MP News: बाबा महाकाल के पंच मुखारविंद दर्शन…मंदिर में उमड़े श्रद्धालु, साल केवल एक बार होता है ऐसा श्रृंगार – INA

मध्य प्रदेश के उज्जैन में विराजमान बाबा महाकाल फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि के मौके पर पंच मुखारविंद स्वरुप में नजर आए. वैसे तो श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा का रोज ही अलग अलग श्रृंगार होता है, लेकिन शिव नवरात्रि के अंतिम दिन यानी फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वितीया को बाबा अपने सभी पंच स्वरुपों में दर्शन देते हैं. वह एक साथ अपने पांचों स्वरूप छबीना, मनमहेश, उमा-महेश, होलकर और शिवतांडव के रूप में भक्तों के सामने उपस्थित होते हैं.
एक साथ उनके इन सभी स्वरुपों का दर्शन पाने के लिए भक्तों का रेला उमड़ता है. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी के मुताबिक महाशिवरात्रि के बाद बाबा फाल्गुन शुक्ल प्रतिपदा पर चंद्र दर्शन के दिन हर साल इस रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं. हालांकि इस बार प्रतिपदा तिथि के क्षय होने की वजह से बाबा द्वितीया तिथि को पंच मुखारविंद स्वरुप में सामने आए. पुजारी के मुताबिक श्री महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा के मुताबिक हर साल फाल्गुन कृष्ण पंचमी से फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी महाशिवरात्रि तक 9 दिन का शिव नवरात्रि उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है.
चंद्रमा को मस्तक पर धारण करने की तिथि
मंदिर के पुजारी पं महेश शर्मा बताते हैं कि भगवान शिव को पंचानन कहा जाता है और वे पांच स्वरूप में जगत का कल्याण करते हैं. इसीलिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया का दिन ही एक ऐसा अनोखा अवसर होता है, जब बाबा महाकाल चंद्र दर्शन के दिन साल में सिर्फ एक बार भक्तों को अपने पांच स्वरूपों में दर्शन देते हैं. दरअसल बाबा ने इसी तिथि को चंद्रमा का कल्याण करते हुए उन्हें अपने मस्तक पर स्थान दिया था.
दर्शन से मिलता है शिवनवरात्रि का फल
श्री महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि संध्या पूजन के बाद पुजारियों ने भगवान का एक साथ पांच रूपों में श्रृंगार किया. जिसके बाद भक्तों को शयन आरती तक पंचमुखारविंद के दर्शन होंगे. मान्यता है कि जो श्रद्धालु शिव नवरात्रि के दौरान भगवान के दर्शन नहीं कर पाते, वो यदि एक साथ पांच मुखारविंद दर्शन करते हैं तो उन्हें पूरी शिव नवरात्रि का पुण्य फल प्राप्त हो जाता है.
बाबा महाकाल के पंच मुखारविंद दर्शन…मंदिर में उमड़े श्रद्धालु, साल केवल एक बार होता है ऐसा श्रृंगार
देश दुनियां की खबरें पाने के लिए ग्रुप से जुड़ें,
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
Copyright Disclaimer :-Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing., educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Credit By :-This post was first published on https://www.tv9hindi.com/, we have published it via RSS feed courtesy of Source link,