Nation- बिहार: जन सुराज का दामन थाम सकते हैं JDU के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह, 7 महीने पहले बनाई थी नई पार्टी- #NA

आरसीपी सिंह

बिहार में सियासी पारा हाई होता जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह जल्द ही प्रशांत किशोर के साथ हाथ मिला सकते हैं. बताया जा रहा है कि दोनों नेता रविवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं, जिसमें आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है.

आरसीपी सिंह ने कुछ महीने पहले ही अपनी नई पार्टी ‘आप सबकी आवाज (AASA)’ की घोषणा की थी. उन्होंने संकेत दिए थे कि उनकी पार्टी बिहार की 140 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा, उन्होंने राज्य में लागू शराबबंदी कानून की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है और इस कानून में बदलाव की जरूरत है.

बिहार की राजनीति में देखने को मिल सकता है बड़ा बदलाव

अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि आरसीपी सिंह अपनी पार्टी का विलय प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज’ में कर सकते हैं या उनके साथ गठबंधन कर बिहार में राजनीतिक नई राह बना सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होगा और नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू को इसका सीधा असर झेलना पड़ सकता है.

अपनी नई पार्टी ‘आप सबकी आवाज़ (AASA)’ की शुरुआत करते हुए कहा था कि कि हमारी पार्टी का संविधान अन्य पार्टियों से अलग होगा. हम भारतीय संविधान की मूल भावना जैसे देश की एकता और अखंडता को पूरी तरह मानते हैं. हमारे पार्टी संविधान में वे सभी महत्वपूर्ण सिद्धांत शामिल किए गए हैं जो लोकतंत्र की नींव हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि 2025 का विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी पूरी तैयारी के साथ लड़ेगी और जो भी साथी मजबूती से लड़ना चाहेंगे, उन्हें चुनाव मैदान में उतारा जाएगा.

शराबबंदी पर भी उठाया था सवाल

आरसीपी सिंह ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून पर सवाल उठाते हुए कहा था कि किसी व्यक्ति के खानपान की आज़ादी छीनी नहीं जा सकती और इस कानून से राज्य को हजारों करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है. उन्होंने कानून में बदलाव की मांग की थी. कई मौकों पर प्रशांत किशोर भी नीतीश कुमार सरकार के शराबबंदी फैसले पर सवाल खड़े कर चुके हैं. उनका कहना है कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से नाकाम रही है. शराबबंदी असफल होने की वजह से राज्य में धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री हो रही है.

कल कर सकते हैं बड़ा ऐलान

जेडीयू से अलग होने के बाद आरसीपी सिंह के इस कदम को नीतीश कुमार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. रविवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में अगर यह गठबंधन आधिकारिक रूप से घोषित होता है, तो यह बिहार चुनाव 2025 के लिए एक नई राजनीतिक धुरी बन सकती है. हालांकि, काफी कल कल के होने वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी निर्भर करेगा कि आखिर आरसीपी सिंह क्या ऐलान करते हैं और क्या नहीं.

कौन हैं आरसीपी सिंह?

आरसीपी सिंह का पूरा नाम रामचंद्र प्रसाद सिंह है. उनका जन्म 6 जुलाई 1958 को नालंदा जिले के मुस्तफापुर गांव में हुआ था. वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी रहे हैं. उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और JNU दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त की. राजनीति में आरसीपी सिंह का प्रवेश 2010 में हुआ, जब उन्होंने VRS लेकर जेडीयू जॉइन की. वे लंबे समय तक नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद सहयोगी माने जाते थे. उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया गया और पार्टी में उन्हें रणनीतिकार की भूमिका मिली. बाद में वे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने.

बिहार: जन सुराज का दामन थाम सकते हैं JDU के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह, 7 महीने पहले बनाई थी नई पार्टी


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