खबर बाजार -Gensol पर ED ने कसा शिकंजा, Mahadev App केस में जब्त की कंपनी की 1.37% हिस्सेदारी – #INA

आर्थिक जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Mahadev Online Betting App से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के तहत Gensol Engineering Ltd (GEL) में एक हिस्सेदारी जब्त की है। यह हिस्सेदारी हरिशंकर टिबरेवाल (Hari Shankar Tibrewal) नाम के उस शख्स से जुड़ी है, जो इस पूरे मामले में एक अहम आरोपी माना जा रहा है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को सौंपे गए ताजा शेयरहोल्डिंग डेटा के अनुसार, दिसंबर 2024 की तिमाही तक ED के रायपुर जोनल ऑफिस ने GEL में 5,20,063 शेयरों (1.37%) का मालिक है। ये शेयर पहले दुबई की कंपनी Zenith Multi Trading DMCC के नाम थे, जो टिबरेवाल से जुड़ी हुई मानी जाती है। अब ये हिस्सेदारी “सरकारी होल्डिंग” के रूप में दर्ज की गई है।
ED ने कैसे जब्त की थी हिस्सेदारी
ED ने 28 फरवरी 2024 को एक आदेश जारी कर Zenith और 12 अन्य डीमैट खातों की सिक्योरिटीज फ्रीज कर दी थी। इन खातों में टिबरेवाल की ईमेल ID भी जुड़ी थी। इससे पहले, कोलकाता स्थित Ability Games Pvt Ltd पर छापेमारी हुई थी। ये सारी कार्रवाई PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत हो रही है।
ED के मुताबिक, टिबरेवाल ने भारत और विदेशों में मौजूद कंपनियों और बिचौलियों के जरिए अपराध की कमाई (proceeds of crime) को कई लेयर में छुपाकर निवेश किया। 1 मार्च और 8 मार्च 2024 को जारी प्रेस रिलीज में ED ने कई अहम जानकारियां दीं। उसने बताया कि यह मनी लॉन्ड्रिंग जांच महादेव बेटिंग ऐप मामले का हिस्सा है।
ED के मुताबिक, 29 फरवरी 2024 तक टिबरेवाल से जुड़ी भारतीय कंपनियों ने ₹580 करोड़ के शेयर अपने पोर्टफोलियो में रखे थे। विदेशी संस्थाओं (जैसे Mauritius और Dubai के FPI) ने भी भारत में ₹606 करोड़ के शेयर रखे थे। ED का आरोप है कि इन निवेशों के लिए कैश के बदले बैंक एंट्रीज ली गई थी।
Gensol ने क्या सफाई दी थी
ED की कार्रवाई के बाद Gensol Engineering ने 13 मार्च 2024 को प्रेस स्टेटमेंट जारी किया। कंपनी ने कहा कि Zenith सिर्फ एक पैसिव शेयरहोल्डर है, जिसकी हिस्सेदारी 1.5% से भी कम है। उसके पास न तो कंपनी से जुड़ा कोई फैसला का अधिकार है, न ही कंपनी के बिजनेस या ऑपरेशनल निर्णयों में कोई भूमिका।
हालांकि, मार्केट सूत्रों का मानना है कि Gensol की हिस्सेदारी तो सिर्फ एक शुरुआत है। ED अब उन सभी लिस्टेड कंपनियों की जांच कर सकती है जहां टिबरेवाल या उससे जुड़ी संस्थाएं निवेशक के रूप में मौजूद हैं।
Moneycontrol ने इस मसले पर प्रवर्तन निदेशालय से आधिकारिक प्रतिक्रिया मांगी, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला था।
महादेव बेटिंग मामले में कहां तक पहुंची जांच
ED ने अब तक महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप मामले में 170 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। मामले में लगभग 3,002.47 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियां जब्त, फ्रीज या अटैच की गई हैं। अब तक 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और 74 संस्थाओं को पांच अभियोजन शिकायतों में आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
ED के अनुसार, महादेव ऑनलाइन बुक एक सिंडिकेट के रूप में काम करता था। यह एक नेटवर्क के जरिए अवैध बेटिंग को बढ़ावा देता था, जिससे यूजर्स आईडी बनाना और नए यूजर्स को जोड़ना मुमकिन था।
एजेंसी का आरोप है कि महादेव बेटिंग ऐप जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए अवैध तरीके से बहुत पैसा कमाया गया। इसे कई नकली नामों (बेनामी अकाउंट्स) और जटिल बैंक ट्रांजैक्शंस के जरिए छुपाया गया या वैध दिखाने की कोशिश की गई।
यह भी पढ़ें : Explainer: Gensol Engineering में कैसे हुआ स्कैम, SEBI ने प्रमोटरों के खिलाफ क्यों लिया एक्शन?
Gensol पर ED ने कसा शिकंजा, Mahadev App केस में जब्त की कंपनी की 1.37% हिस्सेदारी
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on hindi.moneycontrol.com, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,