खबर बाजार -SEBI ने Patel Wealth Advisors और निदेशकों पर लगाया बैन, ₹3.22 करोड़ किए जब्त – #INA

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने पटेल वेल्थ एडवाइजर्स (Patel Wealth Advisors – PWA) और इसके चार निदेशकों पर प्रतिभूति बाजार में तत्काल प्रभाव से लेनदेन करने पर रोक लगा दी है। नियामक ने कंपनी की कथित ‘ऑर्डर स्पूफिंग’ गतिविधियों के चलते यह कार्रवाई की है। साथ ही, Sebi ने 3.22 करोड़ रुपये की अवैध कमाई जब्त करने का आदेश भी दिया है।
621 मामलों में धोखाधड़ी की पुष्टि
Sebi की प्रारंभिक जांच के अनुसार, जनवरी 2021 से जनवरी 2025 के बीच Patel Wealth Advisors ने कैश और डेरिवेटिव्स सेगमेंट में 173 अलग-अलग कंपनियों के शेयरों (जिन्हें ‘स्क्रिप्स’ भी कहा जाता है) में कुल 621 बार स्पूफिंग एक्टीविटीज कीं। कंपनी ने जानबूझकर मार्केट प्राइस अलग स्तर पर बड़े ऑर्डर लगाए, जिन्हें एग्जीक्यूट करने का कोई इरादा नहीं था। इससे दाम बढ़ा और कंपनी ने खरीदने के बाद शेयर बेचकर अनुचित लाभ कमाया गया और पेंडिंग ऑर्डर रद्द कर दिए।
क्या होता है ‘ऑर्डर स्पूफिंग’?
ऑर्डर स्पूफिंग एक अवैध ट्रेडिंग रणनीति है। इसमें कोई ट्रेडर एक बड़ी मात्रा में खरीद या बिक्री के ऑर्डर लगाता है, लेकिन उन्हें पूरा करने का कोई इरादा नहीं रखता। इसका मकसद बाजार में कृत्रिम मांग या आपूर्ति का भ्रम पैदा करना होता है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी स्टॉक का मौजूदा बाजार मूल्य ₹100 है, तो स्पूफर ₹90 पर बड़ी मात्रा में खरीद ऑर्डर डाल सकता है। निवेशकों को लगेगा कि स्टॉक में भारी मांग है, जिससे कीमत ऊपर जा सकती है। जैसे ही कीमत बढ़ती है, स्पूफर पहले से तय ऊंचे दामों पर अपना स्टॉक बेच देता है और फिर फर्जी खरीद ऑर्डर रद्द कर देता है। इससे बाजार में पारदर्शिता और निष्पक्षता प्रभावित होती है।
PWA को पहले भी मिली थी चेतावनी
Sebi ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि PWA को कई बार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन कंपनी ने अपनी अनुचित ट्रेडिंग गतिविधियां बंद नहीं कीं। इसके चलते निवेशकों के हितों को नुकसान पहुंचा और शेयर की कीमत उस कंपनी की असली वैल्यू, बिजनेस प्रदर्शन और डिमांड-सप्लाई के मुताबिक नहीं तय हो पाईं।
Sebi ने धोखाधड़ी के खिलाफ उठाए सख्त कदम
Sebi के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश वर्श्नेय ने आदेश में कहा, “ऑर्डर स्पूफिंग हेरफेर भरी धोखाधड़ी वाली ट्रेड प्रैक्टिस है। इससे बाजार की निष्पक्षता प्रभावित होती है।” मार्केट रेगुलेटर ने यह भी बताया कि अब वह जटिल और बड़े पैमाने पर किए जाने वाले ऑर्डर बुक मैनिपुलेशन की पहचान करने में सक्षम हो गया है।
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SEBI ने Patel Wealth Advisors और निदेशकों पर लगाया बैन, ₹3.22 करोड़ किए जब्त
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