देश – सर्वे में मिली करोड़ों की जमीन, गाजियाबाद में इस प्राइम लोकेशन पर आएगी स्कीम – #INA
Ghazibad News :
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बल्ले- बल्ले हो गई है। सर्वे के दौरान वैशाली में 16000 वर्गमीटर खाली पड़ी हुई जमीन मिली है। 35 वर्ष पहले जीडीए द्वारा वैशाली योजना विकसित की गई थी। उस समय अधिकारियों – कर्मचारियों की लापरवाही से जमीन का नियोजन होने से रह गया और तीन दशक तक इतनी बेशकीमती जमीन का कोई इस्तेमाल नहीं हो सका। जीडीए वीसी अतुल वत्स की पहल पर कराए गए सर्वे के दौरान इतनी बेशकीमती जमीन मिलने के बाद जीडीए को अभी और भी जमीन मिलने की उम्मीद है, इसलिए वैशाली योजना का प्रोपर्टी ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है।
1989 में लांच हुई थी वैशाली योजना
जीडीए ने वैशाली आवासीय योजना 1989 में लांच की थी। उस समय 1234 एकड़ के लांच की गई योजना में मल्टी स्टोरी टावर बनाए गए, तो यह लोगों के लिए कोतुहल का विषय बना था। दिल्ली से सटी लोकेशन के कारण योजना को उस समय भी अच्छा रेस्पांस मिला था, हालांकि बाद प्रोपर्टी बूम आया तो वैशाली में प्रोपर्टी के दाम आसमान छूने लगे। मेट्रो ने तो मानों वैशाली योजना की प्रोपर्टी को पंख ही लगा दिए। अब यहां जमीन का रेट एक लाख रुपये प्रति वर्गमीटर से ऊपर है।
सेक्टर- दो और तीन में खाली मिली जमीन
सर्वे के दौरान वैशाली योजना के सेक्टर- दो और तीन में कई भूखंड खाली पड़े मिले हैं। कुल मिलाकर करीब 16000 वर्गमीटर जमीन ऐसी मिली है जो तीन दशक से अधिक समय से इस्तेमाल ही नहीं हो पाई। खाली पड़ी जमीन की जीडीए से कोई खबर लेने नहीं पहुंचा तो वह कड़े में दबकर रह गई, एक-दो जगह सब्जियां उगती भी मिलीं। जीडीए वीसी अतुल वत्स से नियोजन विभाग को निर्देश दिए हैं कि खाली पड़ी जमीन के लिए लेआउट प्लान तैयार किया जाए। इसके साथ पूरी योजना का प्रोपर्टी ऑडिट किए जाने का भी निर्णय लिया गया है।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link