खबर बाजार -SEBI ने IndusInd Bank के मैनेजमेंट से पूछा बड़ा सवाल, आखिर बैंक ने लैप्सेज के बारे में पहले क्यों नहीं बताया? – #INA

इंडसइंड बैंक ने 10 मार्च को मार्केट बंद होने के बाद अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज के बारे में बताया था। इसका असर 11 मार्च को बैंक के शेयरों पर पड़ा। शेयर 27 फीसदी से ज्यादा गिर गए। बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज को लेकर कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए। अब सेबी ने इंडसइंड बैंक के मैनेजमेंट से एक बड़ा सवाल पूछा है। बताया जाता है कि उसने बैंक के मैनेजमेंट से पूछा है कि उसने इस लैप्सेज के बारे में अक्टूबर 2024 में तब क्यों नहीं बताया था, जब उसने इस मामलें की जांच शुरू की थी।

सेबी की चिंता की बड़ी वजह

एक सीनियर अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “SEBI की चिंता यह है कि बैंक भले ही अभी ठीक-ठीक यह नहीं बता सकता कि इस लैप्सेज की वजह से उसकी बैलेंसशीट पर कितना असर पड़ेगा। लेकिन, सवाल यह है कि मौजूदा स्थिति क्या पिछले साल अक्टूबर की स्थिति से अलग है?” इस बारे में मनीकंट्रोल की तरफ से IndusInd Bank और SEBI को भेजे गए ईमेल के जवाब नहीं मिले।

बैंक ने 10 मार्च को लैप्सेज के बारे में बताया 

IndusInd Bank के सीईओ सुमंत कठपालिया, डिप्टी सीईओ एवं अंतरिम सीएफओ अरुण खुराना और इनवेस्टर्स रिलेशंस के हेड इंद्रजीत यादव ने 10 मार्च को इस मसले पर बैंक के मैनेजमेंट की राय के बारे में निवेशकों को बताया था। उन्होंने कहा था कि ये लैप्सेज फॉरेन करेंसी नॉन-रेजिडेंट्स डिपॉजिट से जुड़े हैं। इसके बारे में पिछले साल बैंक की एक आंतरिक जांच से पता चला था। उन्होंने इनवेस्टर्स को यह भी बताया था कि इस लैप्सेज की वजह से बैंक का नेटवर्थ 2.35 फीसदी घटने का अनुमान है।

बैंक को सितंबर-अक्टूबर में लैप्सेज का पता चल गया था

कठपालिया ने कहा था कि हमने अपनी इनटर्नल ट्रेड बुक की जांच शुरू कर दी है। हमें अपने कुछ बिजनेसेज में गड़बड़ियां मिली हैं। इसकी जानकारी सितंबर और अक्टूबर में मिली। उसके बाद हमने अपने बिजनेस के रिव्यू के लिए एक एक्सटर्नल एजेंसी को नियुक्त किया। इसलिए हमें भरोसा है कि मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत तक हमें इस गैप के बारे में ठीक तरह से पता चल जाएगा। अभी ऐसा लगता है कि यह लैप्सेज हमारे अनुमान जितना है। लेकिन, हम इस बारे में निश्चित होना चाहते हैं क्योंकि अभी यह पूरी तरह के वैलिडेट नहीं हुआ है।

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सेबी बैंक के मैनेजमेंट की सफाई से संतुष्ट नहीं

सूत्रों का कहना है कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज को लेकर कठपालिया की यह सफाई सेबी को संतुष्ट करने में नाकाम रहा है। एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “जब बैंक ने इनटर्नल रिव्यू शुरू कर दिया था तो उसे इस बारे में इनवेस्टर्स को बताना चाहिए था। बैंक को संभावित लॉस के बारे में इनवेस्टर्स को तभी बताया जा सकता था जब इसके बारे में पता चला।” ऊपर जानकारी देने वाले एक सूत्र ने कहा कि नॉन-डिसक्लोजर बेहतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस के सिद्धांत के खिलाफ है। 17 मार्च को इंडसइंड बैंक के शेयर 3 फीसदी चढ़कर 693 रुपये पर चल रहे थे।

SEBI ने IndusInd Bank के मैनेजमेंट से पूछा बड़ा सवाल, आखिर बैंक ने लैप्सेज के बारे में पहले क्यों नहीं बताया?


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