जमीन बेचने के नाम पर 60 लाख रुपये धोखाधड़ी करने का आरोपी है मनीष
रिपोर्ट - संजय चाणक्य
- मनीष सत्ता का प्रभाव या मैनेज का खेल बना चर्चा का विषय
- वांछित मनीष को कसया पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर छोडे जाने का मामला
कुशीनगर । जनपद के कसया पुलिस द्वारा बीते दिनो ठगी और धोखाधड़ी के मामले में वांछित अभियुक्त मनीष श्रीवास्तव को गिरफ्तार करके थाने से छोडे जाने के मामले को लेकर कसया पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है। ऐसी चर्चा है कि पुलिस को जब मनीष के सत्तादल से ताल्लुककात की जानकारी हुई तो वह चोक मे आ गयी और आनन-फानन में मामला मैनेज कर न सिर्फ वांछित मनीष को थाने से छोड दिया बल्कि ग्रुप से फोटो सहित गिरफ्तारी से संबंधित प्रेस नोट डिलिट करके मामले से हाथ खडा कर लिया।
बतादे कि वांछित व वारण्टी अभियुक्तों के गिरफ्तारी के लिए जनपद में चलाये जा रहे अभियान के तहत कसया पुलिस ने रविवार की देर शाम धोखाधड़ी व ठगी के मामले वांछित मनीष श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था। इसकी पुष्टि पुलिस प्रशासन के मीडिया सेल द्वारा बकायदे फोटो सहित मनीष की गिरफ्तारी से संबंधित प्रेस नोट कुशीनगर मीडिया & पुलिस ग्रुप में पोस्ट भी किया गया था लेकिन कुछ देर बाद ही ग्रुप से प्रेस नोट डिलिट कर वांछित मनीष को थाने से छोड दिया गया। कसया पुलिस के इस कार्रवाई के बाद नगर मे चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया चहुंओर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर खूब छिछालेदर हो रही है। कोई सत्ता का प्रभाव तो कोई मैनेज का खेल बता रहा है सच्चाई क्या है यह कसया पुलिस बखूबी जानती है जो मनीष की गिरफ्तारी से इंकार करते हुए वांछित को पूछताछ के लिए बुलाये जाने की बात कहकर अपने कार्यप्रणाली पर सीना चौडा कर रही है लेकिन मनीष की फोटो सहित गिरफ्तारी से संबंधित प्रेस नोट को ग्रुप मे पोस्ट कर डिलिट किये जाने के मामले मे मीडिया को संतुष्टपूर्ण जबाब देने मे असहज महसूस कर रही है। इसके पीछे सबब चाहे सत्ता का प्रभाव हो या फिर मैनेज का खेल राम जाने।
क्या है मनीष का मामला
वर्ष 2023 मे सितंबर माह के 29 तारीख को जनपद के कसया थाना क्षेत्र के अन्धया निवासी रजनीश मिश्रा पुत्र गिरजा शंकर मिश्रा द्वारा मनीष श्रीवास्तव पुत्र गोपाल कृष्ण श्रीवास्तव निवासी वार्ड संख्या – 13 कसया के खिलाफ दिये गये तहरीर के आधार पर कसया थाने मे दर्ज किये गये मुकदमा पर गौर करे तो वादी रजनीश मिश्रा अपने जरुरत के वास्ते वर्ष 2020 में कसया में जमीन तलाश रहे थे इसी दौरान मनीष श्रीवास्तव से उनका संपर्क हुआ जहां मनीष ने रजनीश को बताया कि उनके पास जमीन है, लेना चाहे तो ले सकते है। मनीष द्वारा जमीन का खतौनी भी दिखाया गया जिसमे आराजी नंबर 168 रकबा 0.3280 हेक्टेयर व आराजी नंबर 169 रकबा 0.1700 हेक्टेयर आंछादित था। इसके बाद रजनीश द्वारा उक्त जमीन का विक्रय-विलेख कराने के लिए 7 फरवरी – 2020 को मनीष श्रीवास्तव को कुल धनराशि 90 लाख रुपये के सापेक्ष 10 लाख रुपये नगद देकर अनुबंध-पत्र जरिये नोटरी कराया गया। दर्ज एफआईआर के मुताबिक आवेदक रजनीश अपने विभिन्न सहयोगियों से सहयोग लेकर मनीष श्रीवास्तव एवं उनके बताये गये अन्य खाताधारकों क्रमशः साधना, अरविन्द व विनोद आदि के बैंक खाते में कुल 60 लाख 49 हजार पांच सौ रुपये भुगतान कर दिया। तभी किसी व्यक्ति ने रजनीश को बताया कि मनीष श्रीवास्तव फ्राड किस्म का व्यक्ति है, दूसरे की जमीन को अपना बताकर उस पर एडवांस ले लेता है। उससे सर्तक रहने की आवश्यकता है। यह बात सुनते ही रजनीश के कान खड़े हो गये और मनीष श्रीवास्तव द्वारा दिये गये खतौनी का अधिवक्ता के जरिए सत्यापन कराया तो पता चला कि आराजी नंबर 168 व 169 किसी दूसरे व्यक्ति अरविन्द आदि के नाम से अंकित है। इससे स्पष्ट हो गया कि मनीष श्रीवास्तव ने छल-कपट, घोखाधडी व कूटरचना कर फर्जी खतौनी तैयार कर रजनीश को झांसे में लेकर पैसा हडपने का कार्य किया है। फिर क्या, रजनीश मिश्रा ने इस संबंध सम्बंध में 23 मई -2023 को मनीष श्रीवास्तव से वार्ता किया तो मनीष ने कहा कि मेरे द्वारा बनाये गये अनुबंध-पत्र की मूलप्रति लेकर आईये और अपना पैसा ले लीजिये। मनीष के कहने पर रजनीश अनुबंध पत्र का मूल प्रति लेकर उनके घर पहुचे जहां मनीष श्रीवास्तव ने अनुबंध-पत्र की मूल प्रति लेकर 27 मई-2023 को पैसा वापस लौटाने की बात कही। दर्ज मुकदमे के कहा गया है कि जब रजनीश निर्धारित तिथि 27 मई को मनीष श्रीवास्तव से पैसा मांगने गये, तो मनीष ने 22 जून 2023 फिर 25 जुलाई 2023 को पैसा वापस करने का समय दिया। मनीष श्रीवास्तव द्वारा बार-बार समय देने के बाद पैसा नही लौटाने पर रजनीश का शक पूर्णतः यकीन में बदल गया कि मनीष पैसा हडपने के उद्देश्य से टाल-मटोल कर रहे है। अंत में आजीज होकर वादी रजनीश ने मनीष श्रीवास्तव से कहा कि वह कानूनी कार्यवाही करने जा रहे है यह सुनते ही मनीष भड़क गये और भद्दी-भद्दी गालियां देते हुये हत्या करने की धमकी दी, तथा कहा कि मैं पैसा नहीं दूंगा, जाओ जो करना है, कर लेना। वादी रजनीश के इस तहरीर पर कसया पुलिस ने 29 सितम्बर – 2023 को मुकदमा अपराध संख्या – 852/2023 धारा 419, 420,504,506,406 के तहत मनीष श्रीवास्तव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।
धारा में की गयी बढोतरी
कहना ना होगा कि रजनीश मिश्रा द्वारा दिये गये तहरीर पर कसया पुलिस ने दिनांक 29 सितम्बर – 2023 को अपराध संख्या – 852/2023 धारा 419, 420, 406, 504, 506 के तहत मनीष श्रीवास्तव के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया था जबकि 8 दिसम्बर – 2024 को मीडिया सेल द्वारा जारी प्रेसनोट (जो कुछ देर बाद डिलिट कर दिया गया) उसमे धारा 467, 468, 471 बढाई गयी है। जानकारों का कहना है कि अपराध की स्थिति, परिस्थिति और प्रवृति को देखते हुए विवेचना के दौरान पुलिस धाराओं मे बढोतरी व घटौती कर सकती है।
किसने क्या कहा
इस संबध में वांछित आरोपी मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि विवेचना मे मुझे पूछताछ के लिए बुलाया गया था। तहरीर सही नही पाया गया उसमे जो भी डाक्यूमेंट लगाया गया है वह सब फोटोकापी है। मैने थाने में सवाल किया है कि जब संविधान में लिखा है कि फोटोकापी मान्य नही है तो फिर मेरे उपर मुकदमा कैसे दर्ज हो गया है। उन्होने कहा कि मैने अपना बयान दर्ज करा दिया है मेरा फर्जी हस्ताक्षर का एग्रीमेंट का फोटोकापी लगाया गया। उस पर किया गया हस्ताक्षर मेरे हस्ताक्षर से मिलान नही कर रहा है। वही मनीष श्रीवास्तव को गिरफ्तार करने वाले उप निरीक्षक कुलदीप मौर्या का कहना है कि मनीष श्रीवास्तव को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। जब उनसे पूछा गया कुशीनगर मीडिया & पुलिस ग्रुप मे मीडिया सेल द्वारा फोटो सहित मनीष श्रीवास्तव की गिरफ्तारी का प्रेसनोट पोस्ट किया गया था। इस पर उन्होंने कहा कि विज्ञप्ति लिखने वाले की गलती से खबर ग्रुप मे पोस्ट हो गयी है।