धन धान्य किसान: 2014 के बाद के बजटों ने बोए समृद्ध कृषि भविष्य के बीज अब अंकुरित होने लगे हैं

शहरी विकास की चमक ने कृषि क्षेत्र में निरंतर जारी सुधारों से हमारा ध्यान भटका दिया है। पिछले एक दशक में किसानों के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाओं और पहलों का असर अब दिखने लगा है। टेक्नोलॉजी, सौर ऊर्जा, मौसमी भविष्यवाणियां, लोन और फसल बीमा योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। सबसे ज्यादा फायदा डीबीटी, यानी निजी खातों में सीधा ट्रांसफर, से हो रहा है।

बृज खंडेलवाल की कलम से/ 5 फरवरी 2025: भारतीय कृषि क्षेत्र, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और करोड़ों लोगों की आजीविका का आधार है, अब एक नए युग में प्रवेश करने के लिए बेचैन है। केंद्रीय बजट 2025-26 में कृषि को लेकर कई परिवर्तनकारी पहलों की घोषणा की गई है, जो न केवल किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि कृषि क्षेत्र को आधुनिक, टिकाऊ और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का लक्ष्य लिए है।
कुल बजट का 22% हिस्सा कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए आवंटित किया गया है, जो सरकार की इस क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एक दशक से लगातार हो रहे सुधार और प्रयोग अब कृषि क्षेत्र को एक पॉजिटिव दिशा और गति दे रहे हैं। ऑर्गेनिक फॉर्मिंग, खासतौर पर दक्षिण भारत में, लाभ कमाऊ साबित हो रही है। हॉर्टिकल्चर और फ्लोरीकल्चर के साथ दुग्ध उत्पादन ने किसानों को सशक्त किया है, जो साफ दिख रहा है।

17 मिलियन किसानों के लिए नई उम्मीद
इस बजट की सबसे चर्चित पहल ‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ है, जो 100 जिलों के 17 मिलियन किसानों को लाभान्वित करेगी। यह योजना कृषि उत्पादकता बढ़ाने, किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने और उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके तहत किसानों को शिक्षा और कौशल विकास के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे, ताकि वे आधुनिक कृषि प्रथाओं को अपना सकें।

प्रोफेसर पारस नाथ चौधरी, एक प्रमुख कृषि विशेषज्ञ, कहते हैं, “इस योजना का सीधा लाभ किसानों तक पहुंचना एक बड़ा कदम है। यह न केवल उत्पादकता बढ़ाएगा, बल्कि कृषि क्षेत्र को अधिक लचीला और समृद्ध बनाएगा। सरकार की योजना निरंतर मूल्यांकन और सुदृढ़ीकरण पर आधारित है, जो इसे और प्रभावी बनाएगी।”

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बजट में कृषि के आधुनिकीकरण के लिए अत्याधुनिक तकनीक और बेहतर सिंचाई सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। 1.7 करोड़ किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने की योजना है, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी। इसके अलावा, ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों का उपयोग करके कृषि प्रक्रियाओं को और अधिक कुशल बनाने की योजना है।

बजट में छह साल के ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ की घोषणा की गई है। यह मिशन घरेलू दलहन उत्पादन को बढ़ावा देगा, आयात पर निर्भरता को कम करेगा और कीमतों को स्थिर रखेगा। इससे न केवल उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि दाल उत्पादक किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

फलों और सब्जियों में कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए एक नया व्यापक कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस पहल के तहत आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का विस्तार करने और परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा। इससे न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी ताज़ा और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सुलभ होंगे।

छोटे और सीमांत किसानों के लिए ऋण तक पहुंच एक बड़ी चुनौती रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ ढांचा शुरू किया गया है। यह ढांचा स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और ग्रामीण उद्यमियों को किफायती ऋण सुविधा प्रदान करेगा, जिससे वे अपने खेतों और व्यवसायों में निवेश कर सकेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ‘अभिनव ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन कार्यक्रम’ शुरू किया गया है। इसके तहत कौशल विकास, प्रौद्योगिकी अपनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह कार्यक्रम गैर-कृषि रोजगार के अवसर पैदा करेगा, जो कृषि आय के लिए एक महत्वपूर्ण पूरक साबित होगा।

बजट में पीएम-किसान, पीएम फसल बीमा योजना और अन्य मौजूदा योजनाओं को और मजबूत करने का भी प्रावधान है। इन योजनाओं ने पहले से ही कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और नई पहल इन्हें और प्रभावी बनाएगी।

कृषि विशेषज्ञ सच्चेंद्र कुमार सिंह कहते हैं, “उपज के अंतर को पाटने पर ध्यान केंद्रित करने से न केवल उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में समानता भी सुनिश्चित होगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह बजट एक मील का पत्थर साबित होगा।”

रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक टी.एन. सुब्रमनियन का कहना है, “प्रौद्योगिकी, वित्त और नीति सुधारों को एकीकृत करके, यह बजट भारतीय कृषि को वैश्विक स्तर पर एक शक्तिशाली क्षेत्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।”

2025-26 का बजट भारतीय कृषि के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। नवाचार, लचीलापन और समावेशी विकास पर आधारित यह बजट किसानों को सशक्त बनाने, उत्पादकता बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक स्पष्ट रोडमैप प्रदान करता है। यह न केवल किसानों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए समृद्धि का संकेत है।

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