देश – परिवार से बेदखल होने के बाद घढ़ीं अपहरण की कहानी, जानिए इंद्रराज के राजू बनने की वजह – #INA
Ghaziabad News :
डीएनए की रिपोर्ट जब आएगी, तब आएगी, लेकिन डीएनए के लिए सेंपल लेने भर से ही राजू के राज खुलने शुरू हो गए। राजू असल में इंद्रराज है और वह राजस्थान का रहने वाला है। 2011 में उसके पिता चुन्नीलाल ने घर से निकाल दिया था। परिवार में उसका एक भाई और दो बहनें भी हैं। बचपन से ही खुराफाती इंद्रराज ने घर से निकलने के बाद सबसे पहले एक कॉमन सा नाम ढूंढा, राजू। उसने अपने बाजू पर राजू गुदवा लिया। यह नाम अपनाने के पीछे इसकी एक्सेपटेंस की संभावना ज्यादा होना ही था, और कुछ नहीं।
मंगलवार को लिए गए सेंपल
27 नवंबर को शहीदनगर के जिस परिवार को अपनाकर “राजू” उसके घर में पहुंचा था, देहरादून की कहानी का पता चलने के बाद उसी परिवार की मांग पर पुलिस कस्टडी में डीएनए सेंपल लिए गए। राजू के अलावा उसके कथित पिता तुलाराम का भी सेंपल लिया गया। हालांकि तुलाराम की बेटी ने जब कंघी करने के बहाने उसके बाल सहेज कर रखे तथी राजू ने रिएक्ट कर दिया था, टैस्ट कराने के लिए जा रहे हैं बाल, कहकर उसने सबको चौंका दिया था।
1 दिसंबर से परत दर परत खुल रहा राज
इंद्रराज से राजू बना यह शख्स 22 नवंबर को खोड़ा थाने पहुंचा और अपने अपहरण की कहानी पुलिस को सुनाई। यह कहानी मीडिया में आई तो अपनों को खोने के सदमें में जी रहे परिवार खोड़ा थाने पहुंचने लगे। उन्ही में से एक परिवार शहीदनगर निवासी तुलाराम का भी था, उनके बच्चे का 1993 में अपहरण हुआ था। करीब 31 साल पुराना यादों के सहारे तुलाराम की पत्नी लीलावती ने इस शख्स में अपना बेटा भीम सिंह देखा। राजू ने भी लीलावती को मां बताया और परिवार के साथ उस घर में पहुंच गया।
राजू को घर मिलने पर मीडिया में हॉट हुआ मुद्दा
31 साल बाद राजू को अपना परिवार और परिवार को अपना बेटा मिलने का मुद्दा मीडिया में हॉट हो गया। खबर देहरादून के लोहियानगर में रहने वाले उस परिवार तक भी पहुंच गई, जिस परिवार का “पन्नू” बनकर यह युवक करीब पांच माह तक रहा, 21 नवंबर को दिल्ली में काम तलाशने के बहाने वहां से निकल आया और खोड़ा थाना पहुंचकर फिर वही कहानी दोहरा दी जो जुलाई की शुरूआत में देहरादून पुलिस को सुनाई थी। दोनों कहानियों की पटकथा राजस्थान में लिखी गई थी, क्योंकि राजस्थान का होने के कारण इस शख्स को वहां के परिवेश और तमाम चीजों की बेहतर जानकारी दी।
देहरादून के परिवार ने खोला राज
देहरादून के लोहियानगर में रहने वाले कपिलदेव शर्मा ने बताया खुद को राजू बताने वाला युवक पांच माह तक उनका बेटा बनकर भी रह चुका है और अब गाजियाबाद के परिवार की भावनाओं से खेलने पहुंच गया है। उन्होंने पुलिस से जांच की मांग की, देहरादून पुलिस से मिली जानकारी के बाद साहिबाबाद थाना पुलिस ने तुलाराम के परिवार में रह रहे शख्स को थाने ले आई और पूछताछ शुरू कर दी। देहरादून के परिवार में रहकर आने की बात उसने तुरंत कबूल कर ली और साथ ही कहने लगा कि यह मेरा असली परिवार यही है, देहरादून वाला नहीं। पता चला कि मोबाइल जैसी चीजों से खुद हो अनजान जाहिर करने वाले शख्स ने देहरादून में लीलावती के नाम पर लिया गया फोन खूब इस्तेमाल किया है।
राजस्थान के सीकर का भी एक परिवार भी मिला
साहिबाबाद थाना पुलिस को जांच के दौरान राजस्थान के सीकर जिले का भी एक परिवार मिला। इस परिवार में राजू बेटा बनकर रह चुका था। पुलिस की जांच का दायरा बढ़ता गया और आखिर पुलिस को राजू का असली परिवार भी मिल गया। दरअसल, मंगलवार को डीएनए टैस्ट के लिए सेंपल लेते ही राजू ने तमाम राज उगलने शुरू कर दिए। राजू असल में राजस्थान के गंगानगर निवासी चुन्नीलाल का बेटा इंद्रराज निकला, जो अब तक आधा दर्जन से अधिक परिवारों की भावनाओं से खेलकर उनके साथ रह चुका है, हालांकि अभी तक ऐसी कोई जानकारी पुलिस को नहीं मिली है कि युवक ने किसी आपराधिक वारदात को अंजाम दिया हो।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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