Nails Day 2025: ये 7 तरह के नाखून बताते हैं आपकी सेहत के बारे में

Nails Day 2025: आज यानी की 5 मई को नाखून दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य नाखूनों की देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाखून के रंग और बनावट से आप अपनी सेहत के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं. नाखून के बदलते रंग बताते हैं कि आपका शरीर अंदर से किन बीमारियों से जूझ रहा है.  अपने नाखूनों पर ध्यान देकर आप किसी भी तरह की गंभीर बीमारी से बच सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि नाखून से जु़ड़े किन लक्षणों को आपको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए. 

टूटे नाखून 

नाखूनों का बार-बार टूटना बताता है कि आपके नाखून कितने कमजोर हो चुके हैं. नाखून की ये स्थिति बताती है कि आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी है. जब नाखून तिरछे ढंग से टूटते हैं तो इसे ओनिकोस्चिजिया कहतें हैं. वहीं नाखून जब बढ़ने वाली दिशा में ही टूटते हैं तो इसे ओनीकोरहेक्सिस कहते हैं.

फीके नाखून

नाखून के रंग का हल्का पड़ा जाना उम्र बढ़ने का सामान्य संकेत है. 60 साल से अधिक उम्र के ज्यादातर लोगों के नाखून हल्के रंग के होते हैं. हालांकि फीके नाखून से शरीर में खून की कमी होना, कुपोषण, लिवर की बीमारी या फिर हार्ट फेलियर जैसी बीमारी हो सकती है. 

सफेद नाखून

कई बार चोट लगने पर हमारे नाखून सफेद हो जाते हैं लेकिन अगर आपके सभी नाखून धीरे-धीरे सफेद हो रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से इसके बारे में बात करनी चाहिए. सफेद नाखून के सिरे पर जब गुलाबी लाइन दिखाई देती है तो इसे टेरीज नेल कहा जाता है. इस तरह के नाखून लिवर से जुड़ी बीमारी, क्रोनिक किडनी डिजीज और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर जैसी बीमारियों का संकेत देते हैं.

पीले नाखून

पीले नाखून ज्यादातर फंगल इंफेक्शन की वजह से होते हैं. इस तरह के नाखून सोरायसिस, थायराइड और डायबिटीज के संकेत देते हैं. येलो नेल सिंड्रोम (YNS) नामक एक दुर्लभ बीमारी उन लोगों में पाई जाती हैं जिन्हे फेफड़ों से जुड़ी कोई समस्या होती है या फिर जिनके हाथ-पैरों में अक्सर सूजन रहती है. हालांकि विटामिन E की मदद से ये बीमारी अक्सर दूर हो जाती है.

नीले नाखून

नाखून के नीले पड़ जाने के कई कारण हो सकते हैं. इसे ब्लू पिगमेंटेशन नेल्स भी कहा जाता है. आमतौर पर ये चांदी के ज्यादा संपर्क में रहने की वजह से हो जाता है. मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल दवाएं, दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाली दवाएं और लिवर की दवाएं भी ब्लू पिगमेंटेशन का कारण बन सकती हैं. HIV के मरीजों के नाखून भी नीले पड़ जाते हैं.

नाखून में गड्डे बनना

नाखूनों पर छोटे-छोटे गड्ढे या धंसने के निशान होना सोरायसिस बीमारी का संकेत है. आमतौर पर ये डर्मेटाइटिस के मरीजों के नाखूनों पर देखा जाता है. ये त्वचा से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें स्किन पर चकत्ते के साथ तेज खुजली, जलन और सूजन होती है.

नाखूनों के नीचे गहरे रंग की रेखाएं

नाखून के नीचे गहरे भूरे/काले रंग की लकीर होने के कई कारण हो सकते हैं. ये स्किन कैंसर का एक लक्षण हो सकता है लेकिन इसकी जांच के लिए बायोप्सी की जानी जरूरी होती है. नाखून से जुड़े ये छोटे-छोटे लक्षण कई बीमारियों के बारे में बताते हैं. इसलिए इन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. . Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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