खबर फिली – वेब सीरीज हिट तो क्यों बनाई जा रही मिर्जापुर पर फिल्म? अली फजल ने दिया जवाब – #iNA @INA
अक्टूबर में ‘मिर्जापुर’ के निर्माताओं ने ऐसा खुलासा किया, जो कि इंडियन एंटरटेनमेंट की दुनिया में पहले नहीं किया गया था. उन्होंने अपनी लोकप्रिय वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ को फिल्म में बदलने का फैसला किया है. ये एक ऐसा दांव रहा जो कि काम कर गया. अब फैंस को ‘मिर्जापुर’ सीरीज के बाद इस फिल्म की रिलीज का बेसब्री से इंतजार है. फिल्म में फैन्स पंकज त्रिपाठी, अली फजल, दिव्येंदु शर्मा और अभिषेक बनर्जी को फिर से एक साथ देखने के लिए बेताब हैं. और ये किरदार फिर से एक साथ आने के बाद पर्दे पर आग लगा देंगे, ये तय है.
‘मिर्जापुर’ के तीन सफल सीजन के बाद अब मेकर्स इस पर फिल्म क्यों बनाना चाहते हैं? इसके बारे में जब ‘मिर्जापुर’ के गुड्डू भैया यानी अली फजल से पूछा गया तो पहले उन्होंने सीरीज में अपने रोल के बारे में दोहराया और फिल्म बनाने को लेकर बताया कि ‘मिर्जापुर’ फिल्म इसलिए बनाई जा रही है, ताकि इसकी कहानी को उन लोगों तक पहुंचाया जा सके जो कि ओटीटी नहीं देखते हैं.
मेकर्स ‘मिर्जापुर’ पर फिल्म क्यों बनाना चाहते हैं?
‘मिर्जापुर’ का पहला सीजन 2017 में रिलीज किया गया था. इसमें उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में दो गिरोह कालीन भैया और गुड्डू पंडित के बीच की पावर को दिखाया गया है, जो कि एक-दूसरे को चुनौती देते हैं. इस सीरीज को लेकर अली फजल का मानना है कि इसकी कहानी मिट्टी से जुड़ी है. इसपर विस्तार से बात करते हुए अली फजल ने कहा, “हम जड़ों से जुड़ी हुई कहानियों के बारे में विस्तार से बात तो करते हैं, लेकिन इसे अच्छे से बनाते नहीं हैं. ये उनमें से एक कहानी है, जो कि लोगों को जोड़ती है और ये कहानी आपके आसपास के किसी भी शख्स की हो सकती है, जिसको बहुत प्रताड़ित किया गया है. ये उस वक्त रिलीज की गई थी, जब देश में ओटीटी अपने पैर पसार रहा था. मिर्जापुर ने 90 के दशक की फिल्मों की तरह लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है.”
कहां से लिया गया गुड्डू भैया का किरदार
मिर्जापुर में एंग्री यंग मैन वाले अपने किरदार के बारे में अली फजल ने कहा “ये 80 के दशक से प्रेरित है. एंग्री यंग मैन का किरदार हमेशा वहां से शुरू होता है, जो कि समाज के अनकहे नियमों को नहीं जानता है, और पावर में रहने वाले लोगों द्वारा शोषित किया जाता है. मिर्जापुर इसकी चरम सीमा तक जाती है. जिसमें कॉलेज में पढ़ने वाले दो भाई समाज के स्टेटस का जाल तोड़ते हैं और गुड्डू भैया का स्वैग युवाओं की हताशा से निकला है, जो कि सीरीज में देखा जा सकता है.”
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