Nation- पहले ब्रेनवॉश, फिर धर्मांतरण… क्या बंगाल की जेलों में चल रहा आतंकी नेटवर्क? STF की रिपोर्ट से खुलासा- #NA
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सांकेतिक तस्वीर
क्या पश्चिम बंगाल की बहरमपुर सेंट्रल जेल से आतंकी नेटवर्क फैलाने का काम किया जा रहा है? एसटीएफ की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है, जिसे कोर्ट को सौंपी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 के खगराहार विस्फोट मामले में बरहमपुर सेंट्रल जेल में बंद तारिकुल अपनी आतंकवादी गतिविधयों को अंजाम दे रहा है. उसने जेल में ही अपना जाल बिछा रखा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जेल से धर्मांतरण हो रहा है और फिर उग्रवादी गतिविधियों की शिक्षा दी जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में नादिया के थानापाड़ा पुलिस स्टेशन से बिप्लब बिस्वास नामक एक व्यक्ति को उग्रवाद से कथित संबंध के चलते गिरफ्तार किया गया था. कहा जाता है कि बिप्लब बिस्वास का जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के सदस्य तारिकुल के साथ संपर्क था. यहां तक कि उसका धर्म परिवर्तन भी तारीकुल द्वारा किया गया था. विशेष जांच दल के अनुसार, तारिकुल बहरमपुर जेल में बैठकर ये सारे अपराध करता था.
STF का दावा जेल में रहकर कराया धर्म परिवर्तन
एसटीएफ का दावा है कि तारिकुल ने बिप्लब का धर्म परिवर्तन करवाया और उसे अब्दुल नाम से एबीटी में शामिल किया था. उसके अलावा तारिकुल ने तीन और लोगों का धर्म परिवर्तन कराया. हालांकि, जेल के अंदर बैठकर उसके द्वारा किए गए कार्यों के पीछे की मंशा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, अक्टूबर 2014 में खगरागढ़ विस्फोट के बाद तारिकुल असम और पूर्वोत्तर भारत में कई जगहों पर छिप गया था. उस अवधि के दौरान, वे कथित तौर पर एबीटी या अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के एक सदस्य के साथ मिलकर क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था. एनआईए ने उसे 2015 में गिरफ्तार किया था.
कब हुआ था खगरागढ़ विस्फोट केस
पश्चिम बंगाल के बर्दवान के खगरागढ़ इलाके में 2 अक्टूबर 2014 को एक घर में विस्फोट हुआ था. इसमें दो आतंकवादियों की मौत हुई थी और तीसरा घायल हुआ था. घटना के बाद पुलिस ने 55 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस, आरडीएक्स, कलाई घड़ी के डायल और सिम कार्ड बरामद किए थे. इस मामले अगस्त 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने 19 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिनमेंजमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के सदस्यों और 4 बांग्लादेशी नागरिकों शामिल थे.
पहले ब्रेनवॉश, फिर धर्मांतरण… क्या बंगाल की जेलों में चल रहा आतंकी नेटवर्क? STF की रिपोर्ट से खुलासा
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