National-REITs में कैसे करें निवेश? जानिए रिटर्न, जोखिम और टैक्सेशन की पूरी डिटेल – #INA

पिछले कुछ साल में REITs (रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स) भारतीय निवेशकों के लिए रियल एस्टेट में पैसा लगाने का एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरे हैं, वो भी बिना कोई फ्लैट या ऑफिस खरीदे। खासतौर पर बड़े शहरों में ऑफिस और मॉल जैसे हाई-क्वालिटी कमर्शियल स्पेस बढ़ने से अब आम निवेशक भी इनसे किराए की कमाई में हिस्सा ले सकते हैं।
लेकिन असल में ये REITs होते क्या हैं? ये कैसे किराया कमाते हैं? क्या ये शेयरों जैसे होते हैं? और इन पर टैक्स कैसा लगता है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब।
REITs क्या होते हैं?
REIT एक ऐसी कंपनी होती है, जो किराया कमाने वाली प्रॉपर्टीज को खरीदती, चलाती या फाइनेंस करती है। इन्हें आप रियल एस्टेट के म्यूचुअल फंड की तरह समझ सकते हैं।
भारत में REITs को SEBI रेगुलेट करता है। नियम के अनुसार, इन्हें अपनी 80% से ज्यादा संपत्ति पूरी तरह बनी और किराया कमाने वाली प्रॉपर्टीज में लगानी होती है, जैसे कमर्शियल ऑफिस स्पेस, शॉपिंग मॉल, वेयरहाउस और कुछ मामलों में होटल व हॉस्पिटैलिटी एसेट्स। REITs इन प्रॉपर्टीज से किराया वसूलते हैं और उसका बड़ा हिस्सा अपने निवेशकों को बांटते हैं।
REITs किराया कैसे कमाते हैं?
REITs की कमाई मुख्य रूप से किराया और लीज के जरिए होती है। ये कमाई निवेशकों को तीन तरह से मिलती है- डिविडेंड, ब्याज आय और कभी-कभी पूंजी लाभ (Capital Gains) के रूप में।
नियमों के अनुसार, REITs को अपने 90% से ज्यादा नेट कैश फ्लो निवेशकों में बांटना होता है। इसलिए यह नियमित आमदनी चाहने वाले निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बनता है।
क्या REITs शेयरों जैसे होते हैं?
इसका जवाब, हां। REITs भी शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं और आम शेयरों की तरह खरीदे-बेचे जा सकते हैं। जब आप REIT खरीदते हैं, तो आप असल में एक कमर्शियल रियल एस्टेट पोर्टफोलियो में हिस्सा ले रहे होते हैं।
भारत में (2025 तक) 4 लिस्टेड REITs हैं:
- Embassy Office Parks REIT: भारत का पहला और सबसे बड़ा REIT। इसका फोकस ऑफिस स्पेस पर है।
- Mindspace Business Parks REIT: इसके कई बड़े शहरों में प्रीमियम बिजनेस पार्क हैं, जिनसे इसकी कमाई होती है।
- Brookfield India REIT: इसे कनाडा की Brookfield कंपनी का सपोर्ट है। इसके पास दमदार ऑफिस पोर्टफोलियो है।
- Nexus Select Trust REIT: यह भारत का पहला रिटेल REIT है। इसका फोकस मॉल और अर्बन कंजम्प्शन पर है।
हालांकि REITs शेयरों की तरह ट्रेड होते हैं, पर इनका रिटर्न कंपनियों के मुनाफे से नहीं, किराए की कमाई और ऑक्यूपेंसी रेट से तय होता है।
REITs साल में कितना रिटर्न देते हैं?
भारत में REITs ने अब तक सालाना औसतन 7-9% रिटर्न दिए हैं। इसमें 4–6% किराए से होने वाली इनकम होती है। वहीं, 1–3% प्रॉपर्टी वैल्यू बढ़ने से पूंजी लाभ होता है। REITs का रिटर्न कुछ खास बातों पर निर्भर करता है। जैसे कि:
- प्रॉपर्टी में किरायेदार कितने (Occupancy) हैं।
- किराए में हर साल कितनी बढ़ोतरी हो रही है।
- ब्याज दर का माहौल REITs के हक में हैं या नहीं।
- रियल एस्टेट का ट्रेंड किस तरह का चल रहा है।
REITs हाई-ग्रोथ स्टॉक की तरह तेज नहीं बढ़ते। ये अमूमन स्थिर और अनुमानित इनकम देते हैं। इसलिए ये खासकर ऐसे निवेशकों ज्यादा सूट करते हैं, जो ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते।
REIT पर टैक्स कैसे लगता है?
REITs की इनकम पर स्टॉक्स की तरह कैपिटल गेन टैक्स लगता है। अगर आप निवेश को 12 महीने से कम समय में बेचते हैं, तो 20% का शॉर्ट टर्म गेन टैक्स देना होगा। वहीं, 12 महीने के बाद बेचने पर 12.5% का लॉन्ग टर्म गेन टैक्स लगेगा। यह टैक्स ₹1.25 लाख से ऊपर होने वाले मुनाफे पर लगता है।
इसके अलावा ब्याज और टैक्सेबल डिविडेंड पर TDS (टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स) भी देना होता है।
क्या REITs में निवेश करना चाहिए?
शेयर बाजार एक्सपर्ट के मुताबिक, REITs के फायदे हैं, तो कुछ सीमाएं भी हैं। ऐसे में आपको अपनी इन्वेस्टमेंट प्रोफाइल के हिसाब से फैसला लेना चाहिए। अगर आप कम जोखिम के साथ नियम आय चाहते हैं, तो REITs आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं। इनकी मदद से आप कम पूंजी के साथ भी रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं। लेकिन, अगर आप स्टॉक्स की तरह तेज रिटर्न तो आपको दूसरे विकल्प तलाशने चाहिए हैं।
एक्सपर्ट का मानना है कि स्टॉक्स और गोल्ड के बाद REITs को पोर्टफोलियो में शामिल करके डाइवर्सिफिकेशन बढ़ाया जा सकता है।
फायदे (Advantages) | कमियां (Disadvantages) |
नियमित किराए की इनकम | ब्याज दरों से प्रभावित होते हैं। रेपो रेट बढ़ा तो रिटर्न घट सकता है। |
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से कुछ हद तक बचाव | स्टॉक्स की तरह तेज रिटर्न की उम्मीद नहीं |
कम पूंजी में रियल एस्टेट में निवेश | इनकम टैक्सेबल होती है |
शेयरों की तरह लिक्विडिटी और सेबी का रेगुलेशन | अभी भारत में सिर्फ 4 लिस्टेड REITs हैं |
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डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।
REITs में कैसे करें निवेश? जानिए रिटर्न, जोखिम और टैक्सेशन की पूरी डिटेल
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