MP News: उज्जैन: कांस्टेबल पापा की हुई मौत तो पांच साल के बेटे को बनाया बाल आरक्षक… SP ने खुद सौंपी जिम्मेदारी – INA
उज्जैन: कांस्टेबल पापा की हुई मौत तो पांच साल के बेटे को बनाया बाल आरक्षक… SP ने खुद सौंपी जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक ऐसा घटनाक्रम देखने को मिला, जिसमें एसपी प्रदीप शर्मा ने खुद एक 5 साल के बच्चे को अपनी गोद मे बैठकर अनुकंपा नियुक्ति पत्र दिया और उसके पिता कांस्टेबल स्वर्गीय लोकेश बिसारिया को अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन करने पर नमन भी किया. इस फैसले के बाद से ही कांस्टेबल लोकेश का परिवार काफी खुश नजर आ रहा है. साथ ही एसपी प्रदीप शर्मा की जिले में खूब चर्चा हो रही है.
एसपी प्रदीप शर्मा ने इस बारे में बताया कि कुछ माह महीने पहले झारड़ा में तैनात कांस्टेबल लोकेश बिसारिया की बीमारी के कारण मौत हो गई थी. ड्यूटी पर रहते हुए आरक्षक की मौत होने के बाद उनके परिवार के लोगों ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था. इसके बाद कांस्टेबल लोकेश के 5 साल के बेटे दैविक बिसारिया को बाल आरक्षक की अनुकंपा नियुक्ति का पत्र दिया गया है.
5 साल के बच्चे की हुई अनुकंपा नियुक्ति
बताया जा रहा है कि 18 साल की उम्र तक दैविक को बाल आरक्षक के रूप में ही काम करना होगा. इसके बाद उसका मेडिकल होगा. साथ ही उसे अपना चरित्र सत्यापन करवाना होगा. दसवीं पास करनी होगी. उसके बाद दैविक को पुलिस कांस्टेबल की नौकरी दे दी जाएगी. मुरैना जिले में रहने वाले कांस्टेबल लोकेश बिसारिया की मौत के बाद परिवारजनों के अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन में पहले लोकेश की पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति दी जाने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने को बाल आरक्षक बनाने की इच्छा जाहिर की थी.
दैविक को मिलेगी पिता की आधी तनख्वाह
जिस पर आज एसपी ने खुद दैविक को बाल आरक्षक की नियुक्ति का पत्र सौंपा है. बताया जाता है कि दैविक भले ही 5 वर्ष की उम्र में बाल आरक्षक बन गया हो, लेकिन उसे 18 साल की उम्र तक पिता की आधी तनख्वाह यानी की 9700 प्रति माह मिलेगी. वहीं आरक्षक की पत्नी को इस दौरान पेंशन भी दी जाएगी. बाल आरक्षक पद के बारे में जब जानकारी जुटाई गई, तो पता चला कि यह एक ऐसा पद होता है. जिसका मुख्य उद्देश्य दिवंगत पुलिसकर्मी के परिवार को एक प्रकार की सहायता प्रदान करना होता है.
एसपी ने दैविक को बिठाया गोद में
जिसके तहत परिवार के किसी एक सदस्य को बाल आरक्षक बनाया जाता है और फिर उन्हें दिवंगत की आदि तनख्वाह दी जाती है. जिससे कि उनके परिवार का भरण पोषण ठीक ढंग से हो सके. बुधवार दोपहर से एसपी प्रदीप शर्मा की गोद में बैठे दैविक का फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था. इस फोटो को देखकर कोई भी यह समझ नहीं पा रहा था कि आखिर ऐसा क्या मामला है कि एसपी की गोद में एक छोटा सा बच्चा बैठा हुआ है.
हालांकि, बाद में दैविक को अनुकंपा नियुक्ति पर बाल आरक्षक बनाए जाने की बात सामने आई थी. जिस पर लोगों ने पुलिस के इस कार्य की जमकर प्रशंसा की.
उज्जैन: कांस्टेबल पापा की हुई मौत तो पांच साल के बेटे को बनाया बाल आरक्षक… SP ने खुद सौंपी जिम्मेदारी
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