Nation- भट्ठी में जला दी गई 36000 करोड़ रुपये की ड्रग्स, पुलिस ने क्यों अपनाया ये तरीका?- #NA
शवदाह गृह में ड्रग्स जलाई गई. (फोटो-ANI)
अंडमान और निकोबार की राजधानी श्री विजयपुरम में पुलिस 36000 करोड़ रुपये के ड्रग्स (नशीली दवाओं) को भट्ठी में जला रही है. पुलिस का कहना है कि ये ड्रग्स इतनी खतरनाक है कि इसे खुले में नहीं जलाया जा सकता. पुलिस द्वारा पकड़ी गई ड्रग्स की खेप नशीले पदार्थों में देश की सबसे बड़ी खेप है. इस कार्रवाई की अगुआई खुद डीजीपी धालीवाल कर रहे हैं. उनका कहना है कि इसे नष्ट करने का यही एक विकल्प है.
डीजीपी ने बताया कि अगर इसे खुले में जलाया या गड्ढे में दफनाया तो इससे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता, जिससे ये लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता. उन्होंने बताया कि ये कार्रवाई नागरिक अधिकारियों से अनुमति लेकर की गई है. अंडमान-निकोबार पुलिस ने ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़ी थी. इसकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत करीब 36 हजार करोड़ रुपये है. इसके साथ ही पुलिस ने 6 विदेशी तस्करों को गिरफ्तार किया था. वह इस नशीले पदार्थों को मछली पकड़ने वाले जहाज पर 222 प्लास्टिक के बैग में रखकर ले जा रह थे. नेवी के एक जहाज ने इन्हें बैरन द्वीप के पास पकड़ा.
6 हजार किलो से ज्यादा नशीली दवाएं
श्री विजयपुरम में पुलिस द्वारा जब्त 36000 करोड़ रुपये की नशीली दवाओं के नष्ट किए जाने पर डीजीपी हरगोबिंदर सिंह धालीवाल ने कहा कि अंडमान और निकोबार पुलिस ने भारत की सबसे बड़ी जब्त 6000 किलोग्राम से अधिक की नशीली दवाओं को नष्ट करना शुरू कर दिया है. बड़ी मात्रा के कारण इसे जलाकर नष्ट किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि वह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और गृह मंत्रालय के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों के सहयोग के कारण रिकॉर्ड समय में इतनी बड़ी मात्रा को नष्ट कर सकते हैं.
#WATCH | Port Blair, Andaman & Nicobar | On the destruction of drugs worth Rs 36000 crore seized by police in Sri Vijayapuram, DGP Hargobinder Singh Dhaliwal said, “…Andaman and Nicobar Police have started destroying India’s largest drug seizure of over 6000 kg. Incineration is pic.twitter.com/ps6FeanRJn
— ANI (@ANI) January 12, 2025
ये अधिकारी भी रहे मौजूद
डीजीपी ने बताया कि इससे उत्पन्न प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है, क्योंकि जल निपटान, खुले में जलाना या मिट्टी खोदना जैसे अन्य सभी तरीके भस्मीकरण की तुलना में बहुत अधिक प्रदूषण पैदा करते हैं. इसके लिए नागरिक अधिकारियों से अनुमति ली गई थी. ड्रग्स को जलाने के दौरान डीजीपी के अलावा एसएसपी (सीआईडी) जितेंद्र मीणा, एसपी (मुख्यालय) मोहम्मद इरशाद हैदर और पुलिस अधिकारी गीता रानी वर्मा भी मौजूद रहे.
भट्ठी में जला दी गई 36000 करोड़ रुपये की ड्रग्स, पुलिस ने क्यों अपनाया ये तरीका?
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