरवरी को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ में होगी। इससे पहले भी कैबिनेट मीटिंग का 5 फरवरी का शेड्यूल बदला जा चुका है। यह मीटिंग ऐसे वक्त पर बुलाई गई है, जब पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि AAP के 30 विधायक हमारे संपर्क में हैं। इसके अलावा उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि दिल्ली में हारने के बाद अरविंद केजरीवाल पंजाब के CM बनना चाहते हैं। हालांकि, AAP के प्रवक्ता नील गर्ग का कहना है कि दिल्ली में पार्टी की रूटीन मीटिंग होने जा रही है। यह पार्टी ने तय करना है कि मीटिंग चंडीगढ़ में करनी है या दिल्ली में। केजरीवाल के CM बनने पर कांग्रेस ने AAP प्रधान के बयान का हवाला दिया
पंजाब में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि केजरीवाल यहां के मुख्यमंत्री बन सकते हैं, इसी को लेकर पंजाब AAP के प्रधान अमन अरोड़ा ने बयान दिया था कि CM पद को हिंदू और सिख चेहरे के बजाय सरकार चलाने की क्षमता के हिसाब से देखा जाना चाहिए। बाजवा ने यह भी कहा था कि लुधियाना में AAP के MLA गुरप्रीत गोगी के निधन के बाद विधानसभा सीट भी खाली पड़ी है। जिससे केजरीवाल चुनाव लड़ सकते हैं। इस दांव के बाद CM भगवंत मान और दिल्ली वालों के ग्रुप के समर्थकों के बीच आंतरिक टकराव हो सकता है। कांग्रेस सांसद गांधी बोले- पंजाब AAP विधायक बीजेपी-कांग्रेस, कहीं भी जा सकते हैं
पटियाला से कांग्रेस सांसद डॉ धर्मवीर गांधी ने कहा कि AAP की केंद्रीय लीडरशिप को लेकर पंजाब के विधायकों के अंदर आक्रोश है। यह लोग पंजाब संसाधनों व स्रोतों पर कब्जा कर रहे हैं। राज्यसभा में इन्होंने पंजाब से बाहर के लोगों को भेजा। ये बहुत से तरीके से शोषण कर रहे हैं। यह मौकापरस्त लोग हैं। सिद्धांतवादी लोग पहले ही पार्टी छोड़ गए थे। इनके विधायक बीजेपी और कांग्रेस में कहीं भी जा सकते हैं। इनका पंजाब में कोई अस्तित्व नहीं बचा है। 2027 के विधानसभा चुनाव में यह सत्ता से बाहर होंगे। AAP सांसद बोले- संगठन की मीटिंग, कहीं भी कर सकते हैं
आनंदपुर साहिब से AAP के लोकसभा सांसद मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि दिल्ली की जनता ने जो फतवा दिया है, उसे हम स्वीकार करते हैं। 10 सालों में हमने दिल्ली में बहुत काम किया है। हम विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। जहां तक कि पंजाब के विधायकों की यह बैठक का सवाल है तो यह संगठन की मीटिंग है। इसे कहीं भी रखा जा सकता है। इस दौरान फीडबैक लिया जाएगा। साथ ही भविष्य की स्ट्रेटजी बनाई जाएगी। दिल्ली चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने वोट मांगे
दिल्ली चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत पूरी लीडरशिप ने केजरीवाल के लिए वोट मांगे थे। इसके बाद भी पार्टी पिछली बार की 62 सीटों की अपेक्षा महज 22 सीटों पर ही सिमट गई। वहीं, भाजपा ने पिछली बार 8 सीटों से आगे बढ़ते हुए 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बना ली। चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब के AAP नेताओं ने पंजाब में किए कामों को गिनाया। इनमें 50 हजार सरकारी नौकरियां, 300 यूनिट फ्री बिजली, दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में 850 मोहल्ला क्लिनिक खोलने जैसी स्कीमें शामिल थीं। पंजाब CM मान को AAP ने दिल्ली चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाया था। इसलिए, CM मान ने अपना काम करते हुए दिल्ली में कई रोड शो और रैलियां कीं। हालांकि, AAP को उन कई सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा, जहां मान ने प्रचार किया। पंजाब AAP नेता प्रभावी साबित नहीं हुए
CM मान समेत पंजाब की AAP सरकार के नेताओं ने दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब में किए कई कार्य गिनाए, लेकिन उनकी बातों का कोई असर नहीं हुआ। क्योंकि, पंजाब में महिलाओं को एक हजार रुपए महीना देने का वादा सरकार ने अब तक पूरा नहीं किया है। इस मुद्दे पर विपक्ष पंजाब सरकार को लगातार घेरता आया है। इसका घाटा AAP को लोकसभा चुनाव में भी उठाना पड़ा था। अब दिल्ली में भी सत्ता जाने के बाद पंजाब के आगामी बजट में सरकार इसकी घोषणा कर सकती है। AAP के पास अब पंजाब ही बचा
AAP की सत्ता जाने का खतरा 2024 में ही मंडराने लगा था, जब लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीती, जबकि पंजाब में भी 13 में से केवल 3 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। 10 साल बाद दिल्ली हाथ से जाने बाद अब AAP के लिए पंजाब काफी अहम हो गया है, क्योंकि पार्टी की सत्ता केवल इसी राज्य में है। इसलिए, केजरीवाल चाहते हैं कि यहां ऐसे काम करें ताकि दोबारा दिल्ली और दूसरे राज्यों में पार्टी के प्रभाव को बढ़ा सकें। पंजाब में चुनाव में अभी 2 साल शेष हैं। ऐसे में पार्टी अब कोई गलती करने के मूड में नहीं है। आने वाले दिनों में बजट भी आना है। सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में केजरीवाल सारी चीजों का फीडबैक भी लेंगे और दिल्ली चुनाव में हुई कमियों पर बात भी करेंगे। इससे पहले केजरीवाल दिल्ली के जीते विधायकों के साथ मीटिंग कर चुके हैं। 2022 में 92 सीटें जीती थी AAP ने
पंजाब में साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में AAP ने 117 सीटों में से 92 सीटें जीती थीं। यह पार्टी की सबसे बड़ी जीत थी। जबकि, इस दौरान कांग्रेस 18, बीजेपी 2, शिरोमणि अकाली दल 3 और बसपा 1 सीट जीतने में कामयाब रही थी। वहीं, इसके बाद राज्य में 2 बार उपचुनाव हुए। इस दौरान एक विधायक AAP छोड़कर BJP में शामिल हो गए थे, जबकि 4 विधायक सांसद बने थे। उपचुनाव के बाद AAP के कुल 95 विधायक हो गए हैं। कुछ दिन पहले लुधियाना वेस्ट के विधायक गुरप्रीत गोगी की मौत हो गई थी। इसके बाद अब यह सीट खाली घोषित कर दी गई है। ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ यह खबर भी पढ़ें… पंजाब CM के प्रचार वाली सभी सीटें हारी AAP:दिल्ली में मान 12 सीटों पर गए थे; कांग्रेस विधायक दल के नेता बोले- केजरीवाल यहां मुख्यमंत्री बनेंगे पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के CM भगवंत मान ने दिल्ली में जिन-जिन सीटों पर प्रचार किया, उन सभी पर पार्टी हार गई। CM भगवंत मान ने यहां 12 सीटों पर प्रचार किया था। जिनमें पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट भी शामिल थी। हालांकि ये दोनों भी चुनाव हार गए। पूरी खबर पढ़ें…

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