बालम खीरा : पथरी समेत कई बीमारियों में फायदेमंद, जानें सही उपयोग

नई दिल्ली, 23 मई (.)। अक्सर आपने सड़कों के किनारे टेंट लगाकर रहने वाले नट समुदाय के लोगों को देखा होगा, जो कुछ जड़ी-बूटियां बेचते हैं। इन्हीं वस्तुओं में से एक है बालम खीरा, जो देखने में तो आम खीरे जैसा लगता है, लेकिन वास्तव में यह दुर्लभ और औषधीय गुणों से भरपूर फल है। बालम खीरे का पौधा धीरे-धीरे बड़ा होकर एक पेड़ का रूप ले लेता है। यह पेड़ पूरी तरह विकसित होने पर लगभग 15 से 20 मीटर तक ऊंचा हो सकता है। इसके पेड़ में खीरे जैसे फल लगते हैं।

बालम खीरे का फल, छाल और तना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। इसमें आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, क्रोमियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में यह काफी मददगार साबित होते हैं। इसका फल सुखाकर चूर्ण तैयार किया जा सकता है, जिसका नियमित सेवन करने से कई गंभीर बीमारियों में राहत मिलती है। विशेष रूप से यह पथरी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद होता है। इसका चूर्ण शरीर में मौजूद पथरी को धीरे-धीरे काटकर बाहर निकालने में मदद करता है। किडनी स्टोन के मरीज के लिए बालम खीरे का काढ़ा रामबाण माना जाता है।

बालम खीरे के बीज की अगर हम बात करें, तो यह भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह कब्ज की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। खीरे में प्रचुर मात्रा में पानी होता है, जो पेट को ठंडा और पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखता है। गर्मियों में इसका सेवन शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। यह विटामिन, मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स का अच्छा स्रोत है। बालम खीरे के इस्तेमाल की अगर हम बात करें, तो इसे सुखाकर चूर्ण या फिर ड्रिंक के रूप में उपयोग करना अधिक सुरक्षित और प्रभावशाली होता है।

अगर शरीर में सूजन हो या मलेरिया जैसी कोई समस्या हो, तो बालम खीरे का रस उपयोगी हो सकता है। विशेष रूप से इसके रस को सुबह खाली पेट पीने से पीलिया जैसी बीमारियों में राहत मिलती है, क्योंकि इसमें क्लोरोक्वीन जैसा तत्व होता है जो पीलिया के उपचार में उपयोगी साबित होता है।

हालांकि, दूसरी तरफ इसके कुछ नुकसान भी हैं, जिनसे सावधान रहना आवश्यक है। बालम खीरे का कच्चा फल जहरीला होता है और इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें कूक्रिबिटिन नामक विषैला तत्व होता है, जो अधिक मात्रा में शरीर में जाने पर लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए सर्दी, कफ या सांस संबंधी समस्या से जूझ रहे लोगों को रात के समय इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

इसके अलावा, अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट में ऐंठन, गैस और ब्लड में पोटैशियम का स्तर बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो गंभीर स्थिति में किडनी फेलियर तक का कारण बन सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को भी बालम खीरे का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अत्यधिक होती है, जिससे बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है।

इस प्रकार, सड़क किनारे बिकने वाला यह साधारण दिखने वाला बालम खीरा असल में एक अद्भुत औषधीय फल है, जिसका सही और सीमित उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। लेकिन, इसके उपयोग में अत्यधिक सावधानी भी आवश्यक है।

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पीएसके/केआर

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