MP News: ‘वोट जिहाद’ जांच मामले में ED को मिले 255 बैंक अकाउंट्स, पैसों का भड़काऊ गतिविधियों के लिए होता था इस्तेमाल – INA

देशभर में वोट जिहाद मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अपने ऑपरेशन “असली कुबेर” में कई चौंकाने वाली जानकारी मिल रही हैं. ईडी के सूत्रों के मुताबिक ऐसे जांच एजेंसी को 255 ऐसे बैंक अकाउंट की जानकारी मिली है, जो संभावित रूप से आतंकी फंडिंग से जुड़े हैं. जांच से पता चलता है कि ये एक मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क हैं, जो कथित तौर पर राजनीतिक संस्थाओं से भी जुड़ा हुआ है.

मनी लॉन्ड्रिंग और वोट जिहाद कनेक्शन मामले की छानबीन में जुटे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को अपनी छानबीन में पता चला है कि 255 बैंक अकाउंट्स में से कई एकाउंट्स गलत तरीके से हिंदू युवकों-युवतियों के नाम, एड्रेस और फर्जी आधार पर खोले गए थे, जिनका इस्तेमाल केवल बड़ी रकम इकट्ठा करने के लिए किया गया था. बाद में इन पैसों को व्यवस्थित तरीके से कई अन्य खातों में स्थानांतरित कर दिया गया.

इन 255 बैंक अकाउंट्स में कुछ राष्ट्रीयकृत बैंक भी शामिल हैं ईडी सूत्रों के मुताबिक इन अकाउंट्स से ट्रांसफर हुआ पैसे का इस्तेमाल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धार्मिक राजनीति और भड़काऊ गतिविधियों के लिए किया गया है. फिलहाल एजेंसी इन खातों, लेन-देन और व्यक्तियों के बीच संबंधों का पता लगा रही है.

255 बैंक अकाउंट्स से निकाले गए 379 करोड़ रुपये

ईडी सूत्रों के मुताबिक इन 255 खातों में से 379 करोड़ रुपये निकाले गए, जिनका इस्तेमाल विधानसभा 2024 चुनावों के दौरान सामाजिक विद्वेष के लिए किया गया. कथित तौर पर फंड का कुछ हिस्सा धार्मिक प्रचार को बढ़ावा देने, हिंदू-मुस्लिम संघर्षों को भड़काने और अनुसूचित और खानाबदोश जनजातियों और ओबीसी के बीच अशांति फैलाने के लिए कट्टरपंथी संगठनों को कैश में दिया गया था.

हाल ही में हुए चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों से कथित तौर पर जुड़े कुछ व्यक्तियों की पहचान की गई थी. हालांकि एजेंसी के अधिकारी लोगों के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं, क्योंकि नाम राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं और जांच महत्वपूर्ण चरण में है.

ईडी ने 255 बैंक खातों के कई खाताधारकों को समन जारी किया. कुछ अकाउंट होल्डर्स से पूछताछ में पता चला कि ये खाताधारक सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म में पार्टनर है या खुद सट्टेबाजी करते हैं. दरअसल इस तरह के सट्टेबाजों से जुड़े अकाउंट्स सट्टेबाजी से आए पैसे का उपयोग अस्थायी होल्डिंग स्टेशनों के रूप में किया जा रहा था. इन फंड्स का एक बड़ा हिस्सा बाद में निकाल लिया गया और संदेह है कि इसका इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों को समर्थन देने के लिए किया गया था.

बैंक अकाउंट्स से करोड़ों रुपए किए गए ट्रांसफर

ईडी को अपनी जांच में पता चला है कि अकाउंट्स के बताये गए उद्देश्य से मेल न खाने वाले लेन-देन, खाते की गतिविधियों में अचानक उछाल और समान नाम या पते के तहत खोले गए कई खाते सामने आये हैं.

जांच में यह भी पता चला कि फर्जी या गैर-मौजूद व्यवसायों के तहत रजिस्टर्ड खाते बिना किसी लीगल व्यवसाय के उच्च लेनदेन मात्रा दिखाते हैं. इनका उपयोग धन की ऑरिजनल सोर्स को छिपाने के लिए किया गया था.

जांच में पता चला कि इन 255 खातों से, कंपनियों, फर्मों और व्यक्तियों ने नासिक मर्चेंट बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र, मालेगांव शाखा में 19 खातों में लगभग 114 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए. इन 19 खातों को कथित तौर पर गिरफ्तार आरोपी सिराज मेमन ने धोखाधड़ी से खोला था, जिस पर इन लेनदेन को लीगल दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप है.

गिरफ्तार आरोपी नागनी अकरम मोहम्मद शफी और कथित मास्टरमाइंड महमूद भागड़, जिसे “चैलेंजर किंग” या “एमडी” के रूप में भी जाना जाता है, के आर्डर पर ये काम किया है. कथित मास्टरमाइंड महमूद भागड़ फिलहाल फरार है और देश से भाग गया है. मेमन मालेगांव में रहता था, जबकि शफी और भागड़ अहमदाबाद से हैं,

इन पांच फर्मों का नाम आया सामने

ईडी सूत्रों के मुताबिक ऑर्डर मिलने पर सिराज मेमन ने कथित तौर पर 14.60 करोड़ रुपये निकाले, जिसे बाद में अंगडिया चैनलों के जरिये मुंबई में भेजा गया. ईडी ने पाया कि हवाला व्यापारी को सौंपी गई नकदी को बाद में दुबई ट्रांसफर कर दिया गया था. जांच के अनुसार, बाकी पैसा , लगभग 100 करोड़ रुपये, कथित तौर पर मास्टरमाइंड, चैलेंजर किंग और शफी द्वारा दिए इनफार्मेशन के आधार पर आरोपी सिराज मेमन द्वारा 21 अन्य शेल कंपनी खातों में जमा की गई थी.

जांच में यह भी पता चला कि सिराज मेमन द्वारा निकाले गए और हवाला कारोबार के जरिए हस्तांतरित किए गए 14.60 करोड़ रुपये में से लगभग 7.5 करोड़ रुपये नकद दुबई स्थित पांच फर्मों को भेजे गए. ये वे फर्म हैं-

  1. स्मार्ट केयर जनरल ट्रेडिंग एलएलसी
  1. सेवन सीज इंटरनेशनल
  1. कोबाल्ट ट्रेडिंग
  1. सूर्या आईटी सॉल्यूशन एलएलसी
  1. प्रीमियम इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी लिमिटेड कंपनी

आतंकी गतिविधियों से जुड़े हैं तार

ईडी सूत्रों के अनुसार, ये फर्म मालेगांव के चाय और कोल्ड ड्रिंक विक्रेता सिराज मेमन के नाम पर पंजीकृत थीं, जो गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक है. हालांकि, जांचकर्ताओं को शक है कि महमूद भगद इन फर्मों का कथित असली लाभार्थी है.

भगद, जो वर्तमान में फरार है, कथित तौर पर कट्टरपंथी समूहों से जुड़ा हुआ है. अब तक, एजेंसी ने लगभग 20 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. 379 करोड़ रुपये के शेष हिस्से की जांच जारी है, जिसके संभावित आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने का संदेह है. और सावधानीपूर्वक प्रबंधित मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क है, जो कथित तौर पर राजनीतिक संस्थाओं से जुड़ा हुआ है.

‘वोट जिहाद’ जांच मामले में ED को मिले 255 बैंक अकाउंट्स, पैसों का भड़काऊ गतिविधियों के लिए होता था इस्तेमाल


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