Nation- दिव्यांग कोटे से बनीं अधिकारी, DJ पर लगाया ठुमका तो मच गया बवाल; वायरल हो रहा डांस का .- #NA

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के द्वारा इन दिनों मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती में दिव्यांग कोटे से की गई भर्ती में धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं. यह आरोप जिला आबकारी अधिकारी के पद पर चयनित हुई प्रियंका कदम पर लगाए जा रहे हैं. क्योंकि इन दिनों प्रियंका के डांस के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें वह ढोल की थाप पर नाचने के साथ ही डीजे पर भी थिरकती हुई दिखाई दे रही हैं.
पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की चयन प्रक्रिया में ऑर्थोपेडिक दिव्यांग कोटे से प्रियंका कदम का जिला आबकारी अधिकारी के पद पर चयन हुआ है, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उसके डांस के वीडियो के बाद सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर कोई दिव्यांग ढोल की थाप और डीजे पर कैसे डांस कर सकता है. वीडियो वायरल होने के बाद नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने के साथ ही. आरोप लगाया है कि प्रियंका कदम दिव्यांग नहीं है. उन्होंने फिर भी दिव्यांग कोटे का फायदा गलत तरीके से उठाया है. इस मामले की जांच होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती में धांधली के भी आरोप लगाए हैं.
लोगों की मानसिकता गलत
इस मामले में प्रियंका कदम ने कहा कि यह लोगों की गलत मानसिकता है. दिव्यांग केवल व्हीलचेयर पर होने वाले व्यक्ति को ही माना जा सकता है. पहले मैं वॉकर से चलती थी फिर स्टिक से चलने लगी और जब मेरा आत्मविश्वास बढ़ने लगा तो मैंने स्टिक की बजाय बिना सहारे के चलना शुरू कर दिया. डांस करना मेरा शौक है, इसीलिए मैं पेन किलर खाकर डांस करती हूं. डांस के बाद मुझे कुछ परेशानी भी होती है, लेकिन कुछ ऐसे आयोजन जो की काफी खास होते हैं. उसमें मैं शामिल होकर जरूर अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश करती हूं.
‘मेरे पास है सभी दस्तावेज’
प्रियंका कदम ने कहा कि हमारे बारे में गलत आरोप लगाए जा रहे हैं. मेरे पास सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि कूल्हे के पास दोनों पैरों की मेरी हड्डी खराब हो चुकी है. मेरे पैरों में राड डाली गई है. उसके बाद ही, हम अपना काम कर पा रहे हैं. 2017 में दिल्ली में मेरे पैरों में परेशानी आई थी जिसके बाद मैंने उज्जैन के एसएस हॉस्पिटल में इलाज कराया था. वर्ष 2019 में इंदौर के लाइफ लाइन हॉस्पिटल, मयंक हॉस्पिटल के साथ ही अन्य अस्पतालों में भी मेरा ट्रीटमेंट किया जा चुका है. मैं मध्यम परिवार से हूं, मेरे पिता ने मुझे मजदूरी करके और मां ने सिलाई करके पाला है. मैं अपनी मेहनत से इस पद पर पहुंची हूं. अगर कोई मुझ पर गलत आरोप लगाता है तो न्याय के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी जाउंगी.
दिव्यांग कोटे से बनीं अधिकारी, DJ पर लगाया ठुमका तो मच गया बवाल; वायरल हो रहा डांस का .
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