Nation- INDIA में क्रेडिट वार और NDA गदगद… जाति जनगणना के ऐलान पर जानें किसने क्या कहा?- #NA

जाति जनगणना के ऐलान पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया.

मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का ऐलान किया है. इस फैसले से सियासी हलचल तेज हो गई है. एनडीए के दल सरकार के फैसले को सराह रहे हैं. बिहार के सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि जाति जनगणना की हम लोगों की मांग पुरानी है. प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन और धन्यवाद.विपक्ष इसे अपनी बड़ी जीत बता रहा है. कांग्रेस कह रही है, अगर राहुल गांधी की बात माननी ही है तो उनका विरोध क्यों होता है? सपा कह रही है कि ये देश के दलितों और पिछड़ों की जीत है. तेजस्वी का कहना है कि ये हमारे पूर्वजों, समाजवादियों और लालू यादव की जीत है. अब अगली लड़ाई ये होगी कि देश के विधानसभा चुनावों में दलित और आदिवासियों भाइयों की तरह पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए सीटें आरक्षित हों. आइए जानते हैं इंडिया गठबंधन और एनडीए के दलों का इस ऐलान पर क्या कहना है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, सामाजिक न्याय के लिए संकल्पित मोदी सरकार ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज हुई CCPA की बैठक में आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का फैसला लेकर सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया है. कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने दशकों तक सत्ता में रहते हुए जातिगत जनगणना का विरोध किया और विपक्ष में रहते हुए इस पर राजनीति की. इस फैसले से आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े सभी वर्गों का सशक्तीकरण होगा, समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और यह वंचितों की प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त करेगा.

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस का कहना है, सामाजिक न्याय की लड़ाई में जातिगत जनगणना एक अहम हिस्सा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं.हमने हमेशा कहा है कि मोदी सरकार को जातिगत जनगणना करानी ही होगी. ये लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा.कांग्रेस के लगातार दबाव के बाद ही आज सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया है, हालांकि इसमें बहुत देर हुई है.सरकार जल्द से जल्द जातिगत जनगणना कराए, ताकि उस डाटा के आधार पर गांधी जी के विचारों के अनुसार ‘समाज के आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाया जा सके’.

अखिलेश यादव का बयान

सपा मुखिया ने कहा, जाति जनगणना का फैसला 90% पीडीए की एकजुटता की 100% जीत है. हम सबके दबाव से सरकार मजबूरन ये फैसला लेने को बाध्य हुई है. सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है. सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे. ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक़ दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे.

उन्होंने कहा, ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अंतिम. भाजपा की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा. संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है.ये INDIA की जीत है!

नीतीश कुमार ने क्या कहा?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, जाति जनगणना कराने का सरकार का फैसला स्वागतयोग्य है. जाति जनगणना कराने की हम लोगों की मांग पुरानी है. यह बेहद खुशी की बात है कि सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है. जाति जनगणना कराने से विभिन्न वर्गों के लोगों की संख्या का पता चलेगा जिससे उनके उत्थान और विकास के लिए योजनाएं बनाने में सहूलियत होगी. इससे देश के विकास को गति मिलेगी. जाति जनगणना कराने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन और धन्यवाद.

यह ऐतिहासिक फैसला है: चिराग पासवान

चिराग पासवान ने कहा, यह एक ऐतिहासिक फैसला है. इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता हूं. मुझे लगता है कि हमारी एक जो लंबे समय से इच्छा और मांग थी, आज हर देशवासी की उस इच्छा को प्रधानमंत्री मोदी ने पूरा करने का काम किया है. आज एक बार फिर से साबित हो गया है कि हमारी सरकार हर उस फैसले को लेगी जो जनता के हित में हो, गरीबों के हित में हो.

अभी बहुत कुछ बाकी है: लालू यादव

आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव ने कहा, मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया था. इस पर बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया. 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार मांग उठाई. मैंने, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव ने इस मांग को लेकर कई दिन संसद ठप की. बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दिया.

उन्होंने कहा, देश में सर्वप्रथम जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ. जिसे हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते हैं, उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते हैं. जातिगत जनगणना की मांग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला. अभी बहुत कुछ बाकी है. हम इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे.

ये हमारे पूर्वजों की जीत है

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ये हम लोग की 30 साल पुरानी मांग रही है. ये हमारे पूर्वजों, समाजवादियों और लालू यादव की जीत है. पूर्व में हम पीएम से मिलने गए थे लेकिन तब पीएम ने इसे मना कर दिया था. हम लोगों की ताकत देखिए कि आज इनको हमारे ही एजेंडे पर काम करना पड़ रहा है. अब हमारी अगली लड़ाई ये होगी कि देश के विधानसभा चुनावों में दलित और आदिवासियों भाइयों की तरह पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए सीटें आरक्षित हों.

प्रशांत किशोर ने क्या कहा?

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, हमें ऐसी किसी जनगणना या सर्वे से कोई दिक्कत नहीं है, जिससे समाज के बारे में बेहतर जानकारी मिले. मगर, हमने बिहार में देखा है कि जातिगत जनगणना हो जाने से देश में सुधार नहीं होगा बल्कि गणना के आधार पर जो निष्कर्ष निकलकर आए और सरकार उस पर काम करेगी तब सुधार होगा.

एआईएमआईएम का बयान

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता आदिल हसन ने कहा, सरकार के इस फैसला का उनकी पार्टी स्वागत करती है. पार्टी अध्यक्ष ओवैसी ने पहले ही जातिगत जनगणना की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि 50% का जो ब्रैकेट है, वो बढ़ाया जाना चाहिए. जातिगत जनगणना होने से ओबीसी को ज्यादा हक मिलेगा और इंसाफ मिलेगा. मुस्लिम समाज में भी जो अति पिछड़े हैं, उनको भी इंसाफ मिलेगा.

यह मील का पत्थर साबित होगा

राष्ट्रीय लोक माेर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, प्रधानमंत्री की नेतृत्व में सरकार ने आज ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस फैसले से देश के शोषित, वंचित समाज के लोगों का भला होगा. यह मील का पत्थर साबित होगा. इस बात के लिए मैं अपनी और पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री, गृह मंत्री का आभार व्यक्त करता हूं. इसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए, कम है. हमारे प्रधानमंत्री ने ये करके दिखाया है. देश के लोगों की जो अपेक्षा होती है, हमारे प्रधानमंत्री उसे पूरा करते हैं.

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