संत शिरोमणि रविदास जयंती समारोह को सफल बनाने के लिए बैठक का आयोजन

संवाददाता-राजेन्द्र कुमार ।

राजापाकर — आगामी 23 फरवरी को पटना के रविंद्र भवन में आयोजित संत शिरोमणि रविदास जयंती समारोह को सफल बनाने के लिए रविदास चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम द्वारा बैठक का आयोजन किया गया है। यह समारोह सामाजिक एकता और समरसता का प्रतीक होगा, जिसमें सभी समुदायों के लोग एक साथ जुड़ेंगे।

बैठक की महत्ता

वैशाली/राजापाकर। राजद नेता शंभू राय के आवास पर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जाफरपट्टी पंचायत के मुखिया संजय राम ने की, जबकि संचालन नारायणपुर बुजुर्ग पंचायत के पूर्व सरपंच टुनटुन राम ने किया। इस बैठक में राजद एवं रविदास चेतना मंच के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित हुए। सभी को अपने-अपने पंचायत से भारी संख्या में लोगों को कार्यक्रम में आमंत्रित करने का आह्वान किया गया। यह बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण थी कि संत शिरोमणि रविदास जयंती समारोह में सभी वर्गों के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।

समारोह की तैयारियाँ

पूर्व मंत्री सह विधायक शिवचंद्र राम ने अपने संबोधन में कहा कि “संतों की कोई जाति नहीं होती। सभी वर्गों के लोगों को इस समारोह में आना है।” उन्होंने आगे कहा कि इस समारोह में पूरे बिहार से लोग गाजे-बाजे के साथ आएंगे। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बिहार के लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार रहें। इस प्रकार के आयोजनों से सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलता है।

सरकारी पहल और विकास

शिवचंद्र राम ने कहा कि “हमारी सरकार ने विकास मित्रों को ₹50 हजार मानदेय और राजकर्मी का दर्जा देने की मांग की है।” उन्होंने यह भी कहा कि “किसी भी राज्य में रविदास जयंती नहीं मनाई जाती और न ही उस दिन छुट्टी होती है। लेकिन हमारी सरकार ने बिहार में रविदास जयंती को एक विशेष महत्व दिया है और इसे छुट्टी के रूप में मान्यता दी है।” यह कार्य समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत रत्न सम्मान की मांग

23 फरवरी को कार्यक्रम में भारत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम एवं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री काशीराम को भारत रत्न सम्मान दिए जाने की मांग की जाएगी। यह सम्मान भारतीय समाज के उन महान नेताओं के प्रति श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने सामाजिक न्याय और समरसता के लिए संघर्ष किया।

उपस्थित लोग और उनका योगदान

इस कार्यक्रम में तपसी प्रसाद सिंह, लखेन्दर राम, गणेश राम, पवन यादव, सीताराम सिंह, शंभू राम, कैलाश राय, लक्ष्मण यादव, रणवीर सिंह, सुबोध पटेल, सतीश कुमार, दिलीप कुमार, रणजीत राम, शिवजी राम और शंभू दास सहित अनेक लोग शामिल होंगे। इन सभी का एकत्र होना इस बात का प्रमाण है कि जब बात सामाजिक समरसता की हो, तो लोग धर्म, जाति और सम्प्रदाय से ऊपर उठकर एक साथ खड़े होते हैं।

निष्कर्ष

इस न्यूज़ आर्टिकल के माध्यम से स्पष्ट है कि संत शिरोमणि रविदास जयंती समारोह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह समारोह हमें यह सिखाता है कि असली समानता और भाईचारा तभी संभव है जब हम एक साथ खड़े हों। सभी लोगों से अपील है कि वे 23 फरवरी को इस विशेष पर्व का हिस्सा बनकर इसे सफल बनाएं।

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