Nation- अनंत सिंह के 5 चर्चित किस्से: हाथी-अजगर पर सवाल पूछा तो नीतीश पर भड़के, बिहार सीएम को पीटने की धमकी दी- #NA

अनंत सिंह

मोकामा गैंगवार केस में बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. सिंह को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया है. 68 साल के अनंत सिंह 5 महीने पहले ही जेल से बाहर आए थे. सिंह को उस वक्त पटना हाई कोर्ट से राहत मिली थी. हालांकि, जेल जाना अनंत सिंह के लिए नई बात नहीं है.

9 साल की उम्र में अनंत सिंह पहली बार जेल गए थे. यह साल 1966 का था. इसके बाद से अब तक अनंत करीब 5 बार जेल जा चुके हैं. अनंत सिंह अपने पूरे जीवन में करीब 10 साल सलाखों के पीछे रहे हैं.

एसटीएफ के साथ मुठभेड़, गोली लगी तो भागे

2004 में स्पेशल टास्क फोर्स ने बाढ़ स्थित अनंत सिंह के घर पर रेड कर दिया. एसटीएफ की तरफ से घर पर ताबड़तोड़ गोलियां दागी गई. एसटीएफ का कहना था कि अनंत सिंह ने अपने घर पर ऐसे लोगों को शरण दे रखी थी, जिन्हें जांच एजेंसी लंबे वक्त से खोज रही थी.

इस मुठभेड़ में पुलिस के एक जवान समेत 8 लोग मारे गए थे. घटनास्थल से अनंत सिंह फरार हो गए थे. अनंत को भी इस मुठभेड़ में गोली लगी थी. बाद में अनंत सिंह ने पूरे मामले को लेकर राबड़ी देवी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाया.

अनंत सिंह उस वक्त तक राजनीति में नहीं थे. अनंत को अपने भाई दिलीप सिंह का सियासी शह मिला हुआ था. अनंत के भाई दिलीप निर्दलीय विधान परिषद के सदस्य थे. इस घटना के बाद अनंत ने भी राजनीति में आने की ठानी. उस वक्त अनंत नीतीश के करीब चले गए.

चांदी के सिक्कों से नीतीश को तौलवाया

2004 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार बिहार की बाढ़ और नालंदा सीट से मैदान में उतरे. बाढ़ में नीतीश का मुकाबला आरजेडी के विजय कृष्ण से था. नीतीश यहां से सांसद थे और कुछ परियोजना को लेकर लोगों में उनसे भारी नाराजगी थी. जाति समीकरण भी नीतीश के लिए मुफीद नहीं था.

बीएसपी ने इस चुनाव में आनंदी महतो को उतार दिया था. नीतीश ने चुनाव में अनंत सिंह का सहयोग लिया. कहा जाता है कि एक प्रचार के दौरान अनंत सिंह ने नीतीश को चांदी के सिक्कों से तौलवा दिया. उस वक्त बिहार में सिक्कों से तौलने की परंपरा खूब सुर्खियों में थी.

2004 में नीतीश बाढ़ से जीत तो नहीं पाए, लेकिन 2005 के चुनाव में उन्होंने अनंत सिंह का यह कर्ज टिकट देकर चुका दिया. अनंत को मोकामा से नीतीश ने जेडीयू का उम्मीदवार बना दिया.

सवाल पूछने पर पत्रकारों को बंधक बनाया

हाजिर जवाबी के लिए मशहूर अनंत सिंह 2007 में 2 पत्रकारों से इतना नाराज हो गए कि उन्होंने दोनों को बंधक बना लिया. दरअसल, 2007 में रेशमा खातून नामक एक युवती का शव पटना में मिला. शव के साथ एक पत्र भी था, जिसमें कहा गया था कि अनंत सिंह और उनके साथियों ने उनके साथ यौन शोषण किया.

इस घटना के बाद अनंत सिंह पर पुलिस का शिंकजा कसता चला गया. इसी बीच दो पत्रकार उनके घर इंटरव्यू को लेकर पहुंचे. कहा जाता है कि सवाल-जवाब के दौरान अनंत सिंह नाराज हो गए और दोनों को बंधक बना लिया.

घटना की सूचना मिलने के बाद पटना के तत्कालीन पुलिस कप्तान कुंदन कृष्णन ने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद पत्रकार रिहा हो पाए.

मुख्यमंत्री को दी मारने-पीटने की धमकी

यह वाकया फरवरी 2015 की है. जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री थे. इसी बीच नीतीश कुमार ने मांझी को हटाने का फैसला किया. मांझी ने इसका विरोध कर दिया, जिसके बाद नीतीश ने अनंत सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी. सिंह के जिम्मे जेडीयू विधायकों में तोड़फोड़ रोकने की जिम्मेदारी थी.

इसकी भनक लगते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अनंत सिंह की सुरक्षा हटा ली. अनंत सिंह ने इसके बाद मांझी के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया. एक इंटरव्यू में अनंत सिंह ने जीतन राम मांझी को मारने-पीटने की बात तक कह दी. अनंत के इस बयान पर हंगामा मच गया.

जीतन राम मांझी के भांजे उपेंद्र मांझी ने उस वक्त अनंत सिंह के खिलाफ गया के खिजरसराय थाने में केस दर्ज करवाया.

नीतीश ने हाथी पर सवाल पूछा तो बागी हो गए

2015 के विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार और अनंत सिंह के रिश्ते खराब हो गए. एक इंटरव्यू में अनंत सिंह ने कहा कि मेरे बारे में मीडिया में हाथी और अजगर की खबरें चलने लगी. मैं जब नीतीश से मिलने पहुंचा तो वे भी यह सवाल मुझसे पूछ दिए.

अनंत ने नीतीश से नाराजगी जाहिर की. इसके बाद उन्होंने नीतीश से दूरी बना ली. 2015 में निर्दलीय और 2020 में आरजेडी के सिंबल पर जीते.

अनंत के मुताबिक नीतीश कुमार ने जिस तरीके से मुझसे सवाल पूछा, वो गलत था. मुझे नीतीश 2004 से जानते हैं फिर 2015 में इस तरह का सवाल पूछना सही नहीं था.

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