Nation- दिल्ली में खत्म हुआ कांग्रेस का संशय, राहुल गांधी की पहली रैली से सेट हुआ एजेंडा- #NA
दिल्ली चुनाव में अपनी पहली रैली में राहुल गांधी ने पीएम मोदी और केजरीवाल पर साधा निशाना
दिल्ली की सियासत में कांग्रेस दोबारा से खड़े होने को बेताब नजर आ रही है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को सीलमपुर से दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान का आगाज किया. राहुल ने अपने 21 मिनट के संबोधन में जिस अंदाज में पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा, उसी तेवर में आम आदमी पार्टी (AAP) और केजरीवाल पर भी आक्रमक नजर आए. पीएम मोदी और केजरीवाल पर निशाना साधते हुए राहुल ने दोनों ही नेताओं को दलित और ओबीसी विरोधी कठघरे में खड़े करते नजर आए. इस तरह से उन्होंने अपनी पहली ही रैली से कांग्रेस का चुनावी एजेंडा सेट कर दिया.
राहुल गांधी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही प्रचार-प्रसार और झूठे वादे करने की रणनीति पर अमल करते हैं. अपनी पहली जनसभा में उन्होंने वादा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस की सरकार बनने पर जातीय जनगणना करवाई जाएगी. साथ ही वह संविधान और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए अल्पसंख्यक, दलित और ओबीसी का विश्वास जीतने की कवायद करते नजर आए थे.
दिल्ली में कांग्रेस का आक्रामक अंदाज
दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के अब तक के आक्रामक अंदाज और तेवरों को पार्टी नेतृत्व ने अपने चुनाव अभियान में अगले पायदान पर ले जाने का जज्बा दिखाया तो माना जा रहा कि राजधानी का यह चुनाव बेहद रोचक मोड़ ले सकता है.
दिल्ली के चुनावी मुकाबले में प्रासंगिक बने रहने के लिए कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं के मद्देनजर राहुल गांधी की सीलमपुर में होने वाली पहली रैली पर सभी की निगाहें लगी थीं. ऐसे में उन्होंने अपनी पहली रैली में पीएम मोदी के साथ केजरीवाल और उनकी पार्टी के 10 साल के शासन की विफलताओं को लेकर आक्रामक रुख अपना कर तस्वीर साफ कर दी.
मोदी-केजरीवाल पर आक्रामक दिखे राहुल
कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में भले बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन दिल्ली की सत्ता पर केजरीवाल की पार्टी का कब्जा है. इसीलिए राहुल गांधी न केवल बीजेपी बल्कि आम आदमी पार्टी के 10 साल की विफलताओं पर हमला करने से कोई रियायत नहीं बरती. केजरीवाल पर व्यक्तिगत हमले करने के बजाय नीतिगत हमले किए.
राहुल गांधी ने केजरीवाल को आरक्षण की सीमा बढ़ाने और जाति जनगणना के विषय पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती दी. राहुल गांधी ने कहा कि क्या अरविंद केजरीवाल ने अडाणी बारे में कभी बोला? वो एक शब्द भी नहीं बोलते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे पीएम मोदी प्रचार और झूठे वादे करते हैं, वैसी ही रणनीति अरविंद केजरीवाल की भी है. इसमें कोई फर्क नहीं है. राहुल सवाल करते हैं, “केजरीवाल ने दिल्ली को पेरिस बनाने और भ्रष्टाचार खत्म करने वादा किया था, लेकिन उसे पूरा किया, क्या दिल्ली से भ्रष्टाचार कम हुआ? क्या दिल्ली में आप खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं?”
सामाजिक न्याय पर भी विपक्ष को घेरा
सामाजिक न्याय के मुद्दे पर राहुल गांधी ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों पर ही जमकर अटैक किए. उन्होंने कहा कि जब मैं जातिगत जनगणना की बात करता हूं तो नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता. ये दोनों ही नेता चाहते हैं कि पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को भागीदारी नहीं मिले. उन्होंने दावा किया कि मोदी और केजरीवाल लंबे-लंबे भाषण करेंगे, लेकिन जब भागीदारी देने की बात आएगी तो सिर्फ कांग्रेस इसे पूरा करेगी.
आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सार्वजनिक रूप से कहें कि वह आरक्षण की सीमा बढ़ाना चाहते हैं और जाति जनगणना करवाना चाहते हैं. राहुल ने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार आएगी तो हम राष्ट्रीय राजधानी में जाति जनगणना करवाएंगे. यह क्रांतिकारी काम होगा. देश में सरकार आएगी तो हम पूरे देश में यह काम करेंगे. इस तरह से राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल और पीएम मोदी को दलित और ओबीसी विरोधी कठघरे में खड़ा करने की कवायद की.
दलित-ओबीसी-मुस्लिम पर कांग्रेस की नजर
दिल्ली में कांग्रेस ने जय बापू, जय भीम, जय संविधान के नाम से रैली रखी थी, जिसके नाम से ही सियासी एजेंडा साफ है. राहुल की दिल्ली में पहली जनसभा उस क्षेत्र में रखी गई है, जहां पर कांग्रेस के वोट बैंक का अपना सियासी आधार है और चुनावी मुकाबला सीधे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से है. कांग्रेस ने राहुल गांधी की रैली के लिए मुस्लिम बहुल सीलमपुर इलाके को चुना. राहुल ने अपने संबोधन में दलितों को आबादी के हिसाब से आरक्षण देने का वादा किया.
मुस्लिम समुदाय को रिझाने के लिए कहा कि किसी धर्म के व्यक्ति या फिर किसी भी दलित-पिछड़े के खिलाफ अगर हिंसा होगी तो राहुल गांधी वहां पीड़ितों के साथ खड़ा रहेगा. उन्होंने कहा कि मोदी और केजरीवाल दोनों नहीं चाहते कि दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को उनका हक मिले. सिर्फ कांग्रेस ही समान भागीदारी और संविधान की रक्षा के लिए लगातार आवाज उठा रही है. आप सभी दिल्लीवासी इस फर्क को समझिए.
बीजेपी-संघ पर हमलवार रहे राहुल गांधी
कांग्रेस का गढ़ रहे मुस्लिम बहुल सीलमपुर से चुनावी रैली का आगाज करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये दोनों संविधान को खत्म करना चाहते हैं. वे नफरत फैलाते हैं और एक भाई को दूसरे भाई से लड़ाते हैं और लोगों को डराते हैं. साथ ही आश्वसान दिया कि हम बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ लड़ेंगे. राहुल ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में हम कन्याकुमारी से कश्मीर तक चले, जिसमें हमने और जनता ने नारा दिया कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है. कल भी हम विचारधारा की इस लड़ाई में बीजेपी-आरएसएस के खिलाफ थे, आज भी हैं और पूरी जिंदगी रहेंगे.
राहुल गांधी ने इस तरह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की बात की. उन्होंने कहा कि किसी भी जाति और धर्म के व्यक्ति के खिलाफ हिंसा होगी तो वह उस व्यक्ति के साथ खड़े होंगे, चाहे कुछ भी हो जाए, वह संविधान की रक्षा करेंगे. इस तरह राहुल गांधी अल्पसंख्यक समाज के दिल को जीतने की कवायद करते नजर आए. दिल्ली में एक समय मुस्लिम कांग्रेस का कोर वोटबैंक हुआ करता था, लेकिन आम आदमी पार्टी के उभरने के बाद वह केजरीवाल से साथ जुड़ गया है.
दिल्ली एमसीडी चुनाव में मुस्लिम बहुल इलाके में कांग्रेस दोबारा से मुस्लिमों का विश्वास जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद स्थिति बदल गई. यही वजह है कि अब कांग्रेस मुस्लिम वोटों को फिर से जोड़ने की कवायद में है, जिसके लिए राहुल गांधी ने संघ और बीजेपी पर आक्रमक रुख अख्तियार करके अपना एजेंडा साफ कर दिया. राहुल गांधी की तरह न ही अरविंद केजरीवाल और न ही आम आदमी पार्टी के दूसरे नेता हमलावर नजर आते हैं.
दिल्ली में खत्म हुआ कांग्रेस का संशय, राहुल गांधी की पहली रैली से सेट हुआ एजेंडा
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