Nation- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान… जीविका, PNB और बिहार सरकार ने मिलाया हाथ- #NA

जीविका, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से वित्तीय समावेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, हिमांशु शर्मा, पंजाब नेशनल बैंक के वरीय अधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित हुए. इस पहल का मकसद राज्य के स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को जीविकोपार्जन गतिविधियों के विकास के लिए क्रेडिट सहायता उपलब्ध कराना है. ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें.

इस बैंक लिंकेज कार्यक्रम के तहत जीविका स्वयं सहायता समूहों को 150 करोड़ रुपये ऋण दिए गए हैं. खास बात यह है कि यह सहयोग अब सिर्फ समूह स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि जीविका और पंजाब नेशनल बैंक मिलकर व्यक्तिगत ऋण (Individual Loan) की सुविधा भी प्रदान कर रहे हैं. इस पहल से वे महिलाएं, जो किसी विशेष उद्यम को स्वतंत्र रूप से शुरू करना चाहती हैं, अब बैंक से व्यक्तिगत स्तर पर ऋण प्राप्त कर सकती हैं.

इससे महिलाओं को अपनी आजीविका योजना को बड़े स्तर पर क्रियान्वित करने का अवसर मिल रहा है. साथ ही जीविका दीदियों को ग्राहक सेवा केंद्र संचालन करने हेतु निधि प्रदान की गयी. बीमा योजना से लाभान्वित 2 लाभार्थी के आश्रितों को 2-2 लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया.

इसी क्रम में लखपति दीदी योजना पर प्रमुखता से बात की गई. इस योजना का मकसद जीविका से जुड़ी प्रत्येक दीदी की वार्षिक आय ₹1 लाख या उससे अधिक करना है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बैंक लिंकेज एक सशक्त माध्यम बन रहा है. पंजाब नेशनल बैंक के सहयोग से जीविका की दीदियों को उनकी आयवर्धन योजनाओं हेतु पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.

लखपति दीदी कार्यक्रम के तहत चयनित दीदियों को विशेष प्रशिक्षण, बाजार से जोड़ने की सुविधा और अनुकूल वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है. इससे वे बुनियादी जीविकोपर्जन गतिविधियों से आगे बढ़कर सूक्ष्म- उद्यमिता की दिशा में अग्रसर हो रही हैं. पंजाब नेशनल बैंक द्वारा समर्थित ऋण योजनाएँ इन दीदियों को सशक्त उद्यमी बनाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं.

कार्यक्रम के दौरान 3 जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य बेबी रंजन, मनीषा देवी एवं शोभा देवी ने अपने अनुभवों को साझा किया कि आज वे समूह और बैंक से लोन लेकर लखपति बनी हैं. जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (CEO) हिमांशु शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री, बिहार की पहल है कि उन्होंने जीविका परियोजना की शुरुआत की. वित्तीय समावेशन केवल बैंक खाता खोलने तक सीमित नहीं है. यह महिलाओं को उनके जीवन और भविष्य संवारने की प्रक्रिया है.

पंजाब नेशनल बैंक जैसे संस्थानों के साथ हमारी साझेदारी इस दिशा में मील का पत्थर है. परियोजना द्वारा 12 हजार करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध कराई गई है और विभिन्न बैंकों के सहयोग से करीब 60 हजार करोड़ रूपये ऋण के रूप में स्वयं सहायता समूहों को प्रदान की गयी है. उन्होंने ग्रामीण महिलाओं से आह्वान किया कि वे इस अवसर का भरपूर लाभ लें और अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाएं.

Women Self Reliant Jeevika Pnb

पंजाब नेशनल बैंक के जीविका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अशोक चंद्र ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह भागीदारी केवल बैंकिंग सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है. उन्होंने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों में ऋण चुकता करने की प्रवृत्ति अत्यंत सकारात्मक रही है, जिससे बैंक को इन महिलाओं पर पूर्ण विश्वास है और वे दीर्घकालिक भागीदारी को लेकर प्रतिबद्ध हैं.

आज बैंक व्यक्तिगत ऋण उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है और पंजाब नेशनल बैंक इस वर्ष 50 हजार से अधिक जीविका दीदियों को व्यक्तिगत ऋण प्रदान करेगी I उन्होंने सदस्यों से कहाँ की किसी भी बैंकिंग परेशानी को अपने निकटतम शाखा के अधिकारी से साझा करें और निदान करें.

इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिए सुलभ प्रक्रिया अपनाई गई है. परियोजना और बैंक दीदियों को निरंतर सहयोग कर रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पहले की तुलना में अधिक संख्या में बैंकिंग प्रणाली से जुड़ रही हैं.

यह साझेदारी आने वाले समय में और मजबूत होगी और राज्य की लाखों दीदियों को आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर ले जाएगी. जीविका और पंजाब नेशनल बैंक मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बिहार की ग्रामीण महिलाएं न केवल लाभार्थी बनें, बल्कि वे समाज के आर्थिक विकास की भागीदार भी बनें.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान… जीविका, PNB और बिहार सरकार ने मिलाया हाथ


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