Nation- महाराष्ट्र में ‘तांगा पलट सियासत’, किस पर भारी पड़ेंगे एकनाथ शिंदे के तेवर?- #NA

‘मुझे हल्के में मत लीजिए, जिन्होंने मुझे हल्के में लिया है, उनसे मैं पहले ही कह चुका हूं. मैं एक सामान्य पार्टी कार्यकर्ता हूं, लेकिन मैं बालासाहेब का कार्यकर्ता हूं और सभी को मुझे इसी समझ से लेना चाहिए. इसलिए जब मुझे हल्के में लिया गया तो 2022 में तांगा पलट दिया’. ये बयान है महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का, जिसमें कई सवाल छिपे हैं. पहला सवाल वो किसके सियासी तांगे को पलटने की बात कर रहे हैं? इस पर उद्धव की पार्टी का क्या कहना है? क्या उनका इशारा महायुति की तरफ है? आइए इन सवालों के जवाब के साथ ही ये समझने की कोशिश करते हैं कि महाराष्ट्र में क्या सियासी खिचड़ी पक रही है.

पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे अपने बदले हुए रुख का ट्रेलर दे रहे हैं. दो दिन पहले उन्होंने कहा था कि उन्हें कोई हल्के में लेने की गलती ना करे. वो तांगा पलट देते हैं. आज फिर उन्होंने कहा कि वो पलटे तो तांगा पलट जाएगा. 2022 में वो तांगा पलट चुके हैं, जिन्हें ये इशारा समझना है वो समझ लें. एक तरफ शिंदे अपनी इस लैंग्वेज से राजनीतिक अनिश्चतिताओं के संकेत दे रहे थे. दूसरी तरफ दिल्ली में शरद पवार पीएम मोदी के साथ मराठी सम्मान का मंच साझा कर रहे हैं.

पीएम मोदी और शरद पवार की मित्रता

दरअसल, आज दिल्ली में अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मलेन का आयोजन किया गया था, इस मंच पर पीएम मोदी, शरद पवार और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे. इन तस्वीरों में पीएम मोदी और शरद पवार की मित्रता दिख रही थी. पीएम मोदी शरद पवार को बैठने में मदद करने के लिए कुर्सी दे रहे थे. उन्हें खुद से पानी का ग्लास ऑफर कर रहे थे. वैसे तो पीएम मोदी खुले मंच से शरद पवार की तारीफ करते हैं लेकिन सार्वजनिक मंच पर पीएम मोदी की इस बॉडी लैंग्वेज के राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं.

बीते दिन की भी एक तस्वीर काफी वायरल है. जब दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी एकनाथ शिंदे से मिले. बाकी नेताओं को पीएम मोदी नमस्कार करके आगे बढ़ रहे थे लेकिन जब वो शिंदे के पास पहुंचे तो काफी देर तक रुके, उनसे बात की. इस छोटी सी मुलाकात और बात से ये संकेत तो मिले की शिंदे पर पीएम मोदी की ठीकठाक राजनीतिक नजर है.

महायुति गठबंधन के भीतर दरार

दरअसल ऐसी खबरें चल रही हैं कि महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के भीतर दरार है. इसके पीछे तर्क ये है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हाल में तीन हाई-प्रोफाइल सरकारी कार्यक्रमों से अनुपस्थित रहे हैं. इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन, मराठा राजा का जयंती समारोह और थीम पार्क के उद्घाटन से शिंदे नदारद रहे. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार थे.

नासिक और रायगढ़ में संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति पर फडणवीस और शिंदे में पहले से असहमति की बातें कही जा रही थीं. नाराजगी की इन खबरों के बीच शिंदे गुट के विधायकों से वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली गई. फिर आग में घी डालने वाली खबर तब बनी जब शिंदे ने कहा कि वो तांगा पलटने की क्षमता रखते हैं.

शिवसेना नेता आनंद दुबे का बयान

इस पर आज पत्रकारों ने उनसे पूछा कि ये बयान किसके लिए था तो उन्होंने नाम किसी का नहीं लिया लेकिन ये कहा कि 2022 में वो तांगा पलटा चुके हैं. उनके इस बयान पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना नेता आनंद दुबे का कहना है कि शायद शिंदे जी देवेंद्र जी को सावधान रहने की चेतावनी दे रहे हैं.

ब्यूरो रिपोर्ट टीवी9 भारतवर्ष.

महाराष्ट्र में ‘तांगा पलट सियासत’, किस पर भारी पड़ेंगे एकनाथ शिंदे के तेवर?


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