National-छोटी कारों की लगातार घट रही बिक्री, मारुति सुजुकी ने सरकार से लगाई मदद की गुहार – #INA

देश की सबसे बड़ी पैसेंजर व्हीकल मैन्युफैक्चरर मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने सोमवार को एंट्री-लेवल कार सेगमेंट में मांग में आ रही लगातार गिरावट को लेकर चिंता जताई। उसने सरकार से इस सेगमेंट को बढ़ावा देने के लिए मददगार नीतियों के साथ दखल देने की गुजारिश की है। कंपनी का कहना है कि कड़े नियमों और लागत में वृद्धि के चलते छोटी कारों की खरीद आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर होती जा रही है।

FY16 में जहां 5 लाख रुपये से कम कीमत वाली एंट्री-लेवल कारों की बिक्री 9.34 लाख यूनिट्स थी, वहीं FY25 में यह घटकर सिर्फ 25,402 यूनिट रह गई है। अब यह सेगमेंट पैसेंजर व्हीकल बाजार का 30% से भी कम रह गया है।

Alto और S-Presso जैसे मॉडल प्रभावित

Maruti Suzuki के लोकप्रिय एंट्री मॉडल Alto और S-Presso की बिक्री मई में घटकर 6,776 यूनिट रह गई, जो पिछले साल मई में 9,902 यूनिट थी। कॉम्पैक्ट सेगमेंट की कारें जैसे Baleno, Celerio, Dzire, Ignis, Swift और WagonR की संयुक्त बिक्री भी घटकर 61,502 यूनिट रह गई, जो मई 2024 में 68,206 यूनिट थी।

टू-व्हीलर से फोर-व्हीलर में अपग्रेड मुश्किल

Maruti Suzuki India के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग एंड सेल्स) पार्थो बनर्जी ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रेगुलेशन और सेफ्टी नॉर्म्स बढ़ने के चलते एंट्री-लेवल कारों की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। इससे उन ग्राहकों पर असर पड़ा है जो दोपहिया वाहन से चारपहिया की ओर जाना चाहते हैं।

बनर्जी ने कहा, “अगर सरकार ऑटो इंडस्ट्री की ग्रोथ चाहती है, तो उसे यह समझना होगा कि असली समस्या कहां है। छोटे कार सेगमेंट का दायरा बढ़ाने के लिए कुछ इंसेंटिव जरूरी हैं। ऐसे इंसेंटिव होने चाहिए, जिससे वह ग्राहक भी कार खरीद सके जो अब तक इसे अफॉर्ड नहीं कर पा रहा था।”

छोटे कारों की बाजार में घटती हिस्सेदारी

छोटी कारों की भारत के कुल पैसेंजर व्हीकल (PV) बाजार में हिस्सेदारी FY18 में 47.4% थी, जो FY19 में घटकर 46% हुई। FY20 में यह हल्का बढ़कर 46.5% हुई लेकिन इसके बाद लगातार गिरावट देखी गई:

वित्त वर्ष (FY)
छोटी कारों की हिस्सेदारी
FY18 47.40%
FY19 46.00%
FY20 46.50%
FY21 45.60%
FY22 37.50%
FY23 34.40%
FY24 27.70%

चीन से मैग्नेट सप्लाई पर कोई बड़ा असर नहीं: Maruti

कंपनी ने बताया कि फिलहाल चीन द्वारा रेयर अर्थ मैग्नेट के एक्सपोर्ट पर लगाई गई पाबंदियों का Maruti Suzuki के प्रोडक्शन पर कोई तात्कालिक असर नहीं हुआ है। MSI के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (कॉर्पोरेट अफेयर्स) राहुल भारती ने बताया कि चीन ने एंड-यूजर सर्टिफिकेट की मांग की है, जिसे सरकार की मंजूरी जरूरी है। इस पर उद्योग और सरकार के बीच बातचीत जारी है।

FY26 में 4 लाख यूनिट एक्सपोर्ट करने का टारगेट

Maruti Suzuki ने FY26 में 4 लाख यूनिट्स के एक्सपोर्ट का लक्ष्य रखा है, जो FY25 से 20% अधिक है। FY25 में कंपनी ने 3,32,585 यूनिट्स का निर्यात किया था, जो FY24 से 17.5% की ग्रोथ दर्शाता है। FY24 में Maruti ने 2,83,067 यूनिट्स एक्सपोर्ट की थीं।

भारती ने बताया, “हमारी एक्सपोर्ट बाजार काफी डायवर्स है। अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और साउथ-ईस्ट एशिया हमारे प्रमुख मार्केट हैं। हमने हाल ही में जापान में प्रवेश किया है और सिर्फ दो मॉडलों (Fronx और Jimny) के बल पर यह हमारा दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन बन गया है।”

EV लॉन्च से मिलेगी और रफ्तार

Maruti Suzuki के मुताबिक, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) का लॉन्च अभी बाकी है, उसके आने से एक्सपोर्ट और बढ़ेगा। FY25 में Fronx, Jimny, Baleno, Swift और Dzire टॉप एक्सपोर्ट मॉडल रहे। वहीं, टॉप 5 मार्केट में साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब, चिली, जापान और मैक्सिको शामिल हैं।

भारती ने कहा, “हमारा एक्सपोर्ट मार्केट शेयर FY25 में 43% था और हम 50% के गोल्डन मार्क के बेहद करीब हैं।”

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छोटी कारों की लगातार घट रही बिक्री, मारुति सुजुकी ने सरकार से लगाई मदद की गुहार


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