दुनियां – क्या एक हैंडबैग की वजह से दक्षिण कोरिया में लगा मॉर्शल लॉ? – #INA

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मंगलवार को अचानक देश में ‘मार्शल लॉ’ का ऐलान कर दुनिया भर को चौंका दिया. हालांकि कुछ ही घंटों बाद नेशनल असेंबली ने इसके खिलाफ वोटिंग कर राष्ट्रपति को फैसला पलटने के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन इसे लेकर राष्ट्रपति की मंशा पर सवाल उठना लाजिम है. दरअसल मार्शल लॉ लगाने के कारणों में उन्होंने ‘देश विरोधी ताकतों’ और ‘उत्तर कोरिया के खतरे’ का जिक्र किया, लेकिन सच उनके इस दावे से कहीं अलग है.
राष्ट्रपति यून सुक और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार और घोटाले के कई गंभीर आरोप हैं, यही वजह है कि हाल ही में उनकी अप्रूवल रेटिंग में भी भारी गिरावट आई. मई 2022 में पीपुल पावर पार्टी के यून सुक-योल काफी कम अंतर से चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने, लेकिन उनके 2 साल के कार्यकाल में ही लगे घोटालों के आरोपों की वजह से उनकी पार्टी अप्रैल में हुए आम चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाई. इन चुनावों में विपक्ष ने पीपुल पावर पार्टी को मात देकर संसद में अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया, जिससे राष्ट्रपति के सामने नई चुनौती पैदा हो गई.
संसद से बिल पास नहीं करा पा रहे राष्ट्रपति
आम चुनाव में वामपंथी डेमोक्रेट्स की जीत के बाद से ही यून सुक-योल की सरकार अपने मनचाहे बिल पास नहीं करवा पाई है, और यही वजह है कि वह विपक्ष के पास किए गए बिलों को वीटो करते रहे हैं. वहीं इस सप्ताह, विपक्ष ने एक प्रमुख सरकारी बजट विधेयक को कम करने का प्रस्ताव रखा था जिसे वीटो नहीं किया जा सकता.
एक हैंडबैग ने बढ़ाई राष्ट्रपति की मुसीबत?
इसके अलावा राष्ट्रपति की पत्नी और फर्स्ट लेडी पर लग्जरी ब्रांड Dior का बैग गिफ्ट के तौर पर स्वीकार करने और स्टॉक में हेरफेर से जुड़े मामले में शामिल होने का भी आरोप है. दरअसल फर्स्ट लेडी किम कीन ही एक पादरी से करीब पौने 3 लाख की कीमत का एक लग्जरी हैंडबैग लेते हुए पकड़ी गईं थीं, इस लेन-देन को सीक्रेट कैमरे की मदद से फिल्माया गया था. जब फर्स्ट लेडी का वीडियो सामने आया तो राष्ट्रपति इस मामले में बैकफुट पर आ गए और उन्हें नेशनल टेलीविजन पर माफ़ी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा था. तब उन्होंने कहा था कि वह फर्स्ट लेडी के कर्तव्यों की देखरेख के लिए एक विभाग स्थापित कर रहे हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर जांच को अस्वीकार कर दिया, जिसकी विपक्षी दल मांग कर रहे थे.
विवादों से फर्स्ट लेडी का पुराना नाता!
फर्स्ट लेडी के खिलाफ यह कोई पहला मामला नहीं था, बल्कि वह कथित तौर पर टैक्स का भुगतान न करने, स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने, आर्ट एग्जीबिशन की मेजबानी के लिए रिश्वत लेने और अपने रिज्यूमे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए पहले ही विवादों में आ चुकी थीं.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने 2 साल के कार्यकाल में 12 बार कानून को वीटो किया है, खास बात ये है कि इसमें एक ऐसा बिल भी शामिल है जो उनकी पत्नी के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए था.
संसद से राष्ट्रपति को बड़ा झटका
वहीं संसद में पीपुल पावर पार्टी के पास बहुमत न होने के चलते यह साफ हो गया कि विपक्ष उनके विधेयकों को पारित करने के लिए तैयार नहीं है.इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब विपक्ष ने सरकार के प्रस्तावित 677 ट्रिलियन वॉन बजट में करीब 4.1 ट्रिलियन वॉन की कटौती कर दी.
यही नहीं हाल ही में विपक्ष ने फर्स्ट लेडी के मामलों की जांच करने में विफल रहने के लिए कैबिनेट सदस्यों और कई शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ महाभियोग चलाने का भी प्रस्ताव रखा, जो राष्ट्रपति के मार्शल लॉ लगाने के कदम के पीछे सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है.
उल्टा पड़ गया यून सुक का दांव!
राजनीतिक टिप्पणीकार किम जूनिल के मुताबिक, मार्शल लॉ का ऐलान संसद में सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट प्रॉसिक्यूटर्स ऑफिस के मुख्य प्रॉसीक्यूटर और ऑडिट एंड इंस्पेक्शन बोर्ड के अध्यक्ष पर राष्ट्रपति की पत्नी पर मुकदमा चलाने में उनकी विफलता के लिए महाभियोग लगाने से ठीक पहले की गई थी. उनका मानना है कि, ‘दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं और उनकी शक्ति खतरे में है. वह ऐसे व्यक्ति हैं जो अचानक ही फैसले करते हैं और अक्सर क्रोधित हो जाते हैं, इसलिए उनके आस-पास कोई ऐसा नहीं है जो उन्हें सलाह दे सके.’
चोई ब्युंग को रक्षा मंत्रालय की कमान
उधर दक्षिण कोरिया की संसद में महाभियोग पर वोटिंग से पहले बुधवार को रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. कोरियाई न्यूज एजेंसी योनहाप के मुताबिक ह्यून ने राष्ट्रपति के मार्शल लॉ लगाने की कोशिश की जिम्मेदारी लेते हुए जनता से माफी मांगी और इस्तीफे की पेशकश कर दी. इसके बाद गुरुवार को राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए चोई ब्युंग-ह्यूक को नया रक्षा मंत्री बनाया है. ह्यूक सेना में फोर स्टार जनरल रह चुके हैं और वर्तमान में सऊदी अरब में दक्षिण कोरिया के एंबेसडर हैं.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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