म्योरपुर के चागा में भूमि विवाद: विधायक विजय सिंह गोंड ने लिया पीड़ित परिवार का पक्ष

दुद्धी: म्योरपुर थाना क्षेत्र के चागा निवासी एक अगरिया परिवार ने हाल ही में विधायक विजय सिंह गोंड के समक्ष अपनी व्यथा सुनाई जो किसी करुणापूर्ण कहानी से कम नहीं है। इस परिवार के सदस्यों ने अपने देश के लोकतांत्रिक संरचना और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए विधायक जी को बताया कि किस प्रकार एक दबंग व्यक्ति, पुलिस और लेखपाल के संगठित प्रयासों से उनकी भूमि पर कब्जा करने का प्रयास कर रहा है।

प्रभावित परिवार के सदस्य, तेजू अगरिया और उनकी पत्नी जगमन अगरिया, जब विधायक के समक्ष अपनी बातें रख रहे थे तो उनकी आंखों में आंसू थे। तेजू ने बताया कि उनके नाम कुल 6 गाटे में 1.2950 हेक्टेयर सिरदारी जमीन है, इसके अलावा वनाधिकार पट्टे से उनकी पत्नी जगमन के नाम 177 क मी0 रकबा .0900 हे0 भूमि और 177 ज मी0 .300 हे0 भूमि भी है। बावजूद इसके, झारखंड से आए एक दबंग व्यक्ति ने सीमाचिन्ह उखाड़कर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया।

जब भी यह परिवार अपनी भूमि को जोतने जाता है, विपक्षी देव कुमार और रामकुमार पुत्रगण सोबरन मौर्या द्वारा उन्हें जान से मारने की धमकी दी जाती है। तेजू ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले को लेकर म्योरपुर थाना में शिकायत की तो पुलिस ने दबाव बनाकर उनसे सुलह समझौता लिखवा लिया। बाद में, पुलिस ने उनके पुत्र लक्षमण को भी जेल भेज दिया, जिससे यह साफ होता है कि पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल रहा है।

इस स्थिति में जब विधायक ने विशेष रूप से पीड़ित परिवार के लोगांे से मुलाकात की, तो उन्होंने अपनी समस्याओं को लेकर विधायक का ध्यान आकर्षित किया। विधायक ने आश्वासन दिया कि वह उच्च अधिकारियों से मिलेंगे और इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करेंगे। विधायक ने कहा, “म्योरपुर पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। जब दबंग व्यक्ति पैसे वाला है, तो ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस इस आदिवासी परिवार की भूमि को जबरन लूट रही है।”

इस संदर्भ में विधायक ने यह भी कहा कि वे जल्द ही पुलिस अधीक्षक से मिलकर मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करवाने का प्रयास करेंगे, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

ऐसे में जब एक अदिवासी परिवार अपने अधिकारों के लिए लड़ रहा है और न्याय की उम्मीद में विधायक के पास पहुंचा है, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि न केवल पीड़ित परिवार के लिए, बल्कि हमारी पूरी न्यायिक प्रणाली के लिए यह एक गंभीर मुद्दा है। विधायक विजय सिंह गोंड का यह प्रयास न केवल इस परिवार के लिए, बल्कि पूरे समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

न्याय की उम्मीद

पीड़ित परिवार ने विधायक से न्याय की गुहार लगाई और उम्मीद जताई कि उच्च अधिकारी इस मामले की गहन जांच करेंगे। विधायक का हिम्मत देने वाला संदेश परिवार के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। इस प्रकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोकतंत्र की नींव बिना न्याय के स्थायी नहीं हो सकती।

इस तरह के मामले न केवल भूमि अधिकारों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि गरीब और आदिवासी समुदायों को किस प्रकार प्रणालीगत शोषण का सामना करना पड़ता है। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि यह मामला जल्दी ही न्याय की ओर अग्रसर होगा और पीड़ित परिवार को उनकी भूमि की सुरक्षा मिलेगी।

इसी बीच, यह आवश्यक है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस इस मामले में निष्पक्षता से कार्य करें और पीड़ितों को किसी प्रकार का मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न से बचाएं। विधायक विजय सिंह गोंड की इस प्रकरण में सक्रियता को देखकर निश्चित रूप से उम्मीद है कि न्याय साधनों का प्रयोग होता रहेगा और पीड़ित परिवार को जल्द ही राहत मिलेगी।

इस प्रकार की घटनाओं से समाज में संवेदनशीलता और जागरूकता की आवश्यकता महसूस होती है ताकि कोई भी परिवार अपने अधिकारों से वंचित न हो। उम्मीद है कि यह मामला सिर्फ एक कहानी नहीं बनेगा, बल्कि एक प्रभावी बदलाव का माध्यम बनेगा।

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