MP News: गबज! एक पेपर 2025 तो दूसरा 2029 में… यूनिवर्सिटी का एग्जाम टाइम टेबल देख छात्र हुए हैरान – INA

मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का विवादों और लापरवाहियों से पुराना नाता है. विश्वविद्यालय हमेशा नई-नई गलतियों के साथ वह अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता से अधिक अपनी लापरवाहियों और विवादों के लिए सुर्खियों में रहा है. विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित परीक्षाओं में एक के बाद एक कई लापरवाहियां सामने आई है. इन सब लापरवाहियां के सामने आने के बाद छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्र शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत और पारदर्शी बनाने की मांग की है.

हाल ही में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में बीएड चौथे सेमेस्टर की परीक्षा का टाइम टेबल 2 जून 2025 से 9 जून 2025 तक घोषित किया गया, लेकिन एक पेपर की तारीख गलती से 4 जून 2029 डाल दी गई. जैसे ही छात्रों के हाथ में टाइम टेबल आया, वे हैरान रह गए और विश्वविद्यालय पहुंचे. प्रशासन ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए संशोधित टाइम टेबल जारी करने की बात कही. यह गलती केवल एक उदाहरण है, ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.

एग्जाम में पूछा गया गलत सवाल

द्वितीय वर्ष की परीक्षा में प्रथम वर्ष के प्रश्न पूछ लिए गए. जैसे ही छात्रों ने प्रश्न पत्र पढ़ा, उन्हें गड़बड़ी का एहसास हुआ. परीक्षा केंद्रों से फोन की बाढ़ आ गई और विश्वविद्यालय प्रशासन ने लापरवाही की बात स्वीकारते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही. 3 मई 2025 को बीएससी सेकेंड ईयर के फाउंडेशन कोर्स में पूछा गया सवाल ‘रानी दुर्गावती का मकबरा कहां है?’ इस सवाल ने छात्रों को चौंका दिया क्योंकि रानी दुर्गावती एक हिंदू वीरांगना थीं और ‘मकबरा’ शब्द का प्रयोग गलत था.

छात्र संगठनों ने सड़कों पर किया प्रदर्शन

इस संबंध में NSUI और ABVP जैसे छात्र संगठनों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया. एमएससी केमिस्ट्री तृतीय सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम में 200 से अधिक छात्र फेल घोषित कर दिए गए. जांच में सामने आया कि मार्कशीट तैयार करने वाली एजेंसी ने अंक गलत दर्ज किए थे. इससे छात्रों को मानसिक आघात पहुंचा और विश्वविद्यालय को परिणाम संशोधित करना पड़ा. 27 अप्रैल को बीबीए प्रथम वर्ष का परिणाम घोषित कर दिया गया, जबकि एक विषय डाटा एनालिसिस की परीक्षा हुई ही नहीं थी.

बिना छात्रों को सूचित किए चेंज कर दिया एग्जाम टाइम टेबल

अगले ही दिन 28 अप्रैल को संशोधित टाइम टेबल जारी कर दिया गया. इससे विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए. एमएससी प्रथम सेमेस्टर के कंप्यूटर साइंस स्टूडेंट्स परीक्षा देने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि परीक्षा की तारीख बदल दी गई है. छात्रों के पास लिखित टाइम टेबल था, जिसमें 5 मार्च को परीक्षा होना तय था, लेकिन विश्वविद्यालय यह सूचना छात्रों तक समय पर नहीं पहुंचा पाया.

विश्वविद्यालय की छवि हो रही धूमिल

बीए और बीकॉम पूरक परीक्षा में दर्जनों छात्रों को 0 या 10 से कम अंक दिए गए, जबकि छात्रों का दावा था कि उन्होंने पेपर पूरा हल किया था. छात्रों ने दोबारा मूल्यांकन मामले में जांच की मांग की. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में लगातार सामने आ रही गड़बड़ियां न केवल छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि विश्वविद्यालय की छवि को भी धूमिल कर रही हैं.

क्या है छात्र संगठनों की मांग?

कुलपति राजेश वर्मा ने सभी मामलों में जांच की बात कही है और संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है, लेकिन अब यह जरूरी है कि केवल जांच और बयानबाजी न हो बल्कि स्थायी और पारदर्शी सुधार लागू किए जाएं. छात्र संगठनों की मांग है कि परीक्षा संचालन में डिजिटल निगरानी प्रणाली अपनाई जाए. प्रश्न पत्रों और परिणामों की तीन स्तरीय समीक्षा अनिवार्य की जाए. जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो. छात्र शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत और पारदर्शी बनाया जाए. अगर विश्वविद्यालय समय रहते इन सुझावों को अमल में नहीं लाता, तो छात्रों का विश्वास और भविष्य दोनों ही खतरे में रहेंगे.

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