Nation- गजब! वोटर जिंदा और पते पर मौजूद, फिर भी लिस्ट से कट गए नाम, जानें सबसे बड़े चुनावी मुद्दे जमीनी हकीकत- #NA
सांकेतिक तस्वीर.
दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं आरोप-प्रत्यारोप और भी तेज होते जा रहे हैं. इन दिनों सूबे में एक खास मुद्दे परजमकर सियासत हो रही है और वो है वोटर लिस्ट से वोटरों के नाम काटने का मुद्दा. आम आदमी पार्टी लगातार वोटरों का नाम लिस्ट से हटाने की बात कर रही है, हालांकि इन आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने सफाई भी दी है और इससे इनकार भी किया है.
भारत के चुनाव आयुक्त ने वोटर लिस्ट से वोटरों के नाम काटने के आरोपों पर सफाई दी थी और दावा किया था किसी भी वोटर का नाम ऐसे ही नहीं कट जाता लंबी प्रक्रिया है. चुनाव आयोग के मुताबिक भारत में किसी भी वोटर का नाम काटने के लिए उसके पते पर जाकर जमीनी पड़ताल की जाती है, उसके बाद उसे नोटिस दिया जाता है. इतना ही नहीं किसी बूथ पर अगर 2% से ज्यादा वोट कटे हैं तो Cross Verification भी किया जाता है.
इस बार 1087 में से 118 वोट काटे गए
लेकिन क्या ये सब कुछ इस चुनाव में हुआ? यह जानने टीवी 9 भारतवर्ष की टीम दिल्ली के सीलमपुर विधानसभा के न्यू उस्मानपुर इलाके के ब्लॉक 2 के बी 77 सी मकान नंबर पर पहुंची. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक इस विधानसभा में नवंबर और दिसंबर में 2 हजार 256 वोट कटे हैं. चुनाव आयोग के नए Electoral Roll यानी मतदाता सूची में बूथ नंबर 2 से इस बार 1087 में से 118 वोट काट दिए गए, जिसमें से ज्यादातर पर लिखा हुआ है “S” यानी शिफ्ट.
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टीवी 9 भारतवर्ष की पड़ताल
वोटर लिस्ट से कटे हुए नाम की लिस्ट में से एक जयप्रकाश के घर टीवी 9 भारतवर्ष की टीम पहुंची. हालांकि इस दौरान वो घर पर नहीं थे लेकिन उनकी मां मुक्तेश्वती देवी घर पर थी. मां ने बताया कि जयप्रकाश का जन्म न्यू उस्मानपुर में हुआ था और उनकी पढ़ाई भी यही पर हुई. जय प्रकाश का परिवार 3 दशक से ज्यादा समय से मतदाता पहचान पत्र में दर्ज पते पर रहते हैं, लेकिन इस परिवार के पांच लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया. वोट कटा तो कटा लेकिन ना BLO घर आई, न घर पर पड़ताल हुई और ना ही जवाब देने का कोई नोटिस आया.
परिवार के 5 लोगों का नाम वोटर लिस्ट से कटा
मुक्तेश्वती की उम्र 59 साल है. शादी के बाद से न्यू उस्मानपुर का बी 77 सी नंबर इनका घर है. उन्होंने हर चुनाव में वोट डाला और वो हर समय घर पर ही रहती हैं, लेकिन चुनाव आयोग की मतदाता सूची के मुताबिक इन्होंने अपना पता छोड़ दिया है और कहीं दूसरी जगह शिफ्ट हो गई हैं. मुक्तेश्वर की देवी का कहना है कि उनके परिवार के पांच लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काटा गया है और उनके घर कोई भी BLO या जांच कर्मी नहीं आया. उन्होंने बताया कि सालों से उनका परिवार इसी पते से हर चुनाव में वोट डाल रहा है.
परिवार के लोगों को नहीं दी कोई जानकारी
मुक्तेश्वती के परिवार के जिन पांच लोगों के नाम काटे गए उनमें मुक्तेश्वती, नीतू, जय प्रकाश, उर्मिला और राजेंद्र कुमार शामिल हैं. नीतू मुक्तेश्वती देवी की बहू हैं. शादी के बाद से वो अपने ससुराल में ही रह रही हैं. वोटर आईडी कार्ड पर भी वहीं पता का है, लेकिन उनका नाम वोटर लिस्ट से कट चुका है. चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों ने न घर आकर पूछा और ना ही नाम काटने से पहले बताया, बस लिस्ट में शिफ्ट लिख कर “Deleted” का ठप्पा लगा दिया.
दोबारा नाम जोड़ने की मांग
जिन लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं वह चाहते हैं कि उनका नाम दोबारा जुड़ जाए. क्योंकि जैसे चुनाव में किसी को अवैध रूप से मतदान करने का अधिकार नहीं है वैसे ही चुनाव में किसी को मतदान से रोकने की शक्ति भी किसी के पास नहीं है. ये लोग भी चुनाव में अपने वोट का इस्तेमाल करना चाहते हैं.
गजब! वोटर जिंदा और पते पर मौजूद, फिर भी लिस्ट से कट गए नाम, जानें सबसे बड़े चुनावी मुद्दे जमीनी हकीकत
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